8. The Distribution & Production of Copper in World (विश्व में ताँबा के वितरण एवं उत्पादन)
8. The Distribution & Production of Copper in World
(विश्व में ताँबा के वितरण एवं उत्पादन)
ताँबा एक ऐसी धातु है जिसका प्रयोग अति प्राचीन काल से मानव समाज करता आ रहा है। ईसा से हजारों वर्ष पूर्व मानव समाज को ताँबे का ज्ञान प्राप्त हो गया था जिसके आधार पर उस युग को ताँब युग के नाम से जाना जाता है। आज से 6000 वर्ष पूर्व ताँबे का प्रयोग बर्तन और हथियार बनाने के लिए मिस्र तथा मेसेपोटामिया में होने लगा था।
आधुनिक युग में ताँबे का विभिन्न कार्यों में प्रयोग होता है। इसका सबसे गुणकारी प्रयोग बिजली के उपकरणों में होता है क्योंकि वह सबसे अच्छा जंग रहित विद्युत उपचालक धातु है। इसके अतिरिक्त मोटरगाड़ी, रेल इन्जन, वायुयान आदि में प्रयोग होता है। इसका प्रयोग अन्य धातुओं के साथ मिश्रण करके भी किया जाता है। औसतन 40 प्रतिशत ताँबा बिजली के सामान, 45 प्रतिशत मशीन और 4.5 प्रतिशत अन्य धातुओं के साथ मिश्रण कर प्रयोग किया जाता है।
प्रधानतः शुद्ध रूप, ताँबा ऑक्साइड, सल्फाइड कार्बोनेट, क्लोराइड आदि रूपों में पाया जाता है। अब शुद्ध रूप में बहुत कम ताँबा प्राप्त होता है। अतः अनेक खनिजों और चट्टानों के साथ मिश्रित रूप में पाया जाता है। ताँबे के साथ सीसा, जस्ता, टिन, सोना, चाँदी और निकेल भी पाये जाते हैं।
विश्व वितरण एवं उत्पादन
ताँबे के उत्पादन में बहुत अधिक क्षेत्रीय उतार-चढ़ाव होता रहता है, लेकिन विश्व स्तर पर इसका उत्पादन निरन्तर बढ़ता रहा है। 1957 में विश्व का उत्पादन मात्र 3412 हजार मीट्रिक टन था जो बढ़कर 1964-65 में 5400 और 1978 में 7890 मीट्रिक टन हो गया। 1986-87 में विश्व का उत्पादन बढ़कर 9223 हजार मीट्रिक टन था, जो 1990 में घटकर 8969 हजार मीट्रिक टन रह गया, परन्तु 2006 में पुनः उत्पादन बढ़कर 15100 हजार मीट्रिक टन हो गया।
ताँबा के संचित भण्डार के दृष्टिकोण से चिली, संयुक्त राज्य अमेरिका, जाम्बिया, जायरे, पेरू, पूर्व सोवियत संघ और कनाडा अग्रणी देश हैं। उत्पादन में चिली, संयुक्त राज्य अमेरिका, इण्डोनेशिया, पेरू, आस्ट्रेलिया, रूस, चीन, कनाडा, पोलैण्ड और जाम्बिया अग्रणी देश हैं, जो विश्व का 83 प्रतिशत से अधिक ताँबा उत्पादित करते हैं।
अमेरिकी देश:
तांबे के उत्पादन में संयुक्त राज्य अमेरिका हमेशा प्रथम स्थान पर रहा है। 1948 में यहाँ विश्व का 37 प्रतिशत ताँबा उत्पादन हुआ था लेकिन अन्य देशों में उत्पादन वृद्धि के कारण 1977 में उसकी विश्व में सापेक्षिक स्थिति घट कर 17 प्रतिशत पर पहुँच गयी। 2006 में यहाँ विश्व का 8.1 प्रतिशत उत्पादन हुआ था। यहाँ का प्रथम उत्पादन मिशिगन के केवीन अन्तरीप में शुरू हुआ। यद्यपि वहाँ का ताँबा निम्न कोटि का है।
यहाँ का दूसरा महत्त्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्र मोण्टाना राज्य का बुट्टा क्षेत्र है, जो न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका अपितु विश्व में अग्रणी उत्पादक है। यहाँ ताँबे के साथ सोना, सीसा, मँगनीज और जस्ता भी निकाला जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र को सबसे अधिक ताँबा सम्पन्न क्षेत्र कहा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अन्य उत्पादक क्षेत्रों में एरिजोना राज्य का मोरेन्सी और सान मैनुअल क्षेत्र, नेवेदा राज्य का एली एवं एरेग्टन क्षेत्र तथा ऊटा का विघन क्षेत्र प्रमुख हैं।
कनाडा:-
विश्व का लगभग 4.0 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करता है। 2006 में यहाँ 607 हजार मीट्रिक टन ताँबा उत्पादित हुआ था। इसका अधिकांश उत्पादन चार क्षेत्रों से प्राप्त होता है, यथा- आन्टोरिया राज्य का साइबरी क्षेत्र जो देश के कुल उत्पादन का पचास प्रतिशत से अधिक ताँबा उत्पादित करता है। यहाँ देश का बीस प्रतिशत ताँबे के भण्डार है। इस क्षेत्र से ताँबे के साथ निकेल भी उत्खनित होता है।
दूसरा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र नोरन्दा रोना क्षेत्र है जो देश का बीस प्रतिशत से अधिक तांबा उत्पादित करता है। यहाँ ताँबा और सोना साथ-साथ प्राप्त किये जाते हैं। तीसरा क्षेत्र मैनीटोवा, सस्कैचवान है। फ्लिन-फ्लोन क्षेत्र तथा बैरोबर के उत्तर में स्थित ब्रिटेनिया में भी अच्छे किस्म का ताँबा उत्पादित होता है। यह विश्व का आठवाँ बड़ा ताँबा उत्पादक देश है।
मैक्सिको:-
मैक्सिको विश्व का सोलहवाँ बड़ा ताँबा उत्पादक देश है। 2006 में इसका योगदान लगभग 1.0 प्रतिशत था।
चिली:-
चिली तीव्र उत्पादन के कारण यह विश्व का प्रथम बड़ा ताँबा उत्पादक देश बन गया है। 2006 में यहाँ विश्व का 35.5 प्रतिशत ताँबा उत्पादित हुआ था। यहाँ की ताँबा की खानें चिक्वकामाटा एवं तेनियेन्स, एल सल्वाडोर एवं अफ्रीकाना से देश का नब्बे प्रतिशत से अधिक ताँबा उत्पादित होता है। चिक्वकामाटा की खान विश्व की बृहत्तम खानों में से एक है। यहाँ एक अरब मीट्रिक टन से अधिक ताँबा भण्डार है।
मध्य चिली में स्थित एलतेनियेन्स की खान विश्व की सबसे गहरी खान है। चिली के अन्य उत्पादक क्षेत्रों में पोमेटिलोज का हनाम क्षेत्र भी विशेष उल्लेखनीय है। यहाँ का अधिकांश ताँबा निर्यात किया जाता है, जिससे देश को प्राप्त होने वाली आधी विदेशी मुद्रा ताँबे से प्राप्त होती है।
पेरु:-
यह विश्व का तीसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ प्रति वर्ष 1050 हजार मीट्रिक टन से अधिक ताँबा उत्पादित होता है, जो विश्व का 7.0 प्रतिशत है। यहाँ का प्रमुख ताँबा उत्पादन क्षेत्र सेहों पास्को रहा है जहाँ का भण्डार अब समाप्त होने लगा है। दूसरा प्रमुख क्षेत्र टोक्वे माला के समीप स्थित है, जो एण्डीज पर्वत पर लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। अनुमानतः यहाँ पैंतालीस करोड़ मीट्रिक टन ताँबा का भण्डार है।
यूरोप के देश:-
यूरोप के देशों में विश्व का लगभग दस प्रतिशत शुद्ध ताँबा उत्पादित होता है। यहाँ के प्रमुख उत्पादकों में पूर्व सोवियत संघ, पोलैण्ड, जर्मनी और बेल्जिम आणी हैं जो यूरोप का लगभग 60 प्रतिशत और विश्व का 10 प्रतिशत शुद्ध ताँबा उत्पादित करते हैं
पूर्व सोवियत संघ:-
विश्व के ताँबा उत्पादकों में पूर्व सोवियत संघ का दूसरा स्थान रहा है। यहाँ प्रतिवर्ष विश्व का 15 प्रतिशत से अधिक ताँबा उत्पादित होता रहा है। सोवियत संघ का ताँबा उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ा है क्योंकि 1948 में यहाँ का उत्पादन विश्व का मात्र 5.3 प्रतिशत था। यहाँ विश्व का केवल 2.4 प्रतिशत संचित भण्डार है जिसका तीन चौथाई कजाकिस्तान में बालकश झील के पास स्थित है।
पूर्व सोवियत संघ का संचित भण्डार धातु सम्पन्नता के दृष्टिकोण से उतना अच्छा नहीं है। यह क्षेत्र देश के उत्पादन का आधा से अधिक ताँबा उत्पादित करता है। यहाँ की दो खाने झेज्कागान एवं केनराड विशेष उल्लेखनीय है। सोवियत रूस के अन्य उत्पादकों में दक्षिणी-पश्चिमी यूराल क्षेत्र, उत्तरी साइबेरिया का नोरिल्स्क क्षेत्र तथा आर्मेनिया में कदझरान है, जहाँ से देश का क्रमश: 15, 25 और 15 प्रतिशत ताँबा प्राप्त किया जाता है।
सोवियत संघ के विघटन के बाद कजाकिस्तान अब विश्व का 3.0 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करने लगा हैं। उज्बेकिस्तान का आल्मोलिक क्षेत्र महत्त्वपूर्ण उत्पादक बनता जा रहा है। रूस में अधिकांश ताँबा खानों के पास ताँबा साफ करने का कारखाने स्थापित किये गये हैं। अभी हाल में पूर्वी साइबेरिया के उडेनाक निक्षेपण का पता चला है। देश के विघटन से इसकी स्थिति बदल गयी है। रूस का ताँबा उत्पादन देश के विघटन के बाद घटकर 640 हजार मीटरी टन रह गया है।
अफ्रीका के प्रमुख उत्पादक देश:-
ताँबा उत्पादन में अफ्रीका महाद्वीप में जिम्बावे, जायरे और दक्षिणी अफ्रीका संघ का योगदान मात्र 4 प्रतिशत के लगभग है, जबकि इनका संचित भण्डार ग्यारह प्रतिशत से अधिक है।
जाम्बिया:-
विश्व का 9वाँ बड़ा उत्पादक है। यहाँ प्रतिवर्ष लगभग 503 हजार मीटरी टन ताँबा उत्पादित किया जाता है जो विश्व उत्पादन का लगभग 3.3 प्रतिशत है। यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मुफिल आरा अग्रणी है, जहाँ से देश का आधा से अधिक ताँबा प्राप्त किया जाता है। यहाँ ताँबे की धातु सम्पन्नता दो से पाँच प्रतिशत होती है।
यहाँ के अन्य उत्पादकों में चिबुलुमा एवं रोकाना क्षेत्र विशेष उल्लेखनीय हैं। यहाँ की सबसे बड़ी खान रोना एण्टीलोप में है जहाँ ताँबा गलाने का विशाल कारखाना है। यहाँ का अधिकांश ताँबा जापान, भारत, चीन आदि देशों को निर्यात किया जाता है।
जायरे:-
अफ्रीका का दूसरा और विश्व का सत्रहवीं उत्पादक देश है जहाँ प्रतिवर्ष 131 हजार मीट्रिक टन ताँबा उत्पादित होता है। यहाँ का विशाल ताँबा भण्डार कटांगा प्रदेश में है, जो विश्व प्रसिद्ध है। बेल्जियन इसी ताँबे के मोह में भौतिक विपत्तियों को झेलते रहते हैं।
यहाँ 400 किमी० लम्बा और 80 किमी० चौड़ा भू-क्षेत्र है जिसमें ताँबा भण्डार सुरक्षित है, जो कटांग से जाम्बिया तक फैला है। यहाँ उत्खनन कार्य बहुत कठिन है क्योंकि परिवहन से लेकर जलवायविक कठिनाइयों तक ही बड़ी बाधाएँ हैं। यहाँ का अधिकांश उत्पादन निर्यात किया जाता है।
दक्षिणी अफ्रीका संघ:-
अफ्रीका का तीसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ प्रतिवर्ष लगभग 90 हजार मीट्रिक टन से अधिक ताँबा उत्पादित होता है। यहाँ का अधिकांश तथा केपप्रान्त कान कोडिया एवं ओकोप क्षेत्र तथा केपप्रान्त के मेसिना क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है। इस देश का अधिकांश उत्पादन निर्यात किया जा रहा है। बोत्सवाना, मारुतानिया, मोरक्को व जिम्बाबे, अफ्रीका के अन्य प्रमुख तांबा उत्पादक देश है।
एशिया के तांबा उत्पादक देश:-
एशिया में विश्व का एक-चौथाई ताँबा उत्पाद होता है। यहाँ के प्रमुख तांबा उत्पादकों में चीन (4.3 प्रतिशत), इण्डोनेशिया (5.4 प्रतिशत), ईरान, जापान, दक्षिणी कोरिया और भारत विश्व के प्रमुख देश बने हुए हैं।
जापान, दक्षिणी कोरिया और चीन अपनी पूरी आवश्यकता घरेलू उत्पादन से पूरा करते हैं, जबकि भारत ताँबे को आयात करना पड़ता है। भारत विश्व उत्पादकता का मुश्किल से 1 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करता है। भारत में तांबे का उत्पादन झारखण्ड के सिंहभूमि एवं हजारीबाग क्षेत्रों में होता है। इ
सके अतिरिक्त राजस्थान में खेतरी कर्नाटक में चित्तलदुर्ग एवं हासन, आंध्र प्रदेश में नेलोर, कुर्नूल, अनन्तपुर एवं गुन्दूर मध्य प्रदेश में जबलपुर, बालाघाट, होशंगाबाद, सागर एवं बस्तर और उत्तराचल में गढ़वाल, देहरादून एवं अल्मोड़ा जनपदों में ताँबा भण्डार मिला है। भारत का उत्पादन अपनी आवश्यकता से बहुत कम है, जिसके कारण विदेशों से आयात करना पड़ता है। फिलीपीन्स भी एक प्रमुख उत्पादक देश है जिसका अधिकांश उत्पादन अमेरिका एवं जापान को निर्यात किया जाता है।
ताँबा उत्पादन में आस्ट्रेलिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहाँ क्वीन्सलैण्ड, न्यूसाउथवेल्स और पश्चिमी आस्ट्रेलिया में ताँबे का भण्डार मिला है। आस्ट्रेलिया एक महत्त्वपूर्ण निर्यातक बनता जा रहा है। 2006 में इसका उत्पादन 875 मीटरी टन था, जो विश्व उत्पादन का 5.8 प्रतिशत है।
विश्व व्यापार
ताँबे का विश्व व्यापार बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सभी देशों को इसकी आवश्यकता है। विकसित देशों में तो इसकी सबसे अधिक खपत है। विश्व के निर्यातकों में चिली, जिम्मबावे, कनाडा, जाम्बिया, जायरे, मैक्सिको विशेष उल्लेखनीय हैं। आयतकों में ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रान्स, रूस, भारत, आदि का नाम अग्रणी है।
प्रश्न प्रारूप
1. विश्व में ताँबा के वितरण एवं उत्पादन पर प्रकाश डालें।