6. लैण्डसेट उपग्रह
6. लैण्डसेट उपग्रह
(Landsat Satellites)
लैण्डसेट उपग्रह
लैंडसेट उपग्रह को भू-संसाधन तकनीक उपग्रह (Earth Resource Technology Satellite-ERTS) कहते हैं। इसको संयुक्त राज्य अमेरिका के नासा द्वारा ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया। ERTS-1 का प्रक्षेपण 13 जुलाई, 1972 में किया गया था जो 6 जनवरी, 1978 से कार्य करना बन्द कर दिया था। यह तितली की आकृति का 3 मीटर लम्बा तथा 1.5 मी० अर्द्धव्यास का है। इस पर 4 मीटर लम्बे सौर्य ऊर्जा पैनल लगे हुये हैं। यह एक सूर्य तुल्यकालिक उपग्रह है जो भूमध्यरेखा को प्रत्येक पथ में ठीक एक समय (स्थानीय समय) पर पार करता है। लैंडसेट 1, 2 व 3 भूमध्यरेखा को सुबह 11 बजे पार करता है। सुबह के समय आसमान स्वच्छ एवं साफ रहता है जो कि सौर्य ऊर्जा के परावर्तन विशेषताओं के लिये तथा फोटोग्राफिक उपयोगों के लिये बहुत उपयुक्त होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के 43 राज्यों तथा 36 देशों में ERTS-1 में 300 प्रयोग किये गये थे। 22 जनवरी, 1975 को ERTS-B को अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित करने से पूर्व नासा (NASA) ने ERTS प्रोग्रम का नाम बदलकर ‘लैंडसेट’ (Landsat) प्रोग्राम रख दिया। इसके क्रम में जो भी उपग्रह छोड़े गये उनका नाम लैंडसेट रखा गया। इस प्रकार पांच लैंडसेट उपग्रह सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किये गये। लैंडसेट-6, प्रक्षेपण के दौरान असफल हो गया था।
लैंडसेट के उद्देश्य (Objects of Landsat):-
लैंडसेट का प्रमुख उद्देश्य सुदूर संवेदन तकनीक द्वारा बहुआयामी धरातलीय सूचनाओं को प्राप्त करना एवं इनको भू-स्थित केन्द्र (Ground Station) को भेजना है। दूसरा, प्राप्त आंकड़ों को भू-केन्द्र पर परिष्कृत कर उपयोग के योग्य तैयार करना तथा उपयोगकर्ता तक पहुँचाना है।
लैंडसेट उपग्रह की विशेषता (Characteristics of Landsat Satellite):-
लैंडसेट उपग्रह की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
1. यह उपग्रह ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर (82° उ० तथा 82° द०) अन्य सम्पूर्ण पृथ्वी के सुदूर संवेदन सूचनाओं को एकत्र करने की क्षमता रखता है।
2. सभी लैंडसेट पृथ्वी का एक चक्कर 103 मिनट में लगा लेते हैं तथा एक दिन में पृथ्वी का 14 चक्कर लगाते हैं।
3. सामान्य रूप से ये भूमध्यरेखा को 9° के कोण पर पार करते हैं जहाँ पर भूमध्यरेखा से इनकी दूरी 2760 किमी० होती है।
4. इनका दृश्यांश की चौड़ाई (Swath Width) लगभग 185 किमी० हैं।
5. यहाँ प्रतिदिन के क्रमिक घुमाव के मध्य बिम्ब विस्तार (Image Coverage) में लम्बे समय का अन्तर होता है। प्रत्येक आने वाले दिन में उपग्रह का घुमाव कक्षा धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ती जाती है। इसलिये बीते हुये दिन एवं आने वाले दिन के बिम्बों में अति व्यापन (Overlap) पाया जाता है।
6. लैंडसेट 1, 2 एवं 3 सम्पूर्ण पृथ्वी को 18 दिन में तय कर लेते हैं जबकि लैंडसेट 4 व 5 पृथ्वी को 16 दिन में तय कर लेते हैं।
7. इस प्रकार एक ही क्षेत्र के प्रति 16 अथवा 18 दिनों के अन्तराल पर बिम्ब प्राप्त होते रहते हैं। एक दृश्य को एक वर्ष में उपग्रह के द्वारा 20 बार तय किया जाता है।
8. भूमध्यरेखा पर अतिव्यापक (Overlap) 14% तथा अन्य अक्षांशों पर निम्न रहता है।
प्रश्न प्रारूप
Q. लैण्डसेट उपग्रह के उद्देश्य एवं विशेषताओं का वर्णन करें।
(Describe the objectives and characteristics of Landsat Satellites.)
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