Unique Geography Notes हिंदी में

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ECONOMIC GEOGRAPHY (आर्थिक भूगोल)

11. Panama Canal Trade Route (पनामा नहर व्यापारिक मार्ग)

11. Panama Canal Trade Route

(पनामा नहर व्यापारिक मार्ग)



परिचय

      पनामा नहर एक कृत्रिम अर्थात् मानव निर्मित जलमार्ग है जो पनामा में स्थित है। यह नहर दो विशाल महासागर प्रशांत तथा अटलांटिक को जोड़ने का काम करती है। यह नहर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख जलमार्गों में से एक है।

पनामा नहर का निर्माण

     पनामा नहर का निर्माण पनामा जलडमरुमध्य के आर-पार पनामा नगर एवं कोलोन के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा किया गया जिसके दोनों ही ओर के 8 किलोमीटर क्षेत्र को खरीद कर इसे नहर मंडल का नाम दिया है। यह नहर 72 किलोमीटर लंबी है जो लगभग 12 किलोमीटर लंबी अत्यधिक गहरी कटान से युक्त है। इसकी चौड़ाई 90 मीटर तथा न्यूनतम गहराई 12 मीटर है। इस नहर में कुल 8 जल बंधक तंत्र (Water Locking System) है तथा जलयान पनामा की खाड़ी में प्रवेश करने से पहले इन जल बंधक तंत्रों से होकर विभिन्न ऊँचाई की समुद्री सतह (26 मीटर ऊपर या नीचे) को पार करते हैं।

     नहर का निर्माण 14 अगस्त 1914 ई० को पूरा हुआ और 15 अगस्त 1914 ई० को यह जलयानों के आवागमन के लिए खोल दिया गया था। पनामा नहर के निर्माण में कई सौ वर्षों का समय लगा था। सबसे पहला प्रयास स्पेन के राजा ने 1534 ई० में किया था। इसके बाद में स्कॉटलैंड राज्य द्वारा 1658 ई० में भी प्रयास किया गया था। 1855 ई० में विलियम कनिष नामक इंजीनियर ने संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के लिए काम करते हुए इस इलाके का सर्वेक्षण किया और अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। पुनः 1877 ई० में अरमंड रेक्लस नामक फ्रांसीसी सेना इंजिनियर और लूसियान नेपोलियन नामक इंजीनियरों ने मिलकर नहर के निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया।

     अंततः नहर निर्माण का कार्य फ्रांस द्वारा 1 जनवरी 1881 ई० को फर्डिनेंडो डी लेपस के नेतृत्व में शुरू किया गया। क्योंकि क्षेत्र का भूगर्भिक और जलवायुविक सर्वेक्षण नहीं किया गया था अतः यहां भयानक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मच्छरों, बीमारियों और दुर्घटनाओं में लगभग 22000 लोगों की जान चली गई। 1889 ई० में फर्डिनेंडो डी लेपस की कंपनी जब दिवालिया हो गई तब कंपनी को निरस्त कर दिया गया और नहर निर्माण का  कार्य रुक गया। 1894 ई० में पुन: दूसरी कंपनी ने प्रयास किया लेकिन वह भी असफल रहा।

   सबसे अंत में अमेरिकी सरकार ने आगे बढ़ते हुए 1904 ई० में इस नहर का निर्माण का कार्य शुरू किया और 1914 ई० में पूरा किया। इस प्रोजेक्ट में लगभग 37.5 करोड़ डॉलर खर्च हुए। तमाम परिवर्तनों, विवादों और अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में इसकी निष्पक्ष स्थिति को बनाए रखने हेतु इस नहर का प्रशासन 31 दिसंबर 1999 को पनामा को सौंप दिया गया।

पनामा नहर की क्षमता

     वर्तमान में पनामा नहर से सिर्फ वही जहाज गुजर सकते हैं जो 1050 फीट लंबा, 110 फीट चौड़ा और 41 फीट गहरा हो। हालांकि आधुनिक जहाज आकार में काफी बड़े हो चुके हैं इसलिए यहाँ नया लॉक सिस्टम बनाया जा रहा है।

पनामा नहर का विस्तार और पुनः व्यापारिक यातायात

      पनामा नहर को विस्तार के बाद 26 जून 2016 को विशाल जहाजों के लिए खोल दिया गया। इसके विस्तार पर करीब 5.4 अरब डॉलर खर्च हुए। चीन के एक विशाल जहाज का कास्को शिपिंग पनामा ने इस विस्तारित नहर का उ‌द्घाटन किया। करीब 9000 कंटेनरों के साथ जहाज ने नहर में प्रवेश किया। नहर में पहले की तुलना में 3 गुना ज्यादा बड़े जहाज गुजर सकेंगे। इससे पनामा नहर प्राधिकरण को 2021 तक सालाना लगभग 2.1 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।

पनामा नहर से लाभ

      अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच की दूरी इस नहर से होकर गुजरने पर तकरीबन 8,000 मील घट जाती है क्योंकि इसके ना होने की स्थिति में जलयानों को दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी छोर केप हॉर्न अंतरीप से होकर चक्कर लगाते हुए जाना पड़ता था। पनामा नहर को पार करने में जलयानों को 8 घंटे का समय लगता है।

     इस नहर के द्वारा समुद्री मार्ग से न्यूयॉर्क एवं सैन फ्रांसिस्को के मध्य लगभग 13000 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है। इसी प्रकार पश्चिमी यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट, उत्तर पूर्वी और मध्य संयुक्त राज्य अमेरिका और पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया के मध्य की दूरी बेहद कम हो गई है।

Panama Canal

पनामा नहर के द्वारा व्यापार

     पनामा नहर जल मार्ग से होकर विश्व के लगभग 5% से अधिक जहाज गुजरते हैं। इस नहर द्वारा अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोप, चीन, कोरिया, और दक्षिण अमेरिका के अन्य देशों की कंपनियों द्वारा ऑटोमोबाइल, खाद्य पदार्थ, वस्त्र, दवाइयाँ, रसायन, मशीनरी, कोयला, पेट्रोलियम आदि विभिन्न उत्पादों का परिवहन किया जाता है। इस नहर का अधिकतम उपयोग अमेरिकी जलयान करते हैं जो चीन, जापान, कोलंबिया तथा साउथ कोरिया को जाते हैं।

 

निष्कर्ष

       इस प्रकार निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि पनामा नहर का आर्थिक महत्व काफी अधिक है हालाँकि स्वेज नहर की अपेक्षा कम है। फिर भी विश्व व्यापार के साथ ही दक्षिण अमेरिका की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनिय ने आधुनिक अभियांत्रिकी के सात आश्चर्य में पनामा नह को स्थान दिया है। 

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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