Unique Geography Notes हिंदी में

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BA SEMESTER/PAPER-VIHuman Geography - मानव भूगोल

4. मरूस्थलीय वातावरण में मानवीय क्रिया-कलाप

4. मरूस्थलीय वातावरण में मानवीय क्रिया-कलाप


मरूस्थलीय वातावरण में मानवीय क्रिया-कलाप

मरूस्थलीय वातावरण

                 मरुस्थलीकरण एक ऐसी भौगोलिक प्रक्रिया है, जिसमें समतल मैदानी उपजाऊ क्षेत्रों में भी मरुस्थल जैसी विशिष्टताएँ विकसित होने लगती हैं। जिसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियाँ है। इससे शुष्क, अर्द्ध-शुष्क, निर्जल इलाकों की मिट्टी रेगिस्तान में बदल जाती है तथा मिट्टी की उत्पादन क्षमता ह्रास होने लगता है। मरुस्थलीकरण से प्राकृतिक वनस्पतियों का ह्रास तो होता ही है, साथ ही कृषि उत्पादकता, पशुधन एवं जलवायवीय घटनाएँ भी प्रभावित होती हैं।

अक्षांशीय स्थिति:-

           यह प्रदेश भूमध्य रेखा के दोनों ओर 20° से 30° अक्षांशों के बीच अर्थात् उष्ण कटिबन्ध में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में फैला हुआ है।

सम्मिलित क्षेत्र:-

         अफ्रीका में सहारा तथा कालाहारी मरुस्थल हैं। एशिया में भारत एवं पाकिस्तान का थार मरुस्थल तथा अरब मरुस्थल आस्ट्रेलिया में पश्चिमी आस्ट्रेलिया का मरुस्थल। उत्तरी अमेरिका में कोलोरेडी ऐरीजीना तथा दक्षिणी कैलीफोर्निया के मरुस्थल। दक्षिणी अमेरिका में चिली तथा दक्षिणी पेरू का एटाकामा मरुस्थल।

तापमान एवं वर्षा:-

             ग्रीष्म ऋतु अत्यधिक गर्म और शीत ऋतु कम गर्म होती है। इस प्रदेश में संसार के उच्चतम तापमान वाले स्थान स्थित हैं। इस प्रदेश में वर्षा बहुत कम होती है। वर्ष भर में 25 सेन्टीमीटर से भी कम वर्षा होती है।

वनस्पति:-

           अति गर्म एवं शुष्क जलवायु के कारण यहाँ वनस्पति बहुत ही कम होती है। इस प्रदेश में वह वनस्पति है जो गर्मी तथा शुष्कता सहन कर सके, जिनकी जड़ें लम्बी हो ताकि भूमि के भीतर दूर गहराई से जल ले सकें, जिनकी पत्तियाँ मोटी हों ताकि वाष्पीकरण द्वारा उनमें जल की कमी न हो।

आर्थिक विकास:-

             आर्थिक विकास की दृष्टि से यह प्रदेश बहुत पिछड़ा हुआ है। इसके पिछड़ेपन के कारण निम्नलिखित हैं-

(1) भूमि के अधिकतर भाग में रेत फैली हुई हैं।

(2) वर्षा नहीं होती।

(3) गर्मी बहुत पड़ती है।

(4) अति शुष्क पवनें चलती हैं।

(5) आंधियाँ आती हैं।

(6) जल की कमी है।

(7) यातायात के साधनों की कमी है।

(8) जनसंख्या बहुत कम है।

कृषि:-

         इस प्रदेश के अधिकतर भाग में रेत फैली हुई है जिसके कारक कृषि योग्य भूमि बहुत कम है। अत्यधिक गर्मी, शुष्क पवनों तथा जल की कमी के कारण कृषि का विकास अधिक नहीं हो सकता है। नदी घाटियों में सिंचाई द्वारा कृषि की जाती है। मिस्र तथा सूडान की नील घाटी में इस प्रकार की कृषि की जाती है। गेहूँ, ज्वार, बाजरा, कपास तथा तम्बाकू यहाँ की मुख्य फसलें हैं।

उद्योग:-

         अरब तथा कैलिफोर्निया में तेल साफ करने के कारखाने हैं। थार तथा कैलिफोर्निया में झीलों से नमक प्राप्त करने का उद्योग है। लोग भेड़ एवं बकरियाँ पालकर ऊन प्राप्त करते हैं जिससे ऊन उद्योग चलता है। चारों ओर रेत फैले होने के कारण यातायात के साधनों की कमी तथा जनसंख्या कम होने के कारण उद्योग का विकास नहीं हो सका है।

          यहाँ दो प्रकार के लोग निवास करते हैं। एक तो वे जो कि यूरोप के उन्नतशील लोगों के सम्पर्क में आने से पर्याप्त प्रगति कर गये हैं। उदाहरणार्थ अरब के लोग कैलिफोर्निया तथा पश्चिमी आस्ट्रेलिया में भी यूरोप के उन्नतशील लोग बसे हैं। अतः यहाँ पर लोगों का रहन-सहन आधुनिक ढंग का है।

प्रश्न प्रारूप

1. मरुस्थलों में मानव जीवन तथा कार्यकलापों पर वातावरण के प्रभाव की विवेचना कीजिये।

अथवा, मरूस्थलीय पर्यावरण की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

अथवा, मरूस्थलीय वातावरण में मानवीय क्रियाओं का वर्णन कीजिए।

अथवा, मरूस्थलीय क्षेत्र की विशेषताओं और मानवीय कार्यकलाप का विवरण दीजिए।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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