Unique Geography Notes हिंदी में

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BSEB CLASS 8

अध्याय 2 भारतीय कृषि

 इकाई-2 अध्याय 2 भारतीय कृषि

बिहार बोर्ड के 8वीं कक्षा का भूगोल विषय का सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर

सरल एवं आसान शब्दों में उत्तर देना सीखें



भारतीय कृषि

I. बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

सही विकल्प को चुनें।

1. कृषि कार्य में शामिल है-
(क) भूमि को जोतना
(ख) पशुओं को पालना
(ग) मछली पालन करना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी
2. भूमि पर जनसंख्या के अत्यधिक दबाव वाले क्षेत्रों में कौन-सी खेती की जाती है?
(क) झूम खेती
(ख) अंतर कृषि
(ग) गहन कृषि
(घ) ट्रक फार्मिंग
उत्तर – (ग) गहन कृषि
3. इनमें कौन समूह रबी की फसलों से संबंधित है?
(क) गेहूँ, चावल
(ख) चना, धान
(ग) मक्का, जूट
(घ) गेहूँ, मटर
उत्तर – (घ) गेहूँ, मटर
4. जूट की फसल प्रमुखत: होती है-
(क) किशनगंज-पूर्णिया में
(ख) अररिया-आरा में
(ग) गया-औरंगाबाद में
(घ) गया-जहानाबाद में
उत्तर- (क) किशनगंज-पूर्णिया में
5. बिस्कोमान उपलब्ध कराती है-
(क) बेस्ट किसानों को खाद बीज
(ख) कृषि उपकरण
(ग) ऋण
(घ) सिंचाई की सुविधा
उत्तर- (क) बेस्ट किसानों को खाद बीज
II. खाली स्थान को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।
(i) स्थानांतरित कृषि को दहन कृषि भी कहते हैं।
(ii) उत्तरी बिहार में मखाना, केला और तम्बाकू की खेती वाणिज्य कृषि है।
(iii) जायद फसल का उदाहरण तरबूज, ककरी, खीरा, सब्जियाँ  है।
(iv) किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध होती है।
(v) जैविक खादों से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
 
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 50 शब्दों में)
1. कृषि कार्य किसे कहते हैं
उत्तर- भूमि को जोतकर विभिन्न प्रकार की फसलें, सब्जियाँ, फल-फूल उपजाना, पशुपालन, मत्स्य-पालन इत्यादि करना कृषि कार्य है। यह प्राथमिक क्रियाकलाप के अंतर्गत आता है।
2. खरीफ और रबी फसलों में क्या अंतर है? उदहरण बताएँ।
उत्तर- खरीफ फसल- वैसे फसल जिसकी बोआई जून-जुलाई में की जाती है और अक्टूबर- नवम्बर में काटी जाती है, खरीफ फसल कहलाता है। जैसे – धान, मक्का, जूट, मूंगफली इत्यादि।
रबी फसल- वैसे फसल जिसकी बोआई अक्टूबर-नवम्बर में की जाती है तथा मार्च-अप्रैल में काटी जाती जाती है, रबी फसल कहलाता है। जैसे – गेहूँ, चना, मटर, मसूर, जौ इत्यादि।
3. जीवन निर्वाहन कृषि क्या है?
उत्तर- वैसी कृषि जो कृषि जीवन निर्वहन के लिए किया जाता है, उसे जीवन-निर्वहन कृषि कहते हैं। यह कृषि वैसे देश या क्षेत्रों में की जाती है जहाँ जनसंख्या का अत्यधिक बोझ, रोजगार के अन्य साधनों के अभाव होता है।
4. व्यापारिक और बागवानी फसलों के बारे में क्या जानते हैं? लिखिए।
उत्तर- व्यापारिक फसलें- वैसे फसल जो व्यापार की दृष्टि से की जाती हो उसे व्यापारिक फसलें कहा जाता है। जैसे – रबर, मखाना, तम्बाकू, मिर्च, गन्ना ये सब व्यापारिक फसलें हैं। रबर को छोड़कर बाकी फसलें बिहार में बहुतायत में उपजायी जाती हैं। ये फसलें कई उद्योगों के लिए कच्चे माल का काम करती है।
बागवानी फसलें- ये फसलें ‘ट्रक फार्मिंग’ के नाम से भी जानी जाती है। इसके अंतर्गत केला, आम, चीनी, फूलों आदि की खेती की जाती है। इसका घरेलू खपत बहुत है। फूलों की खेती पर्व-त्योहारों, शादी-विवाह और औषधियों की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)
1. बिहार की कृषि की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर- बिहार की कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
⇒ बिहार प्रांत की कृषि मानसून पर आधारित है। वर्षा पर निर्भर होने के कारण फसलों के उत्पादन में अनिश्चितता बनी रहती है। पर्याप्त वर्षा से अच्छी फसल होती है जबकि अल्पवृष्टि से फसलों का नुकसान होता है। इस तरह यहाँ की फसलें प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती हैं।
⇒ खेती करने के तरीके पुराने हैं। हल-बैल. कुदाल, खुरपी ही प्रमुख उपकरण हैं। खेती श्रम पर अधिक आश्रित है। परंपरागत कृषि यहाँ की विशेषता है।
⇒ छुपी हुई बेरोजगारी हमारी कृषि की खास विशेषता है। यहाँ परिवार के अधिकांश सदस्य फसल बुआई-कटाई के दौरान कृषि कार्यों में लगे रहते हैं। ऐसे में उन्हें स्वयं के लिए रोजगार में लगा होना समझ में आता है जबकि वे वस्तुतः रोजगार के अभाव में ही इन कार्यों में संलग्न होते हैं।
⇒ यहाँ के अधिकांश कृषक अंधविश्वासी होते है। वे अपनी फसल की उपज को ईश्वरीय देन मानते है अर्थात वे अपनी मेहनत से ज्यादा ईश्वर पर विश्वास करते है।
2. कृषि किन कारणों से प्रभावित होती है?
उत्तर – कृषि निम्नलिखित कारणों से प्रभावित होती है-
मानसूनी वर्षा पर निर्भरता- भारतीय कृषि क्षेत्र का एक-तिहाई भाग ही सिंचित है, शेष क्षेत्र मानसून पर निर्भर करती है। कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि फसलों के उत्पादन को प्रभावित कर देते हैं।
जोतों के छोटे आकार- भारत में छोटे और सीमान्त किसानों की संख्या अधिक है। जमीन के पारिवारिक बँटवारे के कारण खेतों का आकार छोटा होता जा रहा है। चकबंदी के अभाव में भू-जोत बिखरे हैं। छोटे भू-जोत आर्थिक दृष्टि से अहितकारी होते हैं।
भूमि का असमान वितरण- भूमि का असमान वितरण से भी भारतीय कृषि प्रभावित है। अंग्रेजी शासन के दौरान भू-राजस्व वसूली के लिए लागू की गई। जमींदारी प्रथा ने किसानों का शोषण किया। स्वतंत्रता के बाद भू-सुधारों की प्रक्रिया शुरू तो हुई लेकिन इसमें गति लाने की आवश्यकता है।
कृषि ऋण- छोटे किसान बीज, खाद, कीटनाशक, श्रमिक आदि के लिए महाजनों या अन्य संस्थाओं से कर्ज लेते हैं। ऊँची ब्याज दर, कम उत्पादन, प्रतिकूल मौसम, बिचौलियों के कारण किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में वे ऋण नहीं लौटा पाते। यह इनके कृषि उत्पादन क्षमता को प्रभावित करती है।
कृषि विपणन का अभाव- अच्छी बाजार व्यवस्था के अभाव में किसान अपने उत्पादों को बिचौलियों व व्यापारियों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए बाध्य है जो उनको उचित मूल्य नहीं देते। फसलों की अत्यधिक उत्पादकता को न तो सही ढंग से बाजार में पहुंचा पाते हैं और न ही बिक्री कर पाते हैं। इस स्थिति में किसानों से बिचौलिये लाभ उठा लेते हैं।
अंधविश्वासी- यहाँ के अधिकांश कृषक अंधविश्वासी होते है। वे अपनी फसल की उपज को ईश्वरीय देन मानते है अर्थात वे अपनी मेहनत से ज्यादा ईश्वर पर विश्वास करते है।

3. आप के राज्य में कृषि कार्य उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए क्या प्रयास हुए हैं? लिखिए।
उत्तर- राज्य में कृषि कार्य उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए निम्नलिखित प्रयास हुए हैं-
⇒ नहर की सुविधा का विस्तार किया गया है। 
⇒ किसानों को ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराया गया है।  
⇒ सिंचाई के लिए सस्ते दर पर बिजली की सुविधा उपलब्ध कराया गया है। 
⇒ राज्य सरकार द्वारा कृषि बिमा की व्यवस्था किया गया है। 
⇒ उचित दर पर उर्वरकों को उपलब्ध कराया जाता है। 
⇒ बीज, कीटनाशक दवाई सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। 
⇒ कृषि सम्बंधित औजार या यंत्र  पर राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी की सुविधा दिया जाता है।
⇒ किसानों का समय-समय ऋण की माफी भी की जाती है। 

⇒ सरकारी दर प किसानों का अनाज भी खरीदा जाता है।  इत्यादि 


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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