Unique Geography Notes हिंदी में

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Complete Geography MaterialGENERAL COMPETITIONSसामान्य भूगोल #

3. Earth’s motions (पृथ्वी की गतियाँ)

3. Earth’s motions (पृथ्वी की गतियाँ)



पृथ्वी की गतियाँ

         पृथ्वी की मुख्यतः दो गतियाँ है-

(1) घूर्णन या परिभ्रमण या दैनिक गति:-

       पृथ्वी सदैव अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में लट्टू के समान घूमती रहती है, जिसे पृथ्वी का घूर्णन (Rotation) या परिभ्रमण कहते हैं। इस गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन व रात होते हैं। इसीलिए इस गति को दैनिक गति भी कहा हैं।

➤ पृथ्वी का अक्ष भूमध्यरेखीय तल के लम्बवत् रहता है तथा पृथ्वी के केन्द्र से होकर गुजरता है।

➤ इसके एक पूर्ण घूर्णन की अवधि लगभग 24 घंटे (23 घंटा, 56 मिनट 4.09 सेकेण्ड) है। यह अवधि एक दिन का निर्माण करती है।

➤ यदि पृथ्वी अपनी धुरी पर झुकी हुई न होती तो सर्वत्र दिन-रात की अवधि एक समान होती।

➤ यदि पृथ्वी अपनी अक्ष पर न घूमती और सूर्य की परिक्रमा न करती तो पृथ्वी के एक गोलार्द्ध में सदैव दिन बड़े और रातें छोटी होतीं तथा दूसरे गोलार्द्ध में सदैव रातें बड़ी और दिन छोटे होते।

➤ पृथ्वी के घूर्णन की यह गति भूमध्यरेखा पर 0.5 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है, 60° अक्षांश पर इसकी आधी 0.23km/h तथा ध्रुवों पर शून्य हो जाती है। अर्थात् ध्रुवों की ओर यह गति क्रमशः कम (धीमी) होती जाती है।

➤ ज्वारीय घर्षण पृथ्वी की घूर्णन गति को कम कर देता है। इस क्रिया के फलस्वरूप दिन की अवधि 0.002 सेकेण्ड प्रति शताब्दी की दर से बढ़ जाती है।

➤ पवनों व समुद्री धाराओं में विक्षेपण, दैनिक ज्वार-भाटा की स्थिति में परिवर्तन, ध्रुवों का चपटाकार स्वरूप, भूमध्य रेखा का उभार (Bulge) तथा उत्तरी चुम्बकीय ध्रुव का गतिमान होना पृथ्वी के घूर्णन गति के कारण ही सम्भव होते हैं।

(2) परिक्रमण अथवा वार्षिक गति:-

        पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर एक अंडाकार मार्ग पर 365 दिन तथा 6 घंटे में एक परिक्रमा पूर्ण करती है। पृथ्वी की इस गति को परिक्रमण या वार्षिक गति कहते हैं।

➤ पृथ्वी के परिक्रमण पथ अर्थात् अंडाकार मार्ग को भू-कक्षा (Earth Orbit) कहते हैं।

➤ चूँकि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अण्डाकार कक्ष में घूमती है, इसीलिए पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी परिवर्तित होती रहती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी 14.96 करोड़ किमी. है।

➤ एक वर्ष में एक बार पृथ्वी सूर्य से सबसे दूरस्थ बिन्दु पर तथा दूसरी बार सबसे निकटस्थ बिन्दु पर स्थित होती है।

नक्षत्र दिवस (Sidereal Day):-

     एक मध्याह्न रेखा के ऊपर किसी निश्चित नक्षत्र के लगातार दो बार गुजरने के बीच की अवधि को नक्षत्र दिवस कहते हैं। यह 23 घंटे, 56 मिनट व 4 सेकण्ड अवधि की होती है।

सौर दिवस (Solar Day):- 

     किसी निश्चित मध्याह्न रेखा के ऊपर से सूर्य के दो बार गुजरने की अवधि को सौर दिवस के नाम से जाना जाता है।

➤ जब सूर्य को गतिहीन मानकर पृथ्वी द्वारा उसके परिक्रमण की गणना दिवसों के रूप में की जाती है तब सौर दिवस प्राप्त होता है। इसकी अवधि पूरे 24 घंटे की होती है।

➤ औसत सौर दिवस, नक्षत्र दिवस से 3 मिनट 56 सेकेण्ड बड़ा होता है। इसका कारण यह है कि पृथ्वी अपने अक्ष पर जब एक चक्कर पूरा करती है तो वह अपने कक्ष पर पूर्व की स्थिति से एक अंश आगे निकल जाती है। पृथ्वी की किसी निश्चित मध्याह्न रेखा को सूर्य के सम्मुख पुनः आने में कुछ अतिरिक्त समय लग जाता है।

लीप वर्ष:-
       पृथ्वी एक वर्ष या 365 दिन 6 घण्टे में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हम लोग एक वर्ष 365 दिन का मानते हैं तथा सुविधा के लिए 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ते हैं। चार वर्षों में प्रत्येक वर्ष के बचे हुए 6 घंटे मिलकर एक दिन यानी 24 घंटे के बराबर हो जाते हैं। इसके एक अतिरिक्त दिन को फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक चौथे वर्ष फरवरी माह 28 के बदले 29 दिन का होता है। इस प्रकार ऐसा वर्ष जिसमें 366 दिन होते हैं उसे लीप वर्ष कहा जाता है। 

उपसौर (Perihelion):-

   पृथ्वी जब सूर्य के अत्यधिक पास होती है तो इसे उपसौर कहते हैं। ऐसी स्थिति प्रत्येक वर्ष 3 जनवरी को होती है।

➤ उपसौर के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी 14.70 करोड़ किमी. होती है।

➤ उपसौर की दशा में पृथ्वी सूर्य से सामान्य दिनों की अपेक्षा 7 प्रतिशत अधिक सूर्यताप (Insolation) प्राप्त करता है।

➤ उपसौर की दशा में पृथ्वी का दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर होता है। इसीलिए यहाँ गर्मी थोड़ी बढ़ जाती है

➤ इस दशा में चूँकि उत्तरी गोलार्द्ध की दूरी अधिक होती है इसलिए उत्तरी गोलार्द्ध में पड़ने वाली गर्मी थोड़ी कम हो जाती है।

अपसौर (Aphelion):-

     पृथ्वी जब सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है तो इसे अपसौर कहते हैं। ऐसी स्थिति प्रत्येक वर्ष 4 जुलाई को होती है।

➤ अपसौर के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी 15.20 करोड़ किमी. होती है।

➤ अपसौर की दशा में पृथ्वी सूर्य से सामान्य दिनों की अपेक्षा 7 प्रतिशत कम सूर्यताप (Insolation) प्राप्त करता है।

➤ अपसौर की दशा में पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर होता है। इसलिए दक्षिणी गोलार्द्ध में पड़ने वाली गर्मी थोड़ी कम हो जाती है।

➤ इस दशा में चूँकि उत्तरी गोलार्द्ध  की दूरी कम होती है इसलिए उत्तरी गोलार्द्ध में पड़ने वाली गर्मी थोड़ी अधिक हो जाती है।

Earth

एपसाइड रेखा:-

        उपसौरिक एवं अपसौरिक को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा सूर्य के केन्द्र से गुजरती है, इसे ही एपसाइड रेखा कहते हैं।

दिन और रात का छोटा व बड़ा होना

      विषुवतरेखीय भाग को छोड़कर विश्व के शेष सभी भागों में विभिन्न ऋतुओं में दिन और रात की अवधि में अंतर पाया जाता है। विषुवत रेखा पर सदैव दिन और रात की अवधि बराबर होती है, क्योंकि इसे प्रकाश वृत्त सदैव दो बराबर भागों में बाँटता है। अतः विषुवत रेखा का आधा भाग प्रत्येक स्थिति में सूर्य का प्रकाश प्राप्त करता है।

ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं।

पृथ्वी पर दिन और रात की स्थिति

     उत्तरी गोलार्द्ध 21 मार्च से 23 सितम्बर की अवधि के दौरान सूर्य का प्रकाश 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त करता है। अतः यहाँ दिन बड़े एवं रातें छोटी होती हैं। हम जैसे-जैसे उत्तरी ध्रुव की ओर बढ़ते जाते हैं, दिन की अवधि भी बढ़ती जाती है। इस समय उत्तरी ध्रुव पर दिन की अवधि छः महीने की होती है और दक्षिणी ध्रुव पर छः महीने की रात होती है।

     दक्षिणी गोलार्द्ध 23 सितम्बर से 21 मार्च की अवधि के दौरान सूर्य का प्रकाश 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त करता है। हम जैसे-जैसे दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ते हैं, दिन की अवधि भी बढ़ती जाती है। दक्षिणी ध्रुव पर इसी कारण छः महीने तक दिन रहता है जबकि उत्तरी ध्रुव पर इस समय छः महीने की रात रहती है।

सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी कि स्थिति

उत्तर अयनांत-
       21 जून को विषुवत वृत के उत्तरी भाग में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है। ठीक इसके विपरीत इसी दिन दक्षिणी गोलार्ध में सबसे लंबी रात एवं छोटी दिन होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते है।  
दक्षिण अयनांत-
       22 दिसंबर को विषुवत वृत के दक्षिणी भाग में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है।ठीक इसके विपरीत इसी दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबी रात एवं छोटी दिन होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहते है। 
विषुव-
       21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें  विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका रहता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात एवं दिन बराबर होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है।
       23 सितंबर को उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति ठीक इसके विपरीत होती है क्योंकि इस दिन उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है। 

21 जून की स्थिति

➤ 21 मार्च व 23 सितम्बर को सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर लम्बवत होती हैं। 21 मार्च के बाद सूर्य के उत्तरायण होने के साथ-साथ उत्तरी गोलार्द्ध में दिन की अवधि में भी वृद्धि होने लगती है व ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।

➤ 21/22 जून तक सूर्य कर्क रेखा के लम्बवत स्थिति में आ जाता है। इस स्थिति को कर्क संक्रान्ति या ग्रीष्म अयनांत कहते हैं।

➤ 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़ा (सर्वाधिक अवधि वाला) तथा रात्रि छोटी (न्यूनतम अवधि वाली) होती है। दक्षिणी गोलार्द्ध में इस समय शीत ऋतु होती है। 21 जून के पश्चात् 23 सितम्बर तक सूर्य पुनः विषुवत रेखा की ओर उन्मुख होता है। परिणामस्वरूप धीरे-धीरे उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी कम होने लगती है।

22 दिसम्बर की स्थिति

➤ 22 दिसम्बर को दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर तथा उत्तरी गोलार्द्ध विपरीत दिशा में स्थित होता है। इस तिथि को सूर्य मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर लम्बवत् चमकता है। इस स्थिति को मकर संक्राति या शीत अयनांत (Winter Solstice) कहते हैं। इस तिथि को दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन बड़ा (सर्वाधिक अवधि वाला) तथा रातें छोटी (न्यूनतम अवधि वाली) होती हैं।

➤ इस दौरान दक्षिणी गोलार्द्ध में निम्न वायुदाब अर्थात् ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके विपरीत उत्तरी गोलार्द्ध में इस समय उच्च वायुदाब अर्थात् शीत ऋतु होती है, क्योंकि कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। कर्क रेखा भारत के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है। इसीलिए इस समय उत्तर-पश्चिम भारत में उच्च वायुदाब का केन्द्र विकसित होता है।

➤ वस्तुतः सूर्य के दक्षिणायन होने अर्थात् दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर उन्मुख होने की प्रक्रिया 23 सितम्बर के पश्चात् प्रारंभ हो जाती है, जिससे दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती हैं। इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में इसके विपरीत स्थिति देखी जाती है। 22 दिसम्बर के उपरान्त 21 मार्च तक सूर्य पुनः विषुवत रेखा की ओर उन्मुख होता है तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में धीरे-धीरे ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति हो जाती है।

21 मार्च व 23 सितम्बर की स्थितियाँ

➤ इन दोनों स्थितियों में सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर लम्बवत् पड़ती हैं। इसलिए इस समय सभी अक्षांश रेखाओं का आधा भाग सूर्य का प्रकाश प्राप्त करता है। और सर्वत्र दिन व रात की अवधि समान होती है।

➤ इन तिथियों में दिन व रात की अवधि के समान रहने एवं ऋतु की समानता के कारण इन दोनों स्थितियों को विषुव अथवा सम रात-दिन (Equinox) कहा जाता है।

21 मार्च की स्थिति को बसंत विषुव (Vernal/Spring Equinox) एवं 23 सितम्बर वाली स्थिति को शरद विषुव (Autumnal Equinox) कहा जाता है।

➤ जब सूर्य अण्डाकार (Ecliptic) कक्ष के सहारे वसन्त विषुव (Vernal Equinox) या शरद विषुव (Autumnal Equinox) की दिशा में होता है तो इसका दिक्पात (Declination) शून्य होता है। उस समय पृथ्वी के सभी स्थानों पर दिन व रात 12 घण्टे के होते हैं।

➤ यदि पृथ्वी का अक्ष, कक्ष तल (Orbital Plane) के समकोण पर होता तो पृथ्वी पर ऋतुओं का परिवर्तन नहीं होता। प्रत्येक अक्षांश पर रहने वाले मनुष्य वर्ष भर एक ही प्रकार की ऋतु की अनुभव करते। भूमध्यरेखा के आस-पास के प्रदेश में सदैव ग्रीष्म ऋतु तथा ध्रुवों के पास सदैव शीत ऋतु का अनुभव होता।

➤ उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने का दिन वसन्त विषुव (Vernal Equinox) से प्रारम्भ होता है तथा 6 महीने की रात शद विषुव (Autumnal Equniox) के साथ प्राम्भ होती है। ऐसी दशा दक्षिणी गोलार्द्ध में भी पायी जाती है।



पृथ्वी की गतियाँ से सम्बंधित पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर



1. पृथ्वी पर दिन तथा रात्रि चक्र किसके कारण होता है?

[A] पृथ्वी का घूर्णन
[B] पृथ्वी का परिक्रमण
[C] पृथ्वी का घूर्णन तथा परिक्रमण दोनों
[D] इनमें से कोई नहीं

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2. पृथ्वी अपनी धुरी के चारों तरफ किस दिशा में घूमती है?

[A] पूर्व से पश्चिम
[B] पश्चिम से पूर्व
[C] उत्तर से दक्षिण
[D] दक्षिण से पूर्व

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3. अपने अक्ष पर पृथ्वी एक चक्कर कितने समय में पूरा करती है?

[A] 23 घंटे 30 मिनट
[B] 23 घंटे 56 मिनट 4.9 सेकंड
[C] 23 घंटे 10 मिनट 2 सेकंड
[D] 24 घंटे

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4. पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगते हैं लगभग-

[A] 365.25 दिन
[B] 365 दिन
[C] 365.50 दिन
[D] 365.75 दिन

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5. पृथ्वी की परिक्रमण धुरी (ध्रुवीय धुरी) सदा झुकी होती है:

[A] दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.1° पर
[B] दीर्घवृत्तीप धुरी से 23.00 पर
[C] दीर्घवृत्तीय पुरी से 24.5° पर
[D] दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.5° पर

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6. अपने परिक्रमा पथ में पृथ्वी लगभग किस माध्य वेग से सूर्य के चक्कर लगाती है?

[A] 30 km/s
[B] 40 km/s
[C] 50 km/s
[D] 20 km/s

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7. परिक्रमण करती हुई पृथ्वी या एक ग्रह की अपने कक्ष में सूर्य से अधिकतम दूरी को क्या कहा जाता है-

[A] उपसौर
[B] अपसौर
[C] अपोजी
[D] पेरिजी

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8. पृथ्वी, सूर्य से अपनी अधिकतम दूरी पर होती है-

[A] 30 जनवरी को
[B] 22 दिसंबर को
[C] 22 सितंबर को
[D] 4 जुलाई को

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9. परिक्रमण करती हुई पृथ्वी या एक ग्रह की अपने कक्ष में सूर्य से न्यूनतम दूरी को क्या कहा जाता है-

[A] उपसौर
[B] अपसौर
[C] अपोजी
[D] पेरिजी

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10. पृथ्वी की उपसौर (Perihelion) स्थिति किस महीने में होती है?

[A] जून
[B] जनवरी
[C] सितंबर
[D] मार्च

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11. किस दिन पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट होती है?

[A] 23 सितंबर
[B] 3 जनवरी
[C] 4 जुलाई
[D] 21 मार्च

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12. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, इस सिद्धांत को पेश करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे?

[A] अल्बर्ट आइंस्टीन
[B] गैलीलियो
[C] कॉपरनिकस
[D] न्यूटन

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13. यह किसने सर्वप्रथम प्रतिपादित किया कि सूर्य हमारे सौर मण्डल का केन्द्र है, और पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है?

[A] गैलीलियो
[B] न्यूटन
[C] पाणिनी
[D] कॉपरनिकस

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14. निम्नलिखित में से यह किसका मत था कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है?

[A] ब्रह्मगुप्त
[B] आर्यभट्ट
[C] वराहमिहिर
[D] उपर्युक्त में से कोई नहीं

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15. पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के लिए लगने वाले समय की गणना करने वाले प्रथम भारतीय भूगोलशास्त्री कौन थे?

[A] आर्यभट्ट
[B] वेद भटनागर
[C] भास्कराचार्य
[D] बिशु देवतामापी

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16. पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा कर रहा कृत्रिम उपग्रह इसलिए पृथ्वी पर नीचे नहीं गिरता क्योंकि पृथ्वी का आकर्षण-

[A] चंद्रमा के आकर्षण से निष्क्रिय हो जाता है
[B] उतनी दूरी पर अस्तित्वहीन होता है
[C] उसकी नियमित चाल के लिए आवश्यक गति प्रदान करता है
[D] उसकी गति के लिए आवश्यक त्वरण प्रदान करता है

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17. प्रदीप्ति का वृत्त पृथ्वी को कौन से दो गोलर्द्धों में विभाजित करता है?

[A] उत्तरी और दक्षिणी
[B] पूर्वी और पश्चिमी
[C] दिन और रात
[D] ग्रीष्म और शीत

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18. इक्विनोक्स (Equinox)/विषुव होता है जब-

[A] दिन और रात बराबर होते हैं 
[B] एक वर्ष के दौरान सबसे छोटा दिन होता है
[C] एक वर्ष के दौरान सबसे बड़ा दिन होता है
[D] एक वर्ष के दौरान जब सबसे अधिक वर्षा होती है

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19. विश्व के सभी अंगों में 23 सितंबर को दिन और रात की समान लंबाई को क्या कहते हैं?

[A] शरदकालीन विषुव
[B] खगोलीय विषुव
[C] शीतकालीन विषुव
[D] वसंतकालीन विषुव

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20. दिन-रात जिस कारण होते हैं, वह है-

[A] भू-परिभ्रमण
[B] भू-परिक्रमण
[C] पृथ्वी के अक्ष का झुकाव
[D] 91 डिग्री पश्चिम

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21. वह कौन-सी तिथि/तिथियों है, जब दोनों गोलर्द्धों (Hemispheres) में दिन और रात बराबर होते हैं?

[A] 22 दिसंबर
[B] 21 जून
[C] 21 मार्च एवं 23 सितंबर
[D] 21 जून एवं 22 दिसंबर

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22. जब दिन और रात की अवधि बराबर होती है तो सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है-

[A] भूमध्य रेखा पर
[B] उत्तरी ध्रुव पर
[C] दक्षिणी ध्रुव पर
[D] कर्क रेखा पर

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23. अलग-अलग ऋतुओं में दिन-समय और रात्रि-समय के विस्तार में विभिन्नता किस कारण से होती है?

[A] पृथ्वी का, सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्तीय रीति से परिक्रमण
[B] पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूर्णन
[C] स्थान की अक्षांशीय स्थिति
[D] पृथ्वी का नत अक्ष पर परिक्रमण

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24. निम्नलिखित तिथियों में से किसमें दोपहर को आपकी छाया (Shadow) सबसे छोटी होती है?

[A] मार्च 21
[B] दिसम्बर 25
[C] जून 22
[D] फरवरी 14

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25. निम्नलिखित में से किस तिथि पर उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्मकाल अयनांत को देखा जाता है?

[A] 21 जून
[B] 5 अगस्त
[C] 18 जुलाई
[D] 19 दिसंबर

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26. निम्नलिखित में से किस-किस तिथियों पर उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकाल अयनांत को देखा जाता है?

I. 22 दिसंबर

II. 5 अगस्त

III. 10 जनवरी

[A] केवल I
[B] I तथा II दोनो
[C] केवल III
[D] केवल II

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27. निम्नलिखित में से किस तिथि पर दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्मकालीन अयनांत (Summer solstice) को देखा जाता है?

[A] 22 दिसंबर
[B] 5 अगस्त
[C] 18 जुलाई
[D] 23 सितंबर

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28. निम्नलिखित में से किस तिथि पर दक्षिणी गोलार्द्ध में शीतकाल अयनांत को देखा जाता है?

[A] 5 अगस्त
[B] 10 अगस्त
[C] 15 फरवरी
[D] 21 जून

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29. 21 जून को शीतकालीन सोलस्टिस (अयनांत)…… गोलार्द्ध में होता है।

[A] उत्तरी
[B] पूर्वी
[C] पश्चिमी
[D] दक्षिणी

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30. दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन है-

[A] 22 दिसम्बर
[B] 22 जून
[C] 21 मार्च
[D] 22 सितम्बर

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31. दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन होता है।

[A] 22 नवंबर
[B] 22 दिसंबर
[C] 22 मार्च
[D] 21 जून

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32. उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन कौन-सा है?

[A] 21 मार्च
[B] 21 सितंबर
[C] 21 जून
[D] 21 अप्रैल

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33. उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन होता है।

[A] 22 नवंबर
[B] 22 दिसंबर
[C] 22 मार्च
[D] 22 जून

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34. वर्ष का सबसे बड़ा दिन कौन-सा होता है?

[A] 21 जून
[B] 21 मई
[C] 22 दिसंबर
[D] 25 दिसंबर

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35. कौन सी तिथि को सबसे छोटे दिन और सबसे लम्बी रात के रुप में जाना जाता है?

[A] 23 सितम्बर
[B] 3 जनवरी
[C] 22 दिसम्बर
[D] 24 सितम्बर

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36. भारत निम्नलिखित में से किस गोलार्द्ध में स्थित है?

[A] उत्तरी और पूर्वी
[B] दक्षिणी और पूर्वी
[C] उत्तरी और पश्चिम
[D] उत्तरी और दक्षिणी

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37. भारत में सबसे छोटा दिन कब होता है?

[A] 23 सितम्बर
[B] 22 दिसम्बर
[C] 23 जून
[D] 23 अप्रैल

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38. निम्न में किस दिन सूर्य और पृथ्वी के बीच सबसे कम दूरी होती है?

[A] 21 जून
[B] 22 दिसंबर
[C] 22 सितंबर
[D] 3 जनवरी

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39. निम्नलिखित में से कौन-सा लीप वर्ष या अधिवर्ष था?

[A] 1100
[B] 1300
[C] 1900
[D] 2000

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40. ‘मध्यरात्रि सूर्य’ का क्या अर्थ है?

[A] सांध्य प्रकाश
[B] उदीयमान सूर्य
[C] बहुत चमकदार चंद्रमा
[D] सूर्य का ध्रुवीय वृत्त में देर तक चमकना

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41. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में ‘मध्यरात्रि सूर्य’ को देखा जा सकता है?

[A] उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में
[B] उष्ण शीतोष्ण क्षेत्रों में
[C] आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्रों में
[D] सूर्यग्रहण के समय कहीं भी

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42. मध्य रात्रि का सूर्य इनमें से किस क्षेत्र में दिखायी देता है?

[A] भूमध्यसागरीय क्षेत्र में
[B] भूमध्यरेखीय क्षेत्र में
[C] आर्कटिक क्षेत्र में
[D] जापान से पूर्व में

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43. सूची-1 को सूची-11 के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

सूची-I (घटना) सूची-II (दिनांक)

a. ग्रीष्म संक्रांति 1. 21 जून

b. शीत संक्रांति 2. 22 दिसम्बर

c. बसन्त विषुव 3. 23 सितम्बर

d. शरद विषुव 4. 21 मार्च

कूट :

[A] a-1, b-2, c-4, d-3
[B] a-1, b-4, c-2, d-3
[C] a-3, b-2, c-4, d-1
[D] a-3, b-4, c-2, d-1

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44. सूर्य ग्रहण के समय, निम्नलिखित में से कौन मध्य में रहता है?

[A] पृथ्वी
[B] चंद्रमा
[C] सूर्य
[D] कोई अन्य ग्रह

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45. सूर्य ग्रहण कब होता है?

[A] जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच होता है
[B] जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच होता है
[C] जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है
[D] जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी को जोड़ने वाली रेखा पर नहीं होता है

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46. प्रत्येक सूर्यग्रहण होता है-

[A] केवल अमावस्या के दिन
[B] केवल पूर्णिमा के दिन
[C] दोनों (A) तथा (B)
[D] न (A) न ही (B)

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47. खग्रास (पूर्ण) सूर्यग्रहण केवल सीमित भू-क्षेत्र में ही दिखाई पड़ता है क्योंकि

[A] पृथ्वी की सतह सपाट नहीं है बल्कि उसमे उभार और अवनमन हे
[B] पृथ्वी के अनुप्रस्थ परिच्छेद की तुलना में पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्र की छाया का आकार छोटा होता है
[C] सूर्य के चारों ओर पृथ्वी का तथा पृथ्वी के चारों ओर चंद्र का प्रक्षेप पथ पूर्णतः वृत्ताकार नहीं है
[D] वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य की किरणे चंद्रछाया के अधिकांश परिधीय क्षेत्र तक पहुँच सकती है

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48. सूर्य या चंद्र ग्रहण में पृथ्वी की छाया कितने भाग में विभाजित हो जाती है?

[A] पांच भाग
[B] दो भाग
[C] चार भाग
[D] तीन भाग

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49. हीरक बलप, ईश्वर की आँख और बेती के मनके, निम्नलिखित प्राकृतिक घटनाओं में से किस एक के हिस्से है?

[A] पूर्वीय ज्योति
[B] सूर्यग्रहण
[C] तड़ित
[D] सौर आँधी

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50. हीरक वलय एक दृश्य है जिसे देखा जा सकता है-

[A] पूर्ण सूर्यग्रहण के अंत में
[B] पूर्ण सूर्यग्रहण के आरम्भ में
[C] केवल पूर्णता पथचिन्ह के परिधीय क्षेत्रों पर
[D] केवल पूर्णता पथचिन्ह के केंद्रीय क्षेत्रों पर

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51. चन्द्रग्रहण तब होता है जबकि-

[A] सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी हो
[B] पृथ्वी व चन्द्रमा के बीच सूर्य हो
[C] सूर्य व पृथ्वी के बीच चन्द्रमा हो
[D] उक्त में से कोई भी अवस्था हो

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52. चंद्र ग्रहण के समय, निम्नलिखित में से कौन मध्य में रहता है?

[A] पृथ्वी
[B] चंद्रमा
[C] सूर्य
[D] कोई अन्य ग्रह

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53. कौन-सी परिस्थिति में चन्द्रग्रहण होता है-

[A] नव चन्द्र
[B] अर्द्ध चन्द्र
[C] पूर्ण चन्द्र
[D] उपर्युक्त में कोई नहीं

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54. सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा कब आता है?

[A] चन्द्र ग्रहण
[B] सूर्य ग्रहण
[C] नक्षत्र दिन
[D] पूर्णिमा के दिन

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55. ग्रहण के दौरान पड़ने वाली छाया का सबसे काला भाग-

[A] प्रभामंडल
[B] प्रच्छाया
[C] उपच्छाया
[D] ब्लैक होल

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56. सिजिगी (syzygy) क्या है?

[A] सूर्य, पृथ्वी तथा चंद्रमा की एक ही सीधी रेखा में स्थिति
[B] सूर्य तथा चंद्रमा के बीच पृथ्वी की स्थिति
[C] पृथ्वी के एक ही ओर सूर्य तथा चंद्रमा की स्थिति
[D] सूर्य और पृथ्वी से चंद्रमा की समकोणीय स्थिति

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57. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है?

[A] युति-वियुति बिन्दु (सिजिगी) संयोजन सूर्यग्रहण का कारण है।
[B] सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा की 180° कोण की एक सीधी रेखा की स्थिति युति-वियुति बिन्दु (सिजिगी) कहलाती है।
[C] युति-वियुति बिन्दु प्रतिकूलता चन्द्र ग्रहण का कारण है।
[D] युति-वियुति बिन्दु संयोजन केवल उपसौर के समय होता है।

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58. वसंत ज्वार तब आते हैं, जब

[A] चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक रेखा में होते हैं
[B] सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट होता है
[C] चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है
[D] पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के साथ समकोण पर होता है

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59. लघु ज्वार-भाटा होते हैं-

[A] प्रबल
[B] दुर्बल
[C] मध्यम
[D] अत्यंत प्रबल

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60. बृहत ज्वार भाटा आता है-

[A] जब सूर्य तथा चन्द्रमा पृथ्वी से समकोण बनाते हैं।
[B] जब सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्रमा एक सीधी रेखा में होते है
[C] जब तेज हवा चलती है
[D] जब रात बहुत ठंडी होती है

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61. सभी वृहत् ज्वारों में सबसे ऊँचा ज्वार किस समय घटित होता है?

[A] विषुव के साथ पूर्णिमा या अमावस्या
[B] दक्षिण अयनान्त के साथ पूर्णिमा या अमावस्या
[C] उत्तर अयनान्त के साथ पूर्णिमा या अमावस्या
[D] दक्षिण अयनान्त और वैसे ही उत्तर अयनान्त

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62. अप्रत्यक्ष उच्च ज्वार उत्पन्न होने का कारण है-

[A] सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल
[B] चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल
[C] पृथ्वी का अपकेन्द्रीय बल
[D] पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल

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63. कथन I : ज्वार-भाटा, चंद्रमा और सूर्य के द्वारा लगने वाले गुरुत्वीय बल तथा पृथ्वी के घूर्णन के सम्मिलित प्रभावों के कारण समुद्री स्तरों में होने वाले उतार-चढ़ाव है।

कथन II : पृथ्वी, सूर्य के सापेक्ष 24 घंटे में एक बार पश्चिम से पूर्व की ओर घूर्णन करती है।

कूट:

[A] दोनों कथन व्यष्टितः सत्य है किन्तु कथन II, कपन I का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
[B] दोनों कथन व्यष्टितः सत्य है और कथन II, कथन I का सही स्पष्टीकरण है।
[C] कथन I सत्य है, किन्तु कथन II असत्य है।
[D] कथन I असत्य है, किन्तु कथन II सत्य है।

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64. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. लघु ज्वार भाटा तब आती है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक पंक्ति में होते हैं।

2. बृहत् ज्वार भाटा के दौरान तट के निकट जब तीव्र झंझा गुजरता है तो उच्च ज्वार पर, तरंगे ज्वारीय तरंगों का कारण बन सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है?

[A] केवल 2
[B] केवल 1
[C] 1 और 2 दोनों
[D] न तो 1 और ही 2

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65. निम्न प्रश्न में दो वक्तव्य है, एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है, इन वक्तव्यों का सावधानीपूर्वक परीक्षण कर इन प्रश्नों का उत्तर नीचे दिए कूट की सहायता से चुनिए-

कूट:

कथन (A): लघु ज्वार-भाटाओं के समय उच्च ज्वार सामान्य से निश्तर तथा निम्न ज्वार सामान्य से उच्चतर होता है।

कारण (R): लघु ज्वार भाटा बृहत ज्वार-भाटा के विपरीत पूर्ण चन्द्र के स्थान पर नव चन्द्र के समय होता है।

[A] A और R दोनों सही है और R, A का सही स्पष्टीकरण है
[B] A तथा R. दोनों सही है परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है
[C] A सही है, परन्तु R गलत है
[D] A गलत है, परन्तु (R) सही है

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66. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. चंद्र समकोण स्थिति में लघु भाटा आता है।

2. चंद्र समकोण स्थिति के दौरान ज्वार भाटा उत्पन्न करने वाले बल एक-दूसरे के पूरक होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है?

[A] केवल 2
[B] केवल 1
[C] 1 और 2 दोनों
[D] न तो 1 और न ही 2

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67. महासागरों और समुद्रों में ज्वार-भाटाएँ किसके/किनके कारण होता/होते हैं?

1. सूर्य का गुरुत्वीय बल

2. चन्द्रमा का गुरुत्वीय बल

3. पृथ्वी का अपकेन्द्रीय बल

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

[A] केवल 2 और 3
[B] केवल 1
[C] केवल 1 और 3
[D] 1, 2 और 3

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68. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:

 सूची-I (जननिक अवस्थाएँ) सूची-II (परिणामी ज्वारभाटा)

a. सूर्य और चन्द्रमा पृथ्वी से 1. बृहत् ज्वार-भाटा समकोण पर है

b. सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी सरल 2. लघु ज्वार-भाटा रेखा में है

c. चन्द्रमा पृथ्वी के समीपतम है 3. अपभू ज्वार-भाटा

d. चन्द्रमा पृथ्वी से सबसे अधिक 4. भूमिनीच ज्वार-भाटा दूरी पर है।

कूट:

[A] a-2, b-4, c-1, d-3
[B] a-2, b-1, c-4, d-3
[C] a-3, b-4, c-1, d-2
[D] a-3, b-1, c-4, d-2

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69. ‘ब्लू मून’ परिघटना होती है जब-

[A] एक ही कैलेण्डर वर्ष में दो लगातार माहों में चार पूर्णिमाएँ हो
[B] एक ही माह में दो पूर्णिमा हो
[C] एक ही केलंण्डर वर्ष में तीन बार एक ही माह में दो पूर्णिमाएँ हो
[D] उपरोक्त कोई नहीं

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70. उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की जलवायु सामान्यतः गर्म होती है, क्योंकि ये …… क्षेत्र के आसपास स्थित होते हैं।

[A] ध्रुव
[B] दक्षिणी गोलार्द्ध
[C] अधिक ऊंचाई
[D] भूमध्य रेखा

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71. ग्रह गति का केप्लर नियम बताता है कि कालावधि का वर्ग….. के बराबर है।

[A] अर्ध दीर्घ अक्ष
[B] अर्ध दीर्घ अक्ष के वर्ग
[C] अर्ध दीर्घ अक्ष के घन
[D] अर्ध दीर्घ अक्ष की चौथी के समानुपाती

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72. मौसम बदलने का क्या कारण है?

[A] पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना
[B] पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना (चक्कर लगाना) एवं सूर्य के चारों ओर घूमना (चक्कर लगाना)
[C] पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना व अपने अक्ष पर झुका होना
[D] पृथ्वी का अपनी धूरी पर चक्कर लगाना व अपने अक्ष पर झुका होना

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73. मौसम-परिवर्तन पृथ्वी की गति की किस विशिष्टता से होता है-

[A] पुरी पर 23½ अंश का झुकाव
[B] सूर्य के चारों ओर परिक्रमा
[C] ऊपर बताये गये (A) व (B) का सम्मिलित प्रभाव
[D] अपनी धुरी पर घूमना

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74. निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले यह कहा था कि पृथ्वी गोलाकार है?

[A] कोपरनिकस
[B] अरस्तु
[C] टॉलमी
[D] स्ट्रेबो

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75. निम्नलिखित में से किसने सुझाया था कि पृथ्वी का धुरी पर अवस्था बदलना जलवायु परिवर्तन के लिए एक कारक है?

[A] मिलुटिन मिलन कोलिच
[B] रॉबर्ट एक
[C] जॉर्ज सिम्पसन
[D] टी. सी. चैम्बरलिन

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76. निकोलस कोपरनिकस प्रसिद्ध है?

[A] यह बताने के लिए कि ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं न कि पृथ्वी के
[B] दूरबीन के आविष्कार के लिए
[C] केलकुलस (Calculus) की खोज के लिए
[D] मानव शरीर को शल्प क्रिया का अध्ययन करने के लिए

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77. निम्न में से कौन जलवायु परिवर्तन के खगोलीय सिद्धान्तों से सम्बन्धित नहीं है?

[A] पृथ्वी की पूर्णन अक्ष की तिर्यकता (झुकाव)
[B] पृथ्वी की कक्षा की उत्केन्द्रता (अण्डाकार कक्षीय मार्ग)
[C] विषुव अयन (पृथ्वी की सूर्य से अपसौर या उपसौर की स्थिति)
[D] सौर किरणित ऊर्जा (सौर विकिरण)

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78. पृथ्वी अपने कक्ष में लगभग 4400 किमी. प्रति घंटा की गति से घूमती है। इस तेज गति को हम अनुभव क्यों नहीं करते हैं?

[A] अपने कक्ष में पृथ्वी की गति की अपेक्षा में हमारी गति शून्य है।
[B] पृथ्वी के आकार की अपेक्षा में हम बहुत छोटे है।
[C] सम्पूर्ण सूर्य मंडल भी चलायमान है।
[D] पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण निरन्तर हमें पृथ्वी के केन्द्र की ओर खींचता है।

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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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