13. ज्योति मौर्या और अलोक मौर्या से सम्बंधित कविता
ज्योति मौर्या और अलोक मौर्या से सम्बंधित कविता
ज्योति मौर्या और अलोक मौर्या से सम्बंधित कविता
सुनो प्रिय ! तुम बेफिक्र होकर, पढ़ो लिखो और अधिकारी बनो।
मैं तुम्हें बिना अधिकारी बने, पटना से वापस नहीं बुलाऊँगा।।
मुझे यह पता है कि, बरेली की अफेयर वाली घटना।
तुम्हारे करेंट अफेयर्स के, नोट्स का हिस्सा नहीं है।।
मुझे बरेली की अधिकारी वाली घटना, बिल्कुल भी परेशान नहीं करती।
हाँ, इलाहाबाद से महिलाओं की वापसी की खबर, मुझे जरूर परेशान कर देती हैं।।
मुझे ‘बेटी पढ़ाओ, बीबी नहीं’ वाले, महिला विरोधी ट्विट या पोस्ट से।
या फिर ‘हीरा ठाकुर’ वाले मिम्स से, मेरा तुम पर भरोसा कम नहीं होगा।।
ज्यादा पढ़ा-लिखा न होने के वाबजूद, इतनी तो मुझमें समझ है हर किसी की पत्नी।
अधिकारी बनकर ज्योति मौर्या नहीं हो जाएगी, उन्हीं में से कई राधा ठाकुर भी होंगी।।
यदि तुम अधिकारी बनने के बाद, ज्योति मौर्या भी बन गई।
तब भी आलोक मौर्या की तरह, मैं रोना नहीं रोऊँगा।।
मैं यह नहीं कहूँगा कि, मैं तुम्हें अधिकारी बनाया।
अपने सहयोग के लिए किसी के श्रम का, अतिक्रमण करना मुझे नहीं आता।।
By RS
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