Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

GEOGRAPHY OF INDIA(भारत का भूगोल)

39. प्रायद्वीपीय भारत और प्रायद्वीपेत्तर भारत की प्रवाह प्रणाली (उत्तर और द० भारत की प्रवाह प्रणाली)

39. प्रायद्वीपीय भारत और प्रायद्वीपेत्तर भारत की प्रवाह प्रणाली

(उत्तर और द० भारत की प्रवाह प्रणाली)



       भौतिक दृष्टिकोण से भारत एक विशालकाय देश है। उत्तर में हिमालय, पश्चिम भारत में अरावली पर्वत, मध्य भारत में विन्ध्याचल और सतपुड़ा। पुनः प० भारत में पश्चिमी घाट पर्वत जलविभाजक रेखा का निर्माण करती है। जिसे नीचे के मानचित्र में देखा जा सकता है।

प्रायद्वीपीय भारत और

       यह महान जलविभाजक रेखा भारतीय नदियों को दो भागों में विभक्त कर देती हैं।-

(1) अरब सागार में गिरने वाली नदियाँ

जैसे- सिन्धु, नर्मदा, ताप्ती, माण्डवी, ज्वारी, शरावती, पेरियार, गायत्री इत्यादि।

(ii) बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ

जैसे- गंगा, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी इत्यादि।

        प्रश्नानुसार उत्तर भारत और द० भारत के बीच जल विभाजक का कार्य विन्ध्याचल और सतपुड़ा पर्वत करती है। उत्तर भारत एवं द० भारत के वदियों में निम्नलिखित अन्तर दृष्टिगत होता है-

विशेषता प्रायद्वीपेत्तर भारत की नदी तंत्र या उ० भारत की नदियाँ  प्रायद्वीपीय भारत की नदी तंत्र या द० भारत की नदियाँ 
1. उद्गम क्षेत्र  (i) हिमालय पर्वत तथा 

(ii) प्रायद्वीपीय भारत का उत्तरी क्षेत्र 

(i) प्रायद्वीपीय भारत के प० घाट पर्वत
2. स्रोत  (i) हिमालय क्षेत्र से निकलने वाली नदियों का स्रोत कोई न कोई हिमानी है। जैसे- गंगोत्री से गंगा, यमुनोत्री से यमुना (i) सभी नदियों का स्रोत क्षेत्र झील या तालाब या वर्षा जल से है।
3. जल ग्रहण क्षेत्र बहुत बड़ा-बड़ा है अपेक्षाकृत छोटा है
4. मुहानों की संख्या (i) केवल दो मुहानों का निर्माण करती है:- सिन्धु नदी का मुहाना और गंगा नदी का मुहाना (i) प्रत्येक नदी अलग-अलग मुहाना का निर्माण करती है
5. ज्वारनदमुख (i) यह ज्वारनदमुख का निर्माण नहीं करती है (i) यद्यपि बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ ज्वारनद मुख का निर्माण नहीं करती है लेकिन अरब सागर में गिरने वाली नदी ज्वारनद मुख का निर्माण करती है
6. डेल्टा का निर्माण (i) डेल्टा का निर्माण करती है। गंगा, ब्रह्मपुत्र नदी मिलकर विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा का निर्माण करती है। (i) यद्यपि बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ डेल्टा बनाती है जबकि अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ डेल्टा नहीं बनाती है
7. नदी की लम्बाई एवं चौडाई  (i) लम्बाई और चौडाई अधिक होती है (i) लम्बाई और चौडाई कम होती है
8. मार्ग का परिवर्तन (i) उ० भारत की नदियाँ मार्ग परिवतन के लिए प्रसिद्ध है (i) द० भारत की नदियाँ मार्ग परिवतन नहीं करती है
9. सहायक नदियाँ (i) उ० भारत की नदियाँ सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नामक प्रमुख नदियों में आकर सहायक नदी मिल जाती है  (i) अलग-अलग नदियों के कई सहायक नदी मिलते है
10. उच्छलिका और जलप्रपात (i) उ० भारत की नदियों में केवल स्रोत में झरना एवं उच्छलिका मिलती है (i) द० भारत की नदियों के पुरे मार्ग में इसका प्रमाण मिलता है
11. सदा वाहनीयता (i) उ० भारत की नदियाँ प्राय: सदावाहिनी होती है (i) यह लगभग सभी प्रकार की नदियाँ बरसाती प्रकार की होती है
12. जल का स्तर बढना  (i) मानसून के आगमन के दौरान तथा जून मान में बर्फ के पिघलने से जलस्तर में वृद्धि होती है (i) प्रायद्वीपीय नदियों का जलस्तर द०-प० मानसून और लौटती हुई मानसून के कारण बढ़ती है
13. अवस्था (i) सभी नदियाँ युवावस्था से गुजर रही है (i) यहाँ की नदियाँ प्रौढावस्था और वृद्धावस्था से गुजर रही है
14. अपरदन एवं निक्षेपण की क्षमता  (i) बड़े पैमाने पर अपरदन और निक्षेपण का कार्य होती है। (i) यह कार्य अति अल्प होती है
15. अपवाहतंत्र का प्रतिरूप (i) यहाँ की नदियाँ पर्वतीय क्षेत्र में वृक्षाकार प्रतिरूप, मैदानी क्षेत्री में समानांतर प्रतिरूप और मुहानों पर जाली प्रतिरूप का निर्माण करती है (i) बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ वृक्षाकार प्रतिरूप और अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ समान्तर प्रतिरूप का निर्माण करती है
16. भ्रंश घटी का निर्माण (i) उ० भारत कि कोई भी नदी भ्रंश घाटी से होकर प्रवाहित नहीं होती है  (i) नर्मदा और ताप्ती नदी को छोडकर कोई भी नदी भ्रंश घाटी से होकर प्रवाहित नहीं होती है 
17. गॉर्ज एवं दर्रा का निर्माण  (i) उ० भारत की नदियाँ गॉर्ज एवं दर्रा का निर्माण के लिए प्रसिद्ध है (i) गोदावरी को छोडकर कोई भी नदी गॉर्ज का निर्माण नहीं करती है

निष्कर्ष :

        उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि उत्तर भारत एवं दक्षिण भात की नदियों पर भौगोलिक कारकों के अलग-अलग प्रभाव के कारण अलग-अलग विशिष्टताएँ पायी जाती है। 


Read More:

1. सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान (The Indus-Ganga-Brahmaputra Plain)

2. भारत के जनसंख्या वितरण एवं घनत्व (Distribution and Density of Population of India)

3. भारत के प्रमुख जलप्रपात

4.नदियों के किनारें बसे प्रमुख नगर

5. भारत की भूगर्भिक संरचना का इतिहास

6. भारत में गोण्डवानाक्रम के चट्टानों के निर्माण का आधार, वितरण एवं आर्थिक महत्व

7. प्राचीनतम कल्प के धारवाड़ क्रम की चट्टानों का आर्थिक महत्त्व

8. भारत के उच्चावच/भू-आकृतिक इकाई

9. हिमालय के स्थलाकृतिक प्रदेश

10. उत्तर भारत का विशाल मैदानी क्षेत्र

11. गंगा का मैदान

12. प्रायद्वीपीय भारत की संरचना

13. प्रायद्वीपीय भारत के उच्चावच या भूदृश्य

14. प्रायद्वीपीय भारत के पठार

15. भारत का तटीय मैदान एवं द्वीपीय क्षेत्र

16. अपवाह तंत्र (हिमालय और प्रायद्वीपीय भारत) / Drainage System

17. हिमालय के विकास के संदर्भ में जल प्रवाह प्रतिरूप/विन्यास

18. गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र

19. भारतीय जल विभाजक रेखा

20. मानसून क्या है?

21. मानसून उत्पत्ति के सिद्धांत

22. मानसून उत्पत्ति का जेट स्ट्रीम सिद्धांत

23. एलनीनो सिद्धांत

24. भारतीय मानसून की प्रक्रिया / क्रियाविधि / यांत्रिकी (Monsoon of Mechanism)

25. भारतीय मानसून की प्रमुख विशेषताएँ तथा मानसून की उत्पत्ति संबंधी कारकों की विवेचना

26. मानसून के विकास में हिमालय तथा तिब्बत के पठार का योगदान

27. भारत के आर्थिक जीवन पर मानसून का प्रभाव

28. भारत में शीतकालीन वर्षा का आर्थिक जीवन पर प्रभाव

29. पश्चिमी विक्षोभ क्या है? भारतीय कृषि पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?

30. हिमालय के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालें।

31. भारत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात

32. भारत में बाढ़ के कारण, प्रभावित क्षेत्र एवं समाधान

33. भारत में सूखा के कारण, प्रभावित क्षेत्र एवं समाधान

34. भारत की प्राकृतिक वनस्पति

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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