Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

BA SEMESTER-IOCENOGRAPHY (समुद्र विज्ञान)PG SEMESTER-1

6. BOTTOM RELIEF OF PACIFIC OCEAN / प्रशांत महासागर के तलीय उच्चावच

6. BOTTOM RELIEF OF PACIFIC OCEAN

(प्रशांत महासागर के तलीय उच्चावच)


BOTTOM RELIEF OF PACIFIC OCEAN / प्रशांत महासागर के तलीय उच्चावच       BOTTOM RELIEF OF PACIFIC OCEAN                     

        प्रशांत महासागर तथा उसके तटवर्ती सागर सम्मिलित रूप से विश्व के एक तिहाई भाग पर फैले हुए हैं। प्रशांत महासागर एक विशाल त्रिभुज के आकार का है जिसका विस्तार उत्तर में बेरिंग जलडमरूमध्य तथा दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप के मध्य है। इसके पश्चिम में एशिया तथा आस्ट्रेलिया और पूर्व में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप है। प्रशांत महासागर उत्तर से दक्षिण 14000 किलोमीटर लंबा और भूमध्यरेखा पर इसकी चौड़ाई 16000 किलोमीटर से कुछ अधिक है। प्रशांत महासागर की औसत गहराई 4572 मीटर है। प्रशांत महासागर में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 20,000 द्वीप पाए जाते हैं। यदि पश्चिमी तट द्वीपों की भरमार से आवृत है तो पूर्वी तट पर इनकी संख्या विरल है।

          सामान्य तौर पर प्रशांत महासागर के तलीय उच्चावच का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत करते हैं।

(1) महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf)
               
         प्रशांत महासागर के मग्नतट उसके तटवर्ती क्षेत्रों की संरचना और बनावट पर निर्भर करते हैं। प्रशांत महासागर के पूर्वी तट पर मग्नतटों की चौड़ाई बहुत कम है। उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तटों के समानांतर क्रमशः रॉकी और एंडीज पर्वत मालाओं की उपस्थिति के कारण मग्नतट प्रायः अत्याधिक सँकरे हो गए हैं। उनकी औसत चौड़ाई 80 किलोमीटर है परंतु प्रशांत महासागर के पश्चिमी भाग में पर्वतों अथवा पठारों की समानांतर श्रृंखला के अभाव में मग्नतट अधिक विस्तृत है।
        ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी-द्वीप समूह तथा एशिया महाद्वीप से सटे मग्नतट का अपेक्षाकृत अधिक चौड़े हैं। इनकी औसत चौराहे 160 से 1600 किलोमीटर तक पाई जाती है। इन ग्नतटों की औसत गहराई 1000 मीटर से अधिक नहीं है। इन मग्नतटों पर प्रशांत महासागर के अनेक द्वीप (क्यूराइल, जापान द्वीप, फिलीपाइन्स, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड आदि)  तथा कई आंतरिक एवं सीमांत सागर (बेरिंगसागर, ओखोटस्क, जापान सागर, पीत सागर, चीन सागर सागर, जावा सागर, कोरल सागर आदि) स्थित है।
(2) महासागरीय कटक / श्रेणी (Ocean Ridges)
           
       प्रशांत महासागर में अटलांटिक महासागर तथा हिंद महासागर के समान मध्यवर्ती कटक नहीं है। कुछ बिखरे कटक अवश्य मिलते हैं। जैसे- पूर्वी प्रशांत कटक (अलबट्रास पठार) लॉर्डहोवे कटक, टुआमामार्ट कटक, कोकरा कटक, हवायन कटक, होंशू कटक इत्यादि इसमें प्रसिद्ध है। पूर्वी प्रशांत कटक जिसे अलबट्रास पठार के नाम से जानते हैं 1600 किलोमीटर की चौड़ाई में विस्तृत है।
         23°- 35° दक्षिणी अक्षांश के बीच इसकी दो शाखाएँ हो जाती है। पूर्वी शाखा चिली तट की ओर चली जाती है तथा पश्चिमी शाखा इस्टर्न आईलैंड राइज के नाम से दक्षिण की ओर चली जाती है। दूसरा प्रमुख कटक न्यूजीलैंड रिज है। ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के पश्चिम में क्वींसलैंड पठार प्रमुख कटक है। मध्य प्रशांत महासागर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कटक हवायन उभार है जो 960 किलोमीटर चौड़ा और 2640 किलोमीटर लंबा है।
 
(3) महासागरीय बेसिन/ मैदान/ द्रोणी (Oceans Besins)
                    
         प्रशांत महासागर के नितल का अधिकांश भाग गहरे अंत: समुद्री मैदानों से बना है। अन्य महासागरों की तुलना में इसमें अपेक्षाकृत अधिक गहरे अंत: समुद्री मैदान मिलते हैं। तट से मैदानों के में उतरते ही अचानक गहराई में वृद्धि हो जाती है। प्रशांत महासागर में कैलीफोर्निया के तट पर उत्तरी-पूर्वी बेसिन, जापान के तट पर उत्तरी-पश्चिमी बेसिन, पेरू एवं चिली के तट पर दक्षिणी-पूर्वी प्रशांत बेसिन और आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर दक्षिणी-पश्चिमी प्रशांत बेसिन, न्यूजीलैंड एवं पूर्वी आस्ट्रेलिया के बीच तस्मानियाँ बेसिन, फिजी द्वीप के दक्षिण में फिजी बेसिन स्थित है।
(4) महासागरीय गर्त /खाई (Ocean Deeps)
       
        प्रशांत महासागर में अभी तक 32 गर्तों की खोज की गई है। प्रशांत महासागर के अधिकांश गर्त पश्चिमी प्रशांत में मिलते हैं। ये गर्त या तो द्वीपीय चापों या पर्वतीय श्रृंखलाओं के समांतर पाए जाते हैं। प्रशांत महासागर में ही विश्व का सबसे गहरा गर्त मेरियाना ट्रेंच (11.02 Km) है जो फिलीपींस दीप के पूर्वी भाग में स्थित है।
         विश्व का दूसरा सबसे गहरा गर्त टोंगा गर्त (5022 मैदम) दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है। इसके अतिरिक्त प्रशांत महासागर में क्यूराइल, फिलीपाइन, करमाडेक, पेरू-चिल्ली, अल्यूशियन, मध्य अमेरिका, रिक्यू, नीरो, मरे, ब्रूक, बेली, प्लानेट इत्यादि प्रमुख गर्त हैं।
निष्कर्ष

      उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि प्रशांत महासागर के तलीय उच्चावच में भी अनेक विविधतापूर्ण विशेषताएँ मौजूद है। प्रशांत महासागरीय भूपटल भी महाद्वीपीय भूपटल के समान काफी जटिल संरचना वाले भूपटल है।


Read More:

Tagged:
I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

error:
Home