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BA Geography All PracticalBA SEMESTER-IOCENOGRAPHY (समुद्र विज्ञान)PG SEMESTER-1

4. BOTTOM RELIEF OF ATLANTIC OCEAN / अटलांटिक महासागर के तलीय उच्चावच

4. BOTTOM RELIEF OF ATLANTIC OCEAN 

(अटलांटिक महासागर के तलीय उच्चावच)


BOTTOM RELIEF OF ATLANTIC OCEAN ⇒
BOTTOM RELIEF OF ATLANTIC OCEAN

           अटलांटिक महासागर पश्चिम में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका और पूर्व में यूरोप तथा अफ्रीका के मध्य 8.2 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अवस्थित है। यह संपूर्ण विश्व के क्षेत्रफल का 1/6 भाग तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रफल का 1/2 भाग है। इसका आकार अंग्रेजी के ‘S’ अक्षर के समान है जिससे यह प्रमाणित होता है कि प्रारंभ में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका यूरोप तथा अफ्रीका से मिले थे। बाद में महाद्वीपीय प्रवाह के कारण उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका अलग होकर पश्चिम दिशा में प्रवाहित हो गए। जिस कारण अटलांटिक महासागर का निर्माण हुआ।

       उत्तर में यह डेविस की खाड़ी तथा डेनमार्क जलडमरूमध्य एवं नार्वेजियन सागर द्वारा आर्कटिक सागर से जुड़ा हुआ है। अफ्रीका के दक्षिण में यह हिन्द महासागर से मिला हुआ है। अटलांटिक महासागर दक्षिण में सर्वाधिक चौड़ा है। 35° दक्षिणी अक्षांश पर इसकी पूर्वी-पश्चिमी चौड़ाई 5920 किलोमीटर है। भूमध्य रेखा की ओर यह निरंतर सँकरा होता जाता है। साओरोक अंतरीप तथा लाइबेरिया तट के बीच चौड़ाई 2560 किलोमीटर ही है। उत्तर की ओर चौड़ाई पुनः बढ़ती जाती है। 40° उत्तरी अक्षांश पर यह 4800 किलोमीटर हो जाती है। अटलांटिक महासागर के सीमांत सागरों में रूम सागर, कैरेबियन सागर, मेक्सिको की खाड़ी, बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, बैफिन की खाड़ी आदि प्रमुख है।

           अटलांटिक महासागर के नितल में निम्नलिखित चार प्रमुख रूप देखने को मिलते हैं:-

(1) महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf)

            कुछ भागों को छोड़कर अटलांटिक महासागर के चारों ओर चौड़े मग्नतट पाए जाते हैं। उत्तरी अटलांटिक महासागर में मग्नतट सर्वत्र सपाट एवं चौड़े हैं। मग्नतट की चौड़ाई समीपी तट के उच्चावच पर आधारित होती है। पर्वतीय अथवा पठारी तटों के मग्नतट अत्यधिक सँकरे और मैदानी तटों के मग्नतट अत्यधिक विस्तृत और समतल होते हैं। जैसे – बिस्के की खाड़ी से उत्तमाशा अंतरीप के बीच अफ्रीका का मग्नतट तथा 5°-10° S अक्षांश के बीच ब्राजील का मग्नतट सँकरा हो गया है। इसके विपरीत उत्तरी अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी भाग तथा उत्तरी-पश्चिमी यूरोप के मग्नतट 240 से 400 किलोमीटर तक चौड़े है। न्यूफाउंडलैंड (ग्रांड बैंक) तथा ब्रिटिश द्वीप (डागर बैंक) के चारों ओर विस्तृत मग्नतट पाए जाते हैं। ग्रीनलैंड तथा आइसलैंड के बीच मग्नतट चौड़े हैं। दक्षिणी अटलांटिक महासागर में बाहियाब्लैंक तथा अंटार्कटिका के बीच चौड़े मग्नतट पाए जाते हैं। अटलांटिक महासागर के दक्षिणी भाग में सँकरे मैदान मिलते हैं। इस महासागर के मग्नतटों पर कई सीमांत सागर तथा असंख्य द्वीप पाए जाते हैं।

(2) महाद्वीपीय मग्नढाल (Continental Slope)

        यह महाद्वीपों का अंतिम किनारा होता है। जिन-जिन क्षेत्रों में सँकरे महाद्वीपीय मग्नतट मिलते हैं वहाँ मग्नढाल तीव्र होता है और जिन क्षेत्रों में मंद ढाल वाले महाद्वीपीय मग्नतट मिलते हैं वहाँ पर महाद्वीपीय मग्नढाल भी मंद होता है। अटलांटिक महासागर में 12.4 प्रतिशत भाग पर मग्नढाल का विस्तार है।

(3) मध्य अटलांटिक कटक (Mid Atlantic Ridge)

           मध्य अटलांटिक कटक उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप तक ‘S’ अक्षर के आकार में 14400 किलोमीटर की लंबाई में फैला है तथा कहीं भी सागरतल से 4000 मीटर से नीचे नहीं जाता। इस श्रेणी की उपस्थिति ही अटलांटिक के नितल की सबसे बड़ी विशेषता है। भूमध्यरेखा के उत्तर इस कटक/श्रेणी को डॉल्फिन उभार तथा दक्षिण में चैलेंजर  उभार कहते हैं। आइसलैंड और स्कॉटलैंड के बीच इस कटक को विविल टामसन कटक कहते हैं। ग्रीनलैंड के दक्षिण में कटक चौड़ा हो जाता है जिसे टेलीग्राफ पठार कहते हैं। 50°N अक्षांश के पास इस कटक की शाखा न्यूफाउंडलैंड उभार के नाम से अलग न्यूफाउंडलैंड तट तक चली जाती है। 40°N अक्षांश के दक्षिण मध्यवर्ती कटक से एक शाखा अजोर उभार के नाम से अजोर तट की ओर जाती है। भूमध्यरेखा पर सियरा लिओन उभार उ०-पू० की ओर तथा पारा उभार उत्तर-पश्चिम की ओर मध्यवर्ती कटक की दो शाखाओं के रूप में चले जाते हैं। 40°S  अक्षांश के पास इस कटक की एक शाखा वालविस कटक अफ्रीका के मग्नतट की ओर तथा दूसरी शाखा रियोग्रांडे उभार के नाम से दक्षिण अमेरिका की ओर मुड़ जाती है।

(4) महासागरीय बेसिन या द्रोणी (Oceanic Basin)

          मध्यवर्ती अटलांटिक कटक द्वारा अटलांटिक महासागर दो विस्तृत बेसिनों में विभक्त है जिनमें अनेक छोटी-छोटी बेसिनें पायी जाती हैं। इनमें प्रमुख बेसिन निम्नलिखित है:-

(i) लेब्राडोर बेसिन- यह उत्तर में ग्रीनलैंड तथा दक्षिण में न्यूफाउंडलैंड के मध्य 4000 मीटर की गहराई तक फैली है।

(ii) उतरी अमेरिका बेसिन- यह उत्तरी अटलांटिक महासागर की सबसे बड़ी बेसिन है। जिसका विस्तार 12° से 40° उत्तरी अक्षांशों के मध्य उत्तरी अमेरिका के तट से 5000 मीटर की गहराई तक विस्तृत है।

(iii) ब्राजील बेसिन- यह दक्षिणी अटलांटिक महासागर में भूमध्य रेखा से 30° दक्षिणी अक्षांश तथा दक्षिणी अमेरिका के तट एवं पारा उभार के मध्य स्थित है।

(iv) स्पेनिश बेसिन- यह मध्य अटलांटिक कटक के पूर्व आईबेरियन के पास 30° से 50° उत्तरी अक्षांश के बीच 5000 मीटर की गहराई तक है।

(v) उत्तरी तथा दक्षिणी कनारी बेसिन- यह दो वृत्ताकार बेसिनों से मिलकर बनी है, जिसका विभाजन उच्च भाग द्वारा होता है।

(vi) केपवर्ड बेसिन- यह मध्य अटलांटिक कटक तथा अफ्रीका के मध्य 10° से 20° उत्तरी अक्षांशों के बीच 5000 मी० की गहराई तक विस्तृत है।

(vii) गायना बेसिन- यह गायना कटक तथा सियरा लियोन के मध्य उ०-प० से द०-पू० दिशा में 4000-5000 मी० की गहराई तक विस्तृत है।

(viii) अंगोला बेसिन- अफ्रीका के तट से प्रारम्भ होकर उ०-पू० से द०-प० दिशा में वॉलविस कटक तक 5000 मी० की गहराई तक विस्तृत है।

(ix) केप बेसिन – 25° से 45° द० अक्षांशों के मध्य अफ्रीका के पश्चिम में स्थित है।

(x) अगुल्हास बेसिन – उत्तमाशा अंतरिप के दक्षिण में 40° से 50° दक्षिणी अक्षांश के मध्य इसका विस्तार अधिक है।

(5) महासागरीय गर्त (Ocean Deeps)

        अटलांटिक महासागर में प्रमुख 19 गर्त पाए जाते हैं। इनमें प्यूर्टोरिको गर्त सबसे गहरा है जिसकी गहराई 4812 फैदम है। प्यूर्टोरिको गर्त उत्तरी अटलांटिक महासागर में कैरेबियन सागर के प्यूर्टोरिको द्वीप के पास स्थित है। अटलांटिक महासागर के तटों के सहारे अभिनव वलन की अनुपस्थिति के कारण गर्त कम पाए जाते हैं। 19 प्रमुख गर्तों में रोमांश गर्त, नरेस गर्त, बाल्डीबिया गर्त, बुचानन, मोसले, चुन, दक्षिणी सैनविच गर्त है।

निष्कर्ष 

       उपर्युक्त तथ्यों के विवरण से स्पष्ट होता है कि अटलांटिक महासागर के तलीय उच्चावच में भी अनेक विविधता पूर्ण विशेषताएँ देखने को मिलती है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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