Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

Remote Sensing and GIS

10. Projection / प्रक्षेप



Projection / प्रक्षेप

             गोलाकार पृथ्वी (Spherical Earth) के किसी भूभाग को समतल सतह पर ज्यामितीय विधियों के द्वारा प्रदर्शित करने की विधि को प्रक्षेप कहते हैं। वृहत मापनी पर बने मानचित्र, यथाआकृतिक प्रक्षे (Orthographic Projection) पर निर्मित होते हैं जबकि प्रायः वायु फोटोचित्र केंद्रीय प्रक्षेप (Central Projection) पर निर्मित होते हैं।

           यथाआकृतिक प्रक्षेप में किसी भी भाग की वही आकृति आती है जो उस क्षेत्र की ग्लोब पर है परन्तु केंद्रीय प्र में ऐसा प्रत्येक भाग में संभव नहीं है। ऊर्ध्वाधर वायु फोटोग्राममिति की आदर्श दशा यह हो सकती है यदि वायु फोटोग्राफी किया जाने वाला धरातल समतल तथा क्षैतिज रूप से समतल हो तो वायु फोटोचित्र ज्यामितीय रूप से वैसे ही होते हैं जैसे कि उस क्षेत्र के मानचित्र परन्तु प्रत्येक भूभाग में ऐसा संभव नहीं है। इसलिए कैमरा अक्ष के झुकाव (Tilt) तथा की धरातल की उच्चावचन विभिन्नताओं के कारण वायु फोटोचित्र ज्यामितीय रूप से उस क्षेत्र के मानचित्रों की तुलना में भिन्न होते हैं।

             वायु फोटोबिम्ब निर्वचन में प्रयोग की जाने वाली ज्यामितीय विधियों के आधार पर वायु फोटोबिम्ब के प्रक्षेपों के निम्न तीन प्रकार हैं-

प्रक्षेपों के प्रकार (Types of Projection)

1. समानान्तर प्रक्षेप (Parallel Projection)

2. लम्बकोणीय प्रक्षेप (Orthographic Projection)

3. प्रक्षेप (Central Projection)

1. समानान्तर प्रक्षेप (Parallel Projection):-

       इस प्रक्षेप में प्रक्षेपित किरणें, समानान्तर होती हैं। निम्न दिये गये उदाहरण में ABC त्रिभुज को LL रेखा पर प्रक्षेपित किया है जिसका प्रक्षेपण त्रिभुज abc है। चित्र से स्पष्ट है कि प्रक्षेपित किरण Aa Bb, Cc एक दूसरे के समानान्तर हैं।

Projection
Geometry of Photograph

2. लम्बकोणीय प्रक्षेप (Orthographic Projection):-

        इस दिशा में त्रिभुज ABC की किरणों को LL रेखा पर प्रक्षेपित किया गया है। (चित्र B) त्रिभुज की सभी किरणें LL रेखा पर समकोण बनाती हैं। यह समानान्तर प्रक्षेप की एक दशा है। एक निश्चित मापक पर बने मानचित्र लम्बकोणीय प्रक्षेप पर होते हैं।

           इस प्रक्षेप का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें दूरियाँ, कोण तथा क्षेत्र सभी किसी लक्ष्य के उच्चावचन अंतरों से स्वतंत्र होते हैं।

3. केंद्रीय प्रक्षेप (Central Projection):-

              उपर के चित्र C में केंद्रीय प्रक्षेप को दर्शाया गया है। इस प्रक्षेप में त्रिभुज ABC की सभी प्रक्षेपित किरणें Aa, Bb तथा Cc एक बिन्दु 0 से गुजरती है जिसको प्रक्षेप केंद्र (Projection Centre) या संदर्श केंद्र (Perspective Centre) कहते हैं। लेंस प्रणाली द्वारा (जिसे O बिन्दु माना गया है) प्रक्षेपित बिम्ब को केंद्रीय प्रक्षेप के रूप में पेश किया गया है। संदर्श केंद्र एवं लक्ष्य (Object) के मध्य का तल (Plane) पोजिटिव तल (Positive Plane) है। लेंस को एक संदर्श केंद्र के रूप में लिया गया है। सामान्यतः वायु कैमरों में दो संदर्श केंद्र होते हैं-

(i) बाह्य (External) संदर्श केंद्र तथा

(ii) आन्तरिक (Internal) संदर्श केंद्र

प्रधान दूरी (Principal Distance)-

         आंतरिक संदर्श केंद्र (Internal Perspective Centre) से फोटो तल की लम्बवत दूरी को प्रधान दूरी कहते हैं। फोटोतल पर लम्बवत दूरी का आधार प्रधान बिन्दु (Principal point) कहलाता है।

फिडूसियल निशान (Fiducial Mark)-

         उत्तम श्रेणी के समायोजित कैमरे द्वारा खींचे गये फोटोचित्रों के चारों किनारों के मध्य या विकर्ण रूप में चारों किनारों पर ‘V’ आकार के निशान लगे होते हैं जिन्हें फिडूसियल निशान (Fiducial Marks) कहते हैं। इनको सूचक चिह्न (Index Mark) भी कहते हैं। इनकी संख्या 4 होती है। ये कैमरे लेंस के साथ स्थाई रूप से कटे रहते हैं जो निगेटिव पर विम्ब बनाते हैं। ये बिम्ब फोटोग्राफ पर अंकित हो जाते हैं। इनके द्वारा प्रधान बिन्दु का निर्धारण किया जाता है।

प्रधान बिन्दु (Principal Point)-

          फोटोचित्र पर चारों फिडूसियल निशानों के प्रतिच्छेदन (Intersection) बिन्दु को प्रधान बिन्दु कहते हैं। इनके द्वारा फोटोचित्र आन्तरिक दिविन्यास (Orientation) आवश्यकता की पूर्ति की जाती है।

साहुल बिन्दु (Plumb Point)-

        संदर्श केंद्र से सीधे नीचे की ओर खड़ी उर्ध्वाधर रेखा जब फोटो तल पर मिलती है तो इस बिन्दु को साहुल बिन्दु कहते हैं।

टिल्ट (झुकाव/Tilt)- टिल्ट का अर्थ है झुकाव। कैमरे के ऑप्टिकल (Optical Axis) तथा साहुल रेखा (Plumb Line) के मध्य जो कोण बनता है उसे झुकाव अथवा झुकाव कोण कहते हैं।

        इसे इस प्रकार भी समझा जा सकता है कि यह धरातल तल (Ground Plane) तथा फोटो तल (Photo Plane) के मध्य का कोण झुकाव कोण है। इसे निम्न चित्र में समझाया गया है। खड़े रूप में कैमरा अक्ष के विचलन कोण को कोण कहते हैं।

टिल्ट (झुकाव
Tilt

           इस प्रकार झुकाव के दो प्रमुख घटक (Components) है। पहला उड़ान दिशा X अक्ष की तथा दूसरा उड़ान दिशा के खड़े रूप में Y की ओर। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि झुकाव को दो दिशाओं की ओर निर्धारित किया जाता है।

(i) पहला घटक ‘Y’ अक्ष के बारे में है। जब झुकाव उड़ान दिशा (X अक्ष) की ओर है तो इसे अनुदैर्ध्य (Lontigudinal) या ‘X’ झुकाव या अग्र (Fore) या प्रवण (Apt) टिप (Tip) झुकाव कहा जाता है। इसे  Φ(फाई Phi) के द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है।

(ii) दूसरा घटक ‘X’ अक्ष के बारे में है। जब झुकाव ‘Y’ दिशा की ओर खड़े रूप में होता है तो उसे पार्श्विक झुकाव (Lateral Tilt) या ‘Y’ झुकाव या साधारण कहा जाता है। इसे ω (ओमेगा Omega) के द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है।

नादिर बिन्दु (Nadir Point)-

           नीचे के चित्रों में संदर्श विन्दु 0 से एक खड़ी रेखा ON पर बिन्दु ‘n’ पर मिलती है जिसे फोटो अधोबिन्दु (Nadir Point) कहते हैं तथा भूमि पर बिन्दु ‘N’ भूमि अधोबिन्दु (Nadir Point) कहलाता है।

नादिर बिन्दु
Photo Nadir Point

फिडूसियल केंद्र (Fiducial Centre)-

      फोटो तल पर संदर्श बिन्दु (O) से साहुल रेखा का पाद या आधार (p) प्रधान बिन्दु (Principal Point) कहलाता है। इस प्रकार संदर्श बिन्दु (O) तथा प्रधान बिन्दु (p) के मध्य की खड़ी दूरी प्रधान दूरी (Principal Distance) कहलाती है।

प्रधान दूरी (Principal Distance)-

         जैसा कि पहले स्पष्ट किया जा चुका है कि फोटोग्राफ में प्रधान बिन्दु की स्थिति का निर्धारण फिडूसियल चिह्नों के प्रतिच्छेदन बिन्दु से की जाती है। फिडूसियल अक्ष के प्रतिच्छेदन बिन्दु को फिडूसियल केंद्र भी कहते हैं।

फोटो झुकाव के कारण (Reasons for Photo Tilt)

        विभिन्न दिशाओं में झुकाव होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

1. वायुमण्डलीय दशा (Atmoshperic Conditions)

2. पायलेट की गलती के कारण (Human Error of the Pilot)

3. कैमरे की त्रुटि के कारण (Imperfection of Camera)

           टिल्ट अथवा झुकाव के प्रभाव से फोटो बिम्ब विकृत हो जाता है।

दोलन (Swing)-

       दोलन फोटोतल पर मापा जाने वाला एक कोण है जो कि उड़ान दिशा की ओर फिडूशियल अक्ष तथा वास्तविक उड़ान रेखा के मध्य में बनता है। इस कोण को λ(कापा Kappa) द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है।

प्रक्षेप
Swing

समकेंद्र (Isocentre)-

      झुकाव के कोण का अर्द्ध विभाजन फोटो तल के समकेंद्र पर प्रतिच्छेदन करता है जिसे फोटो समकेंद्र (Photo Isocentre) कहते हैं। जब यह अर्द्ध विभाजक भूमि तल पर मिलता है तो इसे भूमि समकेंद्र (Ground Isocentre) कहते हैं। इन बिन्दुओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यदि धरातल समतल होता है तो इन बिन्दुओं पर कोण शुद्ध होते हैं।

प्रश्न प्रारूप

Q. प्रक्षेप से क्या आशय है? इसके प्रकार की विवेचना करें।

(What do you mean Projection? Discuss its types.)



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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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