Unique Geography Notes हिंदी में

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SETTLEMENT GEOGRAPHY (बस्ती भूगोल)

21. Sector Theory (खंड सिद्धांत)

21. Sector Theory (खंड सिद्धांत)



      Sector Theory

        1939 में अमेरिकी नगरीय अर्थशास्त्री होमर हॉयट ने संयुक्त राज्य अमेरिका के कुल 142 नगरों के भूमि उपयोग आंकड़ों के आधार पर नगरों की आन्तरिक संरचना एवं विकास के सम्बन्ध में खण्ड सिद्धान्त प्रस्तुत किया। हॉयट ने बर्गेस के संकेन्द्रित क्षेत्र सिद्धान्त में रही कुछ कमियों को दूर करते हुए अपने इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है। इस सिद्धान्त के अनुसार नगरीय भूमि उपयोग का प्रारूप परिवहन मार्गों के विन्यास के अनुरूप विकसित होता है।

       नगर के केन्द्र से विभिन्न दिशाओं में जाने वाले परिवहन मार्गों के सहारे भूमि उपयोग और किराया-मूल्यों का प्रारूप खण्डीय रूप (Sectoral Pattern) में विकसित होता है। विकसित हुआ यह खण्ड प्रारूप पुनः नगरीय भूमि उपयोग प्रारूप को प्रभावित करता है।

       हॉयट के अनुसार नगर के एक खण्ड में विद्यमान सर्वाधिक किराया वाले आवासीय क्षेत्र का विस्तार उसी खण्ड में बाह्य भाग की ओर होता है। इसी प्रकार निम्न किराया वाले आवासीय क्षेत्रों का विकास बाह्य भाग की ओर होता है, लेकिन विभिन्न दिशाओं में हो सकता है।

       हॉयट के अनुसार भूमि उपयोग की दृष्टि से नगर कई खण्डों में बंटा होता है, जो कि नगर के केन्द्र से बाहर की ओर फैले रहते हैं। नगर केन्द्र के निकट जिस प्रकार का भूमि उपयोग मिलता है, बाहर की ओर भी उसी दिशा में उसी प्रकार का भूमि उपयोग मिलता है, जैसे नगर के पूर्वी भाग में उच्च आवासीय क्षेत्र नगर के पूर्वी भाग की बाह्य सीमा की ओर ही बढ़ेगा।

       हॉयट के अनुसार नगर में पांच प्रकार के खण्ड पाए जाते हैं:-

1. केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र,

2. थोक व्यापार एवं हल्का विनिर्माण क्षेत्र,

3. निम्न श्रेणी आवासीय क्षेत्र,

4. मध्यम श्रेणी आवासीय क्षेत्र,

5. उच्च श्रेणी आवासीय क्षेत्र।

       केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र की स्थिति संकेन्द्रित क्षेत्र सिद्धान्त की भांति ही नगर के केन्द्र में होती है। थोक व्यापार एवं हल्का विनिर्माण क्षेत्र केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र से प्रारम्भ होकर दो विभिन्न खण्डों में परिधि की सीमा तक फैला हुआ होता है। निम्न श्रेणी के आवासीय क्षेत्र भी विनिर्माण उद्योग खण्ड के सन्निकट दोनों ओर फैले त्रिज्या खण्डों में एवं केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र के एक ओर सीमा पर पाए जाते हैं।

      मध्यम वर्ग के आवासीय क्षेत्र उच्च श्रेणी के आवासीय खण्ड के सहारे दोनों तरफ तथा निम्न श्रेणी आवासीय खण्ड के बाहर की ओर पाए जाते हैं। उच्च श्रेणी आवासीय क्षेत्र एक या एक से अधिक खण्डों की बाहर की सीमा पर बसा मिलता है। आर्थिक स्तर के अनुसार विभिन्न वर्गों के आवासीय क्षेत्र स्थिर न होकर परिवर्तनशील होते हैं, किन्तु सामान्यतः उसी खण्ड की बाह्य सीमाओं की ओर बढ़ते हैं।

      हॉयट के अनुसार श्रेणी के आवासीय क्षेत्रों के बढ़ने की प्रवृत्ति निम्नलिखित भागों में पाई जाती है:

(i) अपने उत्पत्ति बिन्दु से प्रमुख मार्गों के सहारे या भवनों की अन्य विद्यमान नाभि या व्यापारिक केन्द्रों की ओर,

(ii) बाढ़ से सुरक्षित ऊंचे धरातल या झील, खाड़ी, नदी और महासागरीय सीमान्त की ओर,

(iii) नगर के उस क्षेत्र की ओर जो खुला हुआ हो,

(iv) सामुदायिक नेताओं और विशिष्ट व्यक्तियों के घरों की ओर,

(v) तीव्रतम यातायात मार्गों के सहारे।

      हॉयट के अनुसार सुसज्जित उच्च आवासीय फ्लेट वाले क्षेत्र, पुराने आवासीय क्षेत्र के व्यापारिक केन्द्र के निकट भी स्थापित होने की प्रवृत्ति रखते हैं। साथ ही जायदाद एवं भूमि सम्पदा व्यवसायी भी उच्च श्रेणी आवासीय क्षेत्रों की वृद्धि की दिशा को मोड़ सकते हैं।

        उच्च किराया आवासीय क्षेत्र हॉयट के सिद्धान्त का आधार है जिसे हॉयट ने 30 अमेरिकी नगरों के उच्च आवासीय क्षेत्रों के आरेखों द्वारा पुष्ट किया है। उच्च किराया आवासीय क्षेत्र नगरीय भूमि उपयोग संरचना के आकार निर्धारण में मुख्य भूमिका निभाता है। हॉयट ने अपने सिद्धान्त में संकेन्द्रित सिद्धान्त के प्रति उठाई गई आपत्तियों जैसे, उद्योगों की स्थिति एवं यातायात मार्गों पर पूरा ध्यान दिया है साथ ही नगर के भावी विकास एवं विस्तार का भी ध्यान रखा है।

        डब्ल्यू. फायरे ने बोस्टन के भूमि उपयोग का अध्ययन करके खण्ड सिद्धान्त में विद्यमान कमियों को उजागर किया है। इनका कहना है कि धरातलीय दशाएँ और जलीय भाग खण्ड प्रतिरूप को विकृत कर सकते हैं तथा भूमि उपयोग को निर्धारित करते समय सिद्धान्त में सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारकों के योगदान को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया है।

        फायरे ने बोस्टन के बेकोनहिल उच्च श्रेणी आवासीय क्षेत्र का उदाहरण देकर बताया है कि इसके विकास का कारण इसकी अवस्थिति नहीं है, अपितु सामाजिक काण है। नगरों की सम्पूर्ण संरचना के स्थान प हॉयट ने अपने सिद्धान्त को मात्र आवासीय वृद्धि जैसे विशिष्ट सन्दर्भ में ही लागू किया है। स्वयं हॉयट ने अपने सिद्धान्त का पुनर्मूल्यांकन आधुनिक यातायात के साधनों एवं अन्य परिवर्तनों के सन्दर्भ में 1964 में किया।

प्रश्न प्रारूप

नगरों की आन्तरिक संरचना एवं विकास के संबंध में प्रतिपादित खंड सिद्धांत (Sector Theory) का समालोचनात्मक वर्णन कीजिए।

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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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