Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

GENERAL COMPETITIONSइतिहास

1. Ancient History (प्राचीन इतिहास)

1. Ancient History

(प्राचीन इतिहास)



1. आग का आविष्कार हुआ था

⇒ पुरापाषाण काल में

2. कृषि तथा पहिये का आविष्कार हुआ था

⇒ नवपाषाण काल में

3. नवपाषाण शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया था

⇒ जॉन लुवाक ने

4 चाक का आविष्कार हुआ था

⇒ नवपाषाण काल में

5. सिंधु घाटी सभ्यता का काल माना जाता है

⇒ 2350 ई० पू० से 1750 ई० पू० तक

6. सिंधु घाटी सभ्यता थी

⇒ आद्य ऐतिहासिक या कास्ययुगीन

7. सिंधु सभ्यता की मुख्य विशेषता थी

⇒ नगर नियोजन

8. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों का मुख्य व्यवसाय था

⇒ व्यापार-वाणिज्य

9. सिंधु सभ्यता का प्रमुख फसल था

⇒ गेहूँ और जौ

10. सिंधु सभ्यता की लिपि थी

⇒ भाव चित्रात्मक

11 आदि मानव ने सर्वप्रथम सीखा था

⇒ आग जलाना

12 सर्वप्रथम पालतु बनाया गया जानवर था

⇒ कुत्ता

13. ‘इतिहास का पिता’ कहा जाता है।

⇒ हेरोडोटस को

14 हड़प्या किस नदी के तट पर स्थित है

⇒ रावी नदी

15. हड़प्पा की खुदाई किया गया था

⇒ 1921 में दयाराम सहनी द्वारा

16. हड़प्पा सभ्यता को ‘सिंधु सभ्यता’ का नाम दिया था

⇒ जॉन मार्शलने

17. हड़प्पा का दो बार सर्वेक्षण किया था

⇒ जनरल कनिंघम ने

18. हड़प्पा की सर्वप्रथम खोज की थी

⇒ चार्ल्स मैसन ने 1826में

19. सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल था

⇒ सुतका गेंडोर (बलूचिस्तान)

20. सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पूर्वी पुरास्थल था

⇒ आलमगीर

21. सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक उत्तरी पुरास्थल था

⇒ मांदा (अखनूर, जम्मू-कश्मीर)

22. सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक दक्षिणी पुरास्थल था

⇒ दाइमाबाद (अहमद नगर, महाराष्ट्र)

23. सिंधु सभ्यता का कुल क्षेत्रफल है

⇒ 129960० किमी०

24. सिंधु सभ्यता के समूचे क्षेत्रफल का आकार है

⇒ त्रिभुजाकार

25. हड़प्पा को ‘मेसोपोटामिया का उपनिवेश’ कहा था

⇒ ह्वीलर

26. सिंधु सभ्यता का प्रमुख बन्दरगाह था

⇒ लोथल (गुजरात में भोगवा नदी के तट पर)

27 मोहनजोदड़ो किस नदी के तट पर स्थित है

⇒ सिन्धु नदी (पाकिस्तान के लरकाना जिले में)

28. मोहनजोदड़ो की खोज की थी

⇒ राखलदास बनर्जी ने (1922 में) 

29 मोहनजोदड़ो (आधुनिक पाकिस्तान) का अर्थ है

⇒ मृतकों का टीला

30. मोहनजोदड़ो से प्राप्त प्रमुख स्मारक है

⇒ वृहद् स्न्नानागार

31. मोहनजोदड़ो से प्राप्त बड़ी इमारत है

⇒ अन्नागार

32. हडप्पा के लोग अनभिज्ञ थे

⇒ लोहा धातु

33. प्रेसोपोटामिया (आधुनिक नाम इराक) का अर्थ है

⇒ दो नदियों के बीच की भूमि

34. सिंधु सभ्यता का स्थल कालीबंग (राजस्थान) का शाब्दिक अर्थ है

⇒ काली रंग की चूड़ी

35. सिंधु घाटी के लोगों ने पूजा की थी

⇒ मातृदेवी की

36. सिंधु घाटी के लोगों का सबसे महत्त्वपूर्ण वृक्ष था

⇒ पीपल

37. भारत का सबसे बड़ा हड़प्पाई नगर है

⇒ धौलावीर (अर्थ- सफेद कुआँ)

38. चावल का साक्ष्य मिले है

रंगपुर एवं लोथल से (गुजरात)

39. लिपिस्टिक, काजल, चार पहियों वाला गाड़ी के साक्ष्य मिले है

⇒ चन्हुदड़ो से

40. कांसे की नर्तकी, पुजारी का भव के साक्ष्य मिला है

⇒ मोहनजोदरों से

41. हड़प्पा के लोगों का सबसे प्रिय पशु था

⇒ कुब वाला साढ़

42. मिट्टी के हल, खिलौना के साक्ष्य मिले है

➤ बनवाली से

43. हड़प्पा वासियों का प्रमुख खेल था

➤ पाशा

44. हड़प्पावासी तौल में व्यवहार करते थे

➤ 16 या उसके आवर्तों का

45. वेदों की कुल संख्या है

➤ 4 (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद)

46. सबसे प्राचीन वेद है

➤ ऋग्वेद

47. ऋग्वेद में मंडलों, सुक्तों एवं मंत्रों की संख्या है

➤ 10 मंडल, 1028 सूक्त एवं 10580 मंत्र

48. ऋग्वेद का नौवा मंडल समर्पित है

➤ सोम देवता को

49. गायत्री मंत्र (रचयिता विश्वामित्र) लिया गया है

➤ ऋग्वेद के तीसरा मंडल से

50. ऋग्वैदिक सभ्यता का काल माना जाता है

➤ 1500-1000 ई० पू०

51. ऋग्वेद में सबसे बाद का मंडल है

➤ दसवाँ (पुरुष सुक्त)

52. ऋऋग्वेद में सर्वाधिक पवित्र नदी माना गया है

➤ सरस्वती को

53. ऋग्वेद में सर्वाधिक उल्लेखित नदी है

➤ सिंधु

54. ऋग्वेद में वर्णित सबसे महत्त्वपूर्ण देवता है

➤ इन्द्र

55. ऋग्वेद में बाद में जोड़ा गया मंडल है

➤ पहला एवं दसवाँ

56. सबसे पुरानी भारतीय दवा आयुर्वेद का उद्गम है

➤ अथर्ववेद

57. ऋग्वेद में गंगा तथा यमुना का उल्लेख हुआ है

➤ क्रमशः एक बार तथा तीन बार

58. भारतीय संगीत का जनक है

➤ सामवेद

59. सामवेद का प्रथम लेखक माना जाता है

➤ जैमनी को

60. गद्य एवं पद्य वाला वेद है

➤ यजुर्वेद

61. तंत्र-मंत्र वाला वेद है

➤ अथर्ववेद (सबसे बड़ा वेद)

62. वेदांगों, स्मृतियों तथा पुराणों की संख्या है

➤ क्रमश: 6, 6 तथा 18

63. पुराणों के रचयिता व संग्रहकर्ता माना जाता है

➤ लोमहर्ष तथा उनका पुत्र उग्रश्रवा को

64. सर्वाधिक प्राचीन एवं प्रमाणिक पुराण है

➤ मत्स्य पुराण

65. मत्स्य पुराण से जानकारी मिलती है

➤ सातवाहन वंश की

66. सामवेद तथा यर्जुवेद में मंत्रों की सख्या है

➤ क्रमश: 1549 तथा 1990

67. उपनिषदों की कुल संख्या है

➤ 108 (प्रमाणिक-13)

68. भारत का प्रसिद्ध राष्ट्रीय वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ लिया गया है

➤ मुण्डाकोपनिषद् से

69. अथर्ववेद में मंडलों, सुक्तों एवं मंत्रों की संख्या है

➤ 20 मंडल, 731 सुक्त, 5839 मंत्र

70. सबसे प्राचीन एवं प्रमाणिक स्मृति है

➤ मनुस्मृति (शुंग वंश के समय रचित)

71. उत्तर वैदिक काल माना गया है

➤ 1000-600 ई० पू० को

72. उत्तर वैदिक काल के प्रमुख देवता है

➤ प्रजापति

73. महाभारत के रचयिता है

➤ वेद व्यास (वास्तविक नाम-द्वैपायन)

74. महाभारत के अन्य नाम है

➤ जयसंहिता

75. सबसे प्राचीन बौद्ध ग्रंथ है

➤ त्रिपिटक

76. बुद्ध की पूर्व जन्म की कहानी वर्णित है

➤ जातक में

77. जैन साहित्य को कहा जाता है

➤ आगम

78. 16 महाजनपदों का वर्णन है

➤ अंगुत्तर निकाय में

79. जैन धर्म के प्रवर्तक, संस्थापक एवं प्रथम तीर्थकर थे

➤ ऋषभदेव

80. जैन धर्म के 24 वें या अंतिम तीर्थंकर थे

➤ महावीर स्वामी (23वें तीर्थंकर-पार्श्वनाथ)

81. महावीर का जन्म हुआ था

➤ 540 ई पू० वैशाली के कुण्डग्राम में

82. जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक माना जाता है

➤ महावीर को

83. महावीर के पिता, माता तथा पत्नी का नाम था

➤ क्रमशः सिद्धार्थ, त्रिशला और यशोदा

84. महावीर के बचपन का नाम था

➤ वर्द्धमान

85. महावीर थे

➤ क्षत्रिय वर्ण के (ज्ञातृक कुल)

86. मझवीर गृह त्याग कर संयासी हुए थे

➤ 30 वर्ष की अवस्था में

87. महावीर को 42 वर्ष की अवस्था में कैवल्य (ज्ञान) की प्राप्ति हुई थी

➤ ऋजुपालिका नदी के किनारे साल वृक्ष के नीचे

88. जैनधर्म का प्रारंभिक इतिहास ज्ञात होता है

➤ कल्पसूत्र से (भद्रबाहु द्वारा रचित)

89. महावीर के जीवन कृत्यों का विवरण मिलता है

➤ भगवती सूत्र में

90. ऋषभदेव का प्रतीक चिन्ह है

➤ साढ़

91. पार्श्वनाथ के चार महाव्रतों में पाँचवां महाव्रत ‘ब्रह्मचर्य’ को जोड़ा था

➤ महावीर ने

92. महावीर की पुत्री तथा दामाद का नाम था

➤ प्रियदर्शनी तथा जमाली

93. महावीर का प्रथम अनुयायी था

➤ जमाली (दामाद)

94. मुहावीर के प्रथम भिक्षुणी (शिष्या) थी

➤ पद्मावती (चम्पा नरेश दधिवाहन की पुत्री)

95. महावीर ने सर्वप्रथम उपदेश दिया था

➤ पावापुरी में (प्राकृत भाषा में)

96. जैन धर्म के प्रचार के लिए अपनाया गया था

➤ प्राकृत भाषा

97. कल्पसूत्र लिखा गया है

➤ संस्कृत में

98. महावीर के ग्यारह शिष्य थे, जो कहलाते थे

➤ गणधर

99. जैन धर्म के दो सम्प्रदाय थे

➤ श्वेताम्बर (स्थूलभद्र) और दिगम्बर (भद्रबाहु)

100. जैन धर्म के त्रिरत्न है

➤ सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान, सम्यक् आचरण

101. जैन धर्म का प्रतीक चिह्न था

➤ साढ़

102. महावीर का प्रतीक चिह्न था

➤ सिंह

103. महावीर की मृत्यु 72 वर्ष की अवस्था में 468 ई० पू० हुई थी

➤ पावापुरी में (राजगृह के समीप)

104. प्रथम जैन सभा (322 से 298 ई० पू०) हुई थी

➤ पाटलिपुत्र में (स्थूलभद्र की अध्यक्षता में)

105. द्वितीय जैन सभा (512 ई० में) हुई थी

➤ वल्लभी में (देवर्धिक्षमा श्रमण की अध्यक्षता में)

106. खजुराहो में जैन मंदिरों का निर्माण कराया था

➤ चंदेल शासकों ने

107. जैन धर्म में जीवन का अंतिम लक्ष्य है

➤ निर्वाण

108. सबसे पुराना जैन कहा जाता है

➤ चौदह पूर्व को

109. महावीर स्वामी को निर्माण प्राप्त हुआ था

➤ मल्लराजा सस्तिपाल के राजप्रासाद में

110. महावीर के मृत्यु के बाद जैन संघ का अध्यक्ष बना

➤ सुधर्मन

111. बौद्ध धर्म के संस्थापक थे

➤ गौतम बुद्ध

112. गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था

➤ 563 ई०पू० (लुम्बनी नामक ग्राम, कपिलवस्तु में)

113. गौतम बुद्ध के पिता, माता, पत्नी तथा पुत्र का नाम था

➤ शुद्धोधन, महामाया, यशोधरा तथा राहुल

114. बुद्ध का लालन पालन किया था

➤ प्रजापति गौतमी (मौसी) ने

115. बुद्ध के बचपन का नाम था

➤ सिद्धार्थ

116. बुद्ध का वंश, वर्ण तथा गोत्र था

➤ शाक्य, क्षत्रिय तथा गौतम

117. 29 वर्ष की अवस्था में बुद्ध द्वारा गृहत्याग की घटना कहलाता है

➤ महाभिनिष्क्रमण (प्रतीक-घोड़ा)

118. 35 वर्ष की अवस्था में 49 वें दिन बुद्ध को बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ

➤ निरंजना नदी के तट पर पीपल वृक्ष के नीचे

119. बुद्ध द्वारा ज्ञान प्राप्ति की घटना कहलाता है

➤ सम्बोधि (Great Enlightment) या निर्वाण

120. बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था

➤ सारनाथ में (पाली भाषा में)

121. बुद्ध द्वारा दिया गया प्रथम उपदेश कहलाया

➤ धर्मचक्रप्रवर्त्तन

122. बुद्ध के जन्म, ज्ञान तथा मृत्यु का प्रतीक है

➤ कमल, पीपल तथा स्तुप

123. बुद्ध के घोड़ा तथा सारथी का नाम था

➤ छंदव तथा चाण

124. बुद्ध के प्रथम गुरू थे

➤ आलारकलाम

125. बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए थे

➤ श्रावस्ती (कौशल प्रदेश की राजधानी) में

126. बौद्ध धर्म के त्रिरत्न है

➤ बुद्ध, धम्य और संघ

127. 80 वर्ष की अवस्था में बुद्ध की मृत्यु हुई थी

➤ कुशीनगर (उत्तर प्रदेश, 483 ई०पू०) में

128. बुद्ध की मृत्यु की घटना कहलाया

➤ महापरिनिर्वाण

129. बौद्ध संघ में प्रवेश पाने को कहा जाता था

➤ उपसम्पदा

130. बुद्ध के अनुयायी शासक थे

➤ बिम्बिसार, प्रसेनजित, अशोक एवं उदयन 

131. पाटलिपुत्र (कुसुमपुर) नगर की स्थापना की थी

➤ उदयिन ने (गंगा एवं सोन नदी के संगम पर)

132. बौद्ध धर्म का परम लक्ष्य है

➤ निर्वाण (अर्थ- दीपक का बुझ जाना)

133. बौद्ध संघ में प्रवेश करने वाली पहली महिला थी

➤ सौतेली माँ प्रजापति गौतमी

134. ‘आजीवक सम्प्रदाय’ के प्रवर्तक थे

➤ मक्खलीपुत्र गोसाल

135. महावीर एवं बुद्ध दोनों ने उपदेश दिए थे

➤ बिम्बिसार के शासनकाल में

136. आष्टागिक मार्ग का संबंध है

➤ बौद्ध धर्म से

137. प्रथम बौद्ध संगीति महाकश्यप की अध्यक्षता में हुआ था

➤ 483 ई० पू० (राजगृह में, अजातशत्रु के काल में)

138. द्वितीय बौद्ध संगीति सबाकामी की अध्यक्षता में हुआ था

➤ 383 ई० पू० (वैशाली में, कालाशोक के समय

139. तृतीय बौद्ध संगीति मोग्गालिपुत्ततिस्स की अध्यक्षता में हुआ था

➤ 251 ई० पू० (पाटलिपुत्र में, अशोक के समय)

140. चतुर्थ बौद्ध संगीति वसुमित्र व अश्वघोष की अध्यक्षता में हुआ था

➤ प्रथम शताब्दी (कश्मीर में, कनिष्क के समय)

141. हर्यक वंश (544-412 ई० पू०) का प्रथम शक्तिशाली शासक था

➤ बिम्बिसार

142. हर्यक वंश का अंतिम शासक था

➤ नागदशक (उ‌दयन का पुत्र)

143. शिशुनाग वंश का संस्थापक तथा अंतिम शासक था

➤ क्रमशः शिशुनाग तथा नन्दीवर्द्धन

144. नन्द वंश का संस्थापक था

➤ महापद्मनन्द (उग्रसेन)

145. नन्द वंश का अंतिम शासक था

➤ धनानन्द (अग्रमीज)

146. भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण किया था

➤ ईरानीयों ने (दूसरा आक्रमण- सिकन्दर ने)

147. सिकन्दर (यूनानी) ने भारत विजय का अभियान प्रारंभ किया

➤ 326 ई० पू०

148. मगध की प्रारंभिक राजधानी थी

➤ गिरिवज्र (राजगृह)

149. सिकन्दर और पोरस के बीच के युद्ध को कहा जाता है

➤ हाइडेस्पीज (वितस्ता या झेलम) का युद्ध

150. सिकन्दर की मृत्यु हुई थी

➤ बेबीलोन में (323 ई० पू०)

151. ‘कश्मीर के इतिहास’ से संबंधित पुस्तक है

➤ राजतरंगनी (रचयिता-कल्हण)

152. ‘अष्टाध्यायी’ के (संस्कृत भाषा में व्याकरण की प्रथम पुस्तक) लेखक है

➤ पाणिनी

153. इस्लाम धर्म के संस्थापक थे

➤ हजरत मुहम्मद

154. हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था

➤ मक्का में (570 ई० को)

155. हिजरी संवत् की शुरूआत हुई थी

622 ई० में

156. हजरत मुहम्मद की मृत्यु हुई थी

➤ 8 जून 632 ई० को (मदीना में)

157. सिकन्दर (अलेक्जेन्डर) का जन्म-मृत्यु हुआ था

➤ 356-323 ई० पू० (पिता-फिलिप)

158. सिकन्दर (गुरू- अरस्तु) का सेनापति था

➤ सेल्युकस निकेटर

159. विपासा नदी के नाम से जाना जाता है

➤ व्यास नदी को

160. नंद वंश के पतन तथा मौर्य वंश के उत्थान की जानकारी मिलती है

➤ मुद्राराक्षस में (विशाखदत्त रचित)

161. भारतीय पटल पर आर्य उभरे थे

➤ 2500-1500 ई० पू०

162. आर्य लोग भारत आये थे

➤ मध्य एशिया (यूराल पर्वत) से

163. आर्य सर्वप्रथम बसे थे

➤ पंजाब एवं अफगानिस्तान में

164. आर्यों का मुख्य पेय, व्यवसाय तथा धातु था

➤ क्रमशः सोमरस, पशुपालन तथा लोहा

165. आर्यों का सर्वाधिक प्रिय देवता तथा पशु था

➤ क्रमशः इंद्र एवं घोड़ा

166. आर्यों की मूल भाषा थी

➤ संस्कृत

167. मूर्ति पूजा का प्रारंभ हुआ था

➤ उत्तर वैदिक काल (1000-600 ई० पू०) में

168. इस्लाम जगत में ‘खलीफा’ पद को समाप्त करने वाला शासक था

➤ मुस्तफा कमालपाशा (1924 में)

169. मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म हुआ था

➤ 345 ई० पू० (मृत्यु-298 ई० पू०)

170. चन्दाप्त मौर्य ने मौर्य वंश की नींव डाली थी

➤ धनानन्द को पराजित कर (अंतिम नन्द शासक)

171. अर्थशास्त्र (राजनीति पर आधारित पुस्तक) के लेखक है

➤ चाणक्य (कौटिल्य)

172. अर्थशास्त्र (संस्कृत) की तुलना किससे की जाती है

➤ अरस्तु की ‘पॉलिटिक्स’ एवं मैकियावेली की ‘प्रिंस’

173. चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरू और महामंत्री थे

➤ चाणक्य (विष्णुगुप्त)

174. सर्वप्रथम भारत को इंडिया से संबंधित किया

➤ यूनानीयों ने

175. चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैनधर्म की शिक्षा ली थी

➤ भद्रबाहु से

176 बन्द्रगुप्त के दरबार में आने वाला प्रसिद्ध यूनानी था

➤ मेगास्थनीज (सेल्युकस निकेटर का राजदूत)

177. ‘चंद्रगुप्त’ शब्द का पहला उल्लेख मिलता है

➤ रूद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख में

178. चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु हुई थी

➤ 298 ई० पू० श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में

179. बिन्दुसार के अन्य नाम है

➤ अमित्रघात्, अमित्रकोड्स, सिंह सेन

180. ‘इंडिका’ पुस्तक को लिखा था

➤ मेगास्थनीज ने

181. भारत में शिलालेख का प्रचलन शुरू किया था

अशोक ने

182. अशोक का नाम ‘अशोक’ किस अभिलेख में मिलता है

➤ मॉस्की (आंध्र प्रदेश) एवं गुर्जरा (मध्य प्रदेश)

183. साँची का स्तुप (मध्य प्रदेश) बनवाया था

➤ अशोक ने

184. श्रीनगर की स्थापना किया था

➤ अशोक ने (वितस्ता नदी के तट पर)

185. अशोक के गुरू थे

➤ मोगलिपुत्रतिस्स

186. अशोक ने बौद्ध धर्म को दीक्षा ली थी

उपगुप्त से

187. अशोक का सबसे छोटा अभिलेख है

➤ रूम्मनदेई अभिलेख

188. अशोक का सबसे बड़ा स्तंभ लेख है

➤ 7वाँ स्तम्भ लेख

189. अशोक का अन्य नाम था

➤ देवनाम प्रिय और प्रियदर्शी

190. अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार (पाली भाषा में) के लिए श्रीलंका भेजा था

➤ पुत्र महेन्द्र एवं पुत्री संघमित्रा को

191. अशोक के शिलालेख की खोज की थी

➤ टी फैन्थलर ने (1750 ई० में)

192. अशोक के अभिलेख को सर्वप्रथम पढ़ा था

➤ जेम्स प्रिसेंप ने (1837 ई० में)

193. पुसणों में अशोक को कहा गया है

➤ अशोकवर्द्धन

194. अशोक के कुल शिलालेखो की संख्या है

➤ 14

195. अशोक ने ‘धम्म’ स्वीकार किया था

➤ कलिंग युद्ध (261 ई०पू०) के बाद

196. मौर्य वंश का अंतिम शासक था

➤ वृहद्रथ

197. अशोक का राज्याभिषेक हुआ था

269 ई० पू० (पिता-बिन्दुसार, माता-सुभद्रांगी)

198. सर्वप्रथम सोने के सिक्के चलाने का श्रेय जाता है

➤ इण्डो-ग्रीक (यूनानी शासकों को)

199. अशोक के कलिंग युद्ध का वर्णन है

➤ 13वें अभिलेख में

200. शुंग वंश का संस्थापक तथा अंतिम शासक था

➤ क्रमशः पुष्यमित्र शुंग तथा देवभूति

201. दो अवश्वमेघ तथा एक राजसूय यज्ञ किया था

➤ गौतमी पुत्र शातकर्णी ने

202. खरोष्ठी लिपि लिखी जाती है

➤ दाईं ओर से बाई ओर

203. कण्व वंश का संस्थापक तथा अंतिम शासक था

➤ वसुदेव तथा सुशर्मा कण्व

204. सातवाहन वंश (आंध्र प्रदेश) की नींव डाली थी

➤ सिमुक ने

205. सर्वप्रथम सीसे के सिक्के का प्रचलन किया था

➤ सातवाहन शासक ने

206. कुषाण वंश का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक था

➤ कनिष्क

207. शक संवत् का प्रारंभ किया था

➤ कनिष्क ने (78 ई० में)

208. कनिष्क की प्रथम राजधानी थी

➤ पुरुषपुर या पेशावर (दूसरा-मथुरा)

209. कनिष्क का राजकवि तथा राजवैद्य था

क्रमशः अश्वघोष तथा चरक

210. भारतीयों के लिए महान ‘सिल्क मार्ग’ को आरंभ कराया था

➤ कनिष्क ने

211. ‘भारत का आइन्स्टीन’ कहा जाता है

➤ नागार्जून (शुन्यवाद के प्रवर्त्तक) को

212. गंधार शैली तथा मथुरा शैली का विकास हुआ था

➤ कनिष्क के शासन काल में

213. कुषाण वंश का अंतिम राजा था

➤ वासुदेव

214. गुप्तवंश का संस्थापक था

➤ श्री गुप्त

215. भारतीय इतिहास में ‘स्वर्ण युग’ के नाम से जाना जाता है

➤ गुप्त काल को

216. गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट था

➤ चन्द्रगुप्त प्रथम

217. भारत का नेपोलियन कहा जाता है

➤ समुद्रगुप्त को (चन्द्रगुप्त प्रथम का उतराधिकारी)

218. समुद्रगुप्त का दरबारी कवि था

➤ हरिषेण

219. समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी हुआ

➤ चन्द्रगुप्त-॥ (विक्रमादित्य)

220 चीनी यात्री फाह्यान (399-414 ई०) भारत आया था

➤ चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में

221. चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के दरबार में प्रसिद्ध कवि व नाटककार थे

➤ कालिदास

222. नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी

➤ कुमार गुप्त ने (विक्रमादित्य का उत्तराधिकारी)

Ancient History

223. अंतिम गुप्त शासक था

➤ भानुगुप्त

224. सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएँ जारी किए थे

➤ गुप्त राजाओं ने

225. मंदिर निर्माण की कला का जन्म हुआ था

➤ गुप्तकाल में

226. मेहरौली (दिल्ली) में स्थित राजाचन्द्र के लौह स्तंभ को बनवाया था

➤ चन्द्रगुप्त द्वितीय ने

227. गुप्तकाल के खगोलविद् थे

➤ वाराहमिहिर

228. पुष्यभूति वंश का संस्थापक था

➤ नरवर्द्धन (महत्त्वपूर्ण शासक- हर्षवर्द्धन)

229. चीनी यात्री ह्वेंसांग  (630-644 ई०) भारत आया था

➤ हर्षवर्धन के शासनकाल में

230. हर्षवर्धन का दरबारी कवि था

➤ बाणभट्ट (हर्षचरित के लेखक)

231. हर्षवर्धन को दक्षिण भारत के शासक पुलकेशिन द्वितीय ने हराया था

➤ नर्मदा नदी किनारे (630 ई० में)

232. वर्धन वंश (पुष्यभूति) की राजधानी थी

➤ थानेश्वर

233. भूमि देने की सामंती प्रथा प्रारंभ की थी

➤ हर्ष ने

234. पल्लव वंश का संस्थापक तथा प्रथम शासक था

➤ सिंहविष्णु (राजधानी- तमिलनाड में काँचीपुरम्)

235. पल्लव वंश का अंतिम शासक था

➤ अपराजित (879-897 ई०)

236. महाबलीपुरम् के एकाश्मक रथों का निर्माण करवाया गया था

➤ पल्लव राजा नरसिंह वर्मन प्रथम द्वारा

237. काँची के कैलाशनाथ मंदिर (राजसिद्धेश्वर मंदिर) का निर्माण करवाया था

➤ पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने

238. राष्ट्रकुट राजवंश का संस्थापक था

➤ दंतिदुर्ग (752 ई०)

239. राष्ट्रकुट वंश का अंतिम महान शासक था

➤ कृष्ण तृतीय

240. एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण करवाया था

➤ कृष्ण प्रथम (राष्ट्रकुट वंश) ने

241. राष्ट्रकुट राजवंश की राजधानी थी

➤ मान्यखेट

242. विक्रमशीला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी

➤ धर्मपाल ने (पाल वंश)

243. कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना की थी

➤ तैलप-॥ ने (राजधानी- मान्यखेट)

244. वातापी के चालुक्य वंश की स्थापना की थी

➤ जयसिंह  ने (राजधानी- वातापी)

245. वेंगी के चालुक्य वंश का संस्थापक था

➤ विष्णुवर्धन

246. हिन्दु विधि की पुस्तक मीताक्षरा’ की रचना की थी

➤ विज्ञानेश्वर (विक्रमादित्य-VI के दरबारी)

247. चोल वंश का संस्थापक था

➤ विजयालय (राजधानी- तंजौर)

248. चोल वंश का अंतिम राजा था

➤ राजेन्द्र-III

249. गंगो की प्रारंभिक राजधानी थी

➤ कोलर (बाद में- तलकाडु)

250. पाल वंश का संस्थापक था

➤ गोपाल (राजधानी- मुंगेर)

251. सेनवंश का संस्थापक था

➤ सामन्त सेन (राजधानी- लखनौती)

252. सेनवंश का अंतिम प्रसिद्ध शासक था

➤  लक्ष्मण सेन

253. ‘गीत गोविन्द’ के रचयिता ‘जयदेव’ दरबारी कवि थे

➤ लक्ष्मण सेन के

254. महमूद गजनवी ने 1025 ई० में सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था

➤ भीम प्रथम के शासन काल में (सोलंकी वंश)

255. सोलंकी वंश का संस्थापक तथा अंतिम शासक था

➤ क्रमश: मूलराज प्रथम तथा कुमार पाल

256. गहड़वाल वंश का संस्थापक था

➤ चंद्रदेव

257. दिल्ली नगर की स्थापना की थी

➤  तोमर नरेश अंगपाल ने (11वीं शताब्दी में)

258. चौहान वंश का संस्थापक था

➤ वासुदेव

259. चौहान वंश का अंतिम शासक था

➤ पृथ्वीराज ।।। (पृथ्वीराज चौहान)

260. पृथ्वीराज चौहान एवं मुहम्मद गोरी के बीच तराईन का प्रथम युद्ध हुआ था

➤ 1191 ई० में (विजयी- पृथ्वी राज चौहान)

261. पृथ्वीराज चौहान एवं मुहम्मद गोरी के बीच तराईन का दूसरा युद्ध हुआ था

➤ 1192 ई. में (विजयी- मुहम्मद गौरी)

262. ‘पृथ्वीराज रासो’ के रचयिता थे

➤ चन्दवरदाई (पृथ्वीराज चौहान का राजकवि)

263. महमुद गजनवी ने 1001 से 1027 के बीच भारत पर आक्रमण किया था

➤ 17 बार

264. चंदेल वंश का संस्थापक था

➤ नन्नुक (प्रारंभिक राजधानी- कालिंजर)

265. खजुराहों के मंदिरों (1000 वर्ष पुराना) का निर्माण करवाया था

➤ चंदेल शासकों ने

266. विजय स्तंभ का निर्माण करवाया था

➤ राणा कुम्भा ने (चित्तौड़ में)

267. भारत पर प्रथम मुस्लिम आक्रमण हुआ था

➤ अरबों द्वारा (712 ई० में)

268. होयसल वंश (यादवों की एक शाखा) की राजधानी थी

➤ द्वार समुद्र

269. सोमवार मंदिर का पुननिर्माण कराया था

➤ कुमारपाल ने

270. पुलकेशिन द्वितीय पराजित हुआ था

➤ नरसिंहवर्मन प्रथम (पल्लव शासक) द्वारा

271. पाण्ड्यों का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र था

➤ मदुरै

272. पंजाब के हिन्दू शाही राजवंश को स्थापित किया था

➤ कल्लर ने

273. चोल वंश का अंतिम शासक था

➤ राज राजा द्वितीय

274. मौर्य साम्राज्य में प्रचलित मुद्रा का नाम था

➤ पण

275. बिम्बिसार के समय में मगध की राजधानी थी

➤ राजगृह

276. अरबों ने भारत पर सफल आक्रमण किया था

➤ मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व (712 ई०) में

277. ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी

➤ गोपाल ने (पालवंश के संस्थापक)

278. मंदिर निर्माण कला में विमान शैली का प्रचलन हुआ था

चोल शासन काल में

279. ‘योग दर्शन’ तथा ‘सांख्य दर्शन’ के प्रवर्तक थे

➤ क्रमशः पंतजलि तथा कपिल मुनि

280. ‘न्याय दर्शन’ तथा ‘पूर्व मीमांसा दर्शन’ के प्रवर्तक थे

➤ क्रमशः गौतम तथा जैमिनी

281. ‘लिंगायत दर्शन’ के प्रवर्तक थे

➤ वासवराज

282. शुन्यवाद के प्रतिपादक है

➤ नागार्जून

283. भुवनेश्वर (उड़ीसा) में लिंगराज मंदिर का निर्माण (11वीं शदी में) करवाया था

➤ राजा ययाति केसरी ने

284. पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर को बनवाया था

➤ राजा अवन्तिवर्मन ने (11वीं सदी में)

285. विख्यात तट मंदिर (मामल्लपुरम् में) को बनवाया था

➤ पल्लव शासक नरसिंह वर्मन द्वितीय ने

286. मदुरई स्थित मीनाक्षी मंदिर का निर्माण करवाया था

➤ मदुरा नरेश तिरूमल्लाई नायक ने

287. कोणार्क के सूर्य मंदिर को बनवाया था

➤ नरसिंह देव प्रथम ने (1238-64 ई० में)

288. तंजौर में वृहदेश्वर (राजराजेश्वर) मंदिर का निर्माण करवाया था

➤ राज राज-। ने

289. माउंट आबू पर्वत पर दिलवाड़ा का प्रसिद्ध जैन मंदिर को बनवाया था

➤ भीम प्रथम के सामंत (बड़ा किसान) बिमल ने

290. अष्टछाप की स्थापना की थी

➤ आचार्य विट्ठलनाथ ने

291. भारत में चिश्ती सिलसिले की शुरूआत की थी

➤ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने

292. मोहम्मद साहब के जन्म पर मनाया जाने वाला पर्व है

➤ ईद-ए-मिलाद-उनवी

293. बेलूर और हेलबिड में मंदिर का निर्माण करवाया था

➤ होयसलों ने (12वीं शताब्दी में)

294. बीजापुर के गोलगुम्बज मकबरा है

➤ मोहम्मद आदिल शाह का

295. हैदराबाद स्थित चारमीनार का निर्माण करवाया था

➤ मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने

296. पुष्टिमार्ग के दर्शन की स्थापना की थी

➤ बल्लभाचार्य ने

297. विशिष्ट द्वैत सिद्धांत के प्रतिपादक थे

➤ रामानुजम

298. अद्वैतवाद सिद्धांत तथा द्वैता द्वैतवाद सिद्धांत के प्रतिपादक थे

➤ क्रमशः श्री शंकराचार्य तथा निम्बकाचार्य

299. द्वैतवाद तथा शुद्धाद्वैत सिद्धांत के प्रतिपादक थे

➤ क्रमशः माधवाचार्य तथा बल्लभाचार्य


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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