20. हीदरग्राफ, क्लाइमोग्राफ, मनारेख और अरगोग्रफ
20. हीदरग्राफ, क्लाइमोग्राफ, मनारेख और अरगोग्रफ
हीदरग्राफ
हीदरग्राफ का निर्माण सर्वप्रथम टेलर महोदय ने किया था।
⇒ हीदरग्राफ में जलवायु के आँकड़े को प्रदर्शित किया जाता है।
⇒ हीदरग्राफ में X-अक्ष पर वर्षा और Y-अक्ष पर तापमान को दिखाया जाता है।
⇒ हीदरग्राफ का प्रयोग औपनिवेशिक काल में अँग्रेज लोग बड़े पैमाने पर किया करते थे।
⇒ हीदरग्राफ पर बहुत अधिक गर्म, बहुत अधिक ठण्डा, बहुत अधिक सूखा और बहुत अधिक आर्द्रता के साथ-2 अधिवासित होने के लिए उपयुक्त क्षेत्र को प्रदर्शित किया जाता था।
क्लाइमोग्राफ
Climograph का आविष्कार सर्वप्रथम ग्रिफिथ टेलर महोदय ने किया था।
⇒ Climograph X-अक्ष पर Relative Humidity (सापेक्षिक आर्द्रता) को और Y-अक्ष पर Wet Bulb Temperature (आर्द्र बल्ब तापमान) को ध्यान में रखकर मानचित्र या ग्राफ बनाया जाता है।
⇒ इंग्लैण्ड के निवासी औपनिवेशिक काल में Climograph का उपयोग वैश्विक स्तर पर निवास करने योग्य स्थान के निर्धारण में किया करते थे।
⇒ जबकि हीदरग्राफ का प्रयोग स्थानीय स्तर पर निवास करने योग्य स्थान का निर्धारण किया करते थे।
⇒ टेलर ने कुछ विशेष प्रकार की जलवायु को भी दर्शाया है जो क्लाइमोग्राफ के चारों कोनों पर होता है। इसके चार प्रकार हैं:
1. झुलसता हुआ (SCORCHING):-
NW कोने पर, आर्द्र बल्ब तापमान 60° F से अधिक तथा सापेक्षिक आर्द्रता 40% से कम अर्थात् उष्ण-शुष्क जलवायु।
2. उमसदार (MUGGY):-
NE कोने पर तापमान 60° F से अधिक तथा सापेक्षिक आर्द्रता 70% से अधिक अर्थात् उष्णार्द्र जलवायु।
3. शीतार्द्र (RAW):-
SE कोने पर, तापमान 40° F से कम तथा सापेक्षिक आर्द्रता 70% से अधिक अर्थात् ठंडी आर्द्र जलवायु।
4. शीत-शुष्क (KEEN):-
SW कोने पर, तापमान 40° F से कम तथा सापेक्षिक आर्द्रता 40% से कम अर्थात् शीत व शुष्क जलवायु।
Cartogram (मानारेख)
मानारेख में किसी क्षेत्र की मूल आकृति को किसी विशेष उद्देश्य से विकृत कर सांख्यिकीय आंकड़ों का आरेखी विधि से मानचित्र पर प्रदर्शन किया जाता है। यह एक अति सारगर्भित एवं सरल मानचित्र होता है तथा आधुनिक भूगोल में काफी लोकप्रिय है।
⇒ इरविन रेख ने मानारेख को परिभाषित करते हुए कहा कि-“किसी एकल विचार को आरेखी ढंग से दिखाने के लिए बनाया गया अमूर्त और सरलीकृत मानचित्र को मानारेख कहते हैं।”
मानारेख चार प्रकार का होता है:-
(1) क्षेत्र मूल मानारेख
क्षेत्र मूल मानारेख में संसार अथवा किसी महाद्वीप, देश अथवा राज्य के क्षेत्रफल को आयत चित्र के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
(2) यातायात परिवहन मानारेख (Traffic flow Cartogram)
वैसा मानारेख जिस पर सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के भार को प्रदर्शित किया जाता है। इसे Star Diagram भी कहते हैं।
⇒ Star Diagram पर नियत समय में दिशा के अनुरूप चलने वाली वायु को प्रदर्शित किया जाता है।
⇒ इस आरेख में शांत दिनों की संख्या को केन्द्र में लिख दिया जाता है या नहीं तो Calm Days लिख दिया जाता है। ऐसे Diagram को Wind Diagram कहते है।
(3) Isochronic Diagram (समकालीन मानारेख)
किसी निश्चित बिन्दु से समान समय में पहुँच वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समकालीन रेखा कहते हैं।
⇒ जब परिवहन मार्ग पर समकालीन रेखा को प्रदर्शित किया जाता है तो Isochronic Diagram का निर्माण होता है।
(4) समान मूल्य दूरी मानारेख
किसी भी क्षेत्र के संदर्भ में सड़क अथवा रेलमार्ग पर तय की जाने वाली समान दूरी अन्तराल पर खींचे जाने वाली क्रमिक ट्रैफिक को प्रदर्शित करने वाले मानचित्र को समान मूल्य दूरी मानारेख कहते है।
⇒ समान मूल्य दूरी मानारेख पर दूरी एवं परिवहन के भार को साथ-2 प्रदर्शित किया जाता है।
अरगोग्राफ
अरगोग्राफ का निर्माण सर्वप्रथम गेडिज महोदय ने किया था।
⇒ अरगोग्राफ कृषकों के लिए काफी उपयोगी है।
⇒ अरगोग्राफ पर तापमान, वर्षा, फसलों की संख्या और उत्पादन को एक साथ प्रदर्शित किया जाता है।
Read More:
- 1.Cartography / मानचित्रावली
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- 6.भूगोल में मापनी एवं मापनी के प्रकार
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- 9. शंकु प्रक्षेप (Conical Projection)
- 10. बोन तथा बहुशंकुक प्रक्षेप (Bonne’s and Polyconic Projection)
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- 12. Zenithal Projection (खमध्य प्रक्षेप)
- 13. Mercator’s Projection (मर्केटर प्रक्षेप)
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- 17. विकर्ण तथा वर्नियर स्केल (Vernier and Diagonal Scale)
- 18. आलेखी / रैखिक विधि (Graphical or Linear Method)
- 19. आरेख का प्रकार एवं उपयोग /Diagram: Types & uses
- 20. हीदरग्राफ, क्लाइमोग्राफ, मनारेख और अरगोग्रफ
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