अध्याय-7 जीवन का आधार पर्यावरण
बिहार बोर्ड वर्ग-7 वाँ भूगोल प्रश्नोत्तर
अध्याय-7 जीवन का आधार पर्यावरण
अध्याय-7 जीवन का आधार पर्यावरण
अभ्यास के प्रश्नोत्तर
i. सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाएँ।
1. जल प्रदूषण हो रहा है:
(क) पौधो के कटाव से
(ख) वाहन चलाने से
(ग) पानी पीने से
(घ) पानी में दूषित पदार्थ मिलने से
उत्तर- (घ) पानी में दूषित पदार्थ मिलने से
2. पानी की शुद्धता हो सकती है:
(क) मच्छर पालने से
(ख) तोता पालने से
(ग) बत्तख पालने से
(घ) मछली पालने से
उत्तर- (घ) मछली पालने से
3. बढ़ती जनसंख्या के कारण हो रहा है
(क) वृक्षों का तेजी से कटाव
(ख) भवनों का निर्माण
(ग) आधारभूत संरचना का निर्माण
(घ) इनमें सभी
उत्तर- (घ) इनमें सभी
4. पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाना चाहिए:
(क) खूब पौधे लगाना
(ख) गंदे जल की उचित निकासी का प्रबंध
(ग) गाड़ियों का कम उपयोग
(घ) इनमें सभी
उत्तर- (घ) इनमें सभी
अध्याय-7 जीवन का आधार पर्यावरण
ii. खाली जगहों को भरिए।
(1) कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बन डाइआक्साइड गैसें वायु प्रदूषण पैदा करता है।
(2) ध्वनि की तीव्रता को डेसिबल में मापा जाता है।
(3) सोंस/ डॉल्फिन को संरक्षित राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है।
अध्याय-7 जीवन का आधार पर्यावरण
iii. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. वृक्षों की संख्या-वृद्धि के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर- वृक्षों की संख्या-वृद्धि के लिए हमें संकल्पबद्ध होना पड़ेगा। हमें संकल्प लेना होगा कि प्रत्येक वर्ष हम कुछ-न-कुछ वृक्ष अवश्य लगायेंगेऔर उसकी देखभाल करेंगे, बहुत नहीं तो कम-से-कम वर्ष में 5 वृक्ष। फलदार वृक्ष हो तो बहुत अच्छा, पत्तेदार वृक्ष तो पर्यावरण के लिए प्राण माने जाते हैं। हम न तो वृक्ष काटेंगे और न किसी को काटने देंगे। पशुओं से रक्षा के लिए हम वृक्षों की घेराबन्दी कर देंगे।
2. नदियों के जल को स्वच्छ बनाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर- नदियों के जल को स्वच्छ रखने के लिए हम गाँव-नगर के नाले-नलियों को नदियों तक पहुँचने के पहले ही रोक कर गन्दे जल की सफाई करके नदियों में छोड़ेंगे। नदी तट पर अवस्थित कारखानों पर दबाव डालेंगे कि कारखानों के कचरा की सफाई कर ही उसके जल को नदी में छोड़ें। मृत पशुओं के शव को नदी में नहीं बहाने देंगे। इस काम के लिए एक संगठन खड़ा करना होगा और नदी तट के सभी गांवों में उसकी शाखाएँ संगठित करनी होंगी।
3. उन क्रियाकलापों की सूची बनाइए जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है?
उत्तर- वे क्रियाकलाप निम्नांकित हैं जिनसे पर्यावरण को नकसान पहँचता है:-
⇒ खनिज ईंधनों से चलने वाली सवारियों के साधनों से निकलने वाले धुएँ से।
⇒ खनिज कोयला जलाने वाले कल-कारखानों से निकले धुएँ से।
⇒ आवाज करनेवाले कारखानों तथा मोटर-वाहनों के कर्कश हॉर्न की आवाज से।
⇒ पेड़-पौधों की अंधा-धुंध कटाई से।
⇒ नदी, तालाब, कुआँ आदि के जल को गंदा करने से।
⇒ पॉलीथीन के उपयोग से।
⇒ मरे हुए जानवरों को खुले वातावरण में फेंकने से।
4. पॉलीथीन के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं?
उत्तर- रद्दी कागज के ठोंगा के साथ जूट के थैला, कपड़े का थैला या इसी प्रकार किसी प्रकार के थैला पॉलीथीन के विकल्प हो सकते हैं।
5. पता कीजिए कि कितने घरों का बेकार पानी बाहर गली या सड़क पर गिरता है। कितने घरों का पानी सोख्ता गड्ढे में गिरता है?
उत्तर- मेरे गाँव के किसी भी घर का पानी गली या सड़क पर नहीं गिरता। सभी ने कोई-न-कोई व्यवस्था कर रखी है। गली में जो घर हैं उनका पानी नाली में गिरता है। नाली का पानी मुख्य सड़क के बड़े नाले में गिरता है, जो गाँव के बाहर दक्षिण में अवस्थित एक गड्ढे में एकत्र होता है जो कुछ घर नाली से सम्बद्ध नहीं हैं, उन्होंने सोख्ता गड्ढा बना रखा है और घर का पानी उसी में गिराते हैं।
6. शहरी एवं ग्रामीण पर्यावरण में क्या-क्या अंतर दिखाई पड़ते हैं?
उत्तर- शहरी पर्यावरण दमघोंटू रहता है, जबकि गाँव का पर्यावरण खुला-खुला होता है। शहरों में पेड़-पौधों की कमी होती है जबकि गाँवों में अपेक्षाकृत अधिकता है। शहरों में छोटे-बड़े वाहनों की अधिकता है तो वहीं गाँवों में खनिज तेल (पेट्रोल, डीजल) चालित वाहन एक-दो ही दिखाई पड़ते हैं। गाँवों में सायकिल, बैलगाड़ा, टमटम ही अधिक दिखते हैं।
7. प्रदूषण के क्या कारण हैं? इनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- प्रदूषण के कारण- अधिक भीड़-भाड़ में पेट्रोल-डीजल चालित वाहन चलाने से उनके द्वारा निकले धुएँ से वायु प्रदूषण होता है। मशीनों, वाहनों, हॉर्न, लाउडस्पीकरों द्वारा निकले कर्कश आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है। नदियों में गन्दगी मिलाने, तालाबों में कपड़ा साफ करने और पशुओं को नहलाने, कुआँ के निकट कचड़ा एकत्र करने से जल प्रदूषण होता है।
प्रदूषण का हमारे जीवन पर प्रभाव- वायु प्रदुषण से श्वास रोग होता है, जबकि ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारी होती है और कभी-कभी बहरेपन का शिकार भी होना पड़ता है। जल प्रदूषण से पेट की बीमारियाँ होती हैं। खासकर डायरिया का प्रकोप बढ़ता है।
8. हम ग्लोबल वार्मिग को कैसे कम कर सकते हैं?
उत्तर- ग्लोबल वार्मिंग अर्थात भूमंडलीय तापन को कम करने के लिए हमें अपनी सुविधाओं में कटौती करनी होगी। जेनरेटर, फ्रीज, ए.सी., खनिज तेल (पेट्रोल, डीजल) चालित वाहनों का उपयोग कम करना होगा। हमें वे सब उपाय अपनाने पड़ेंगे, जिनसे ओजन परत की क्षति न हो और सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाएँ।
- अध्याय-1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
- अध्याय-2 चट्टान एवं खनिज
- अध्याय -3 आंतरिक बल एवं उससे बनने वाली भू-आकृतियाँ
- अध्याय- 4 वायुमंडल एवं इसका संघटन
- अध्याय- 5 बिन पानी सब सून
- अध्याय- 6 हमारा पर्यावरण
- अध्याय- 7 जीवन का आधार : पर्यावरण
- अध्याय- 8 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : लद्दाख प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय- 9 मानव पर्यावरण अंतः क्रिया : थार प्रदेश में जन-जीवन
- अध्याय-10 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : अपना प्रदेश बिहार
- अध्याय-11 मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन- जीवन
- अध्याय-12 मौसम और जलवायु
- अध्याय-13 मौसम सम्बन्धी उपकरण