Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

POPULATION GEOGRAPHY (जनसंख्या भूगोल)

5. प्रवास अथवा प्रव्रजन (Migration)

5. प्रवास अथवा प्रव्रजन (Migration)



प्रव्रजन

         मानव का वह कार्यकलाप, जिसके द्वारा वह अपने निवास स्थान से कहीं अन्यत्र स्थान पर एक निश्चित लम्बी अवधि लिए कुछ विशेष उद्देश्य के साथ बस जाता है, तो उसे स्थानान्तरण कहते हैं।

     इसमें मानव का अस्थायी रूप से अन्य स्थान पर जाना, मौसम के अनुसार स्थान परिवर्तन करना, नगर में रोजाना अन्य नगरों व उपान्त क्षेत्रों से आना जाना, श्रमिकों का फसल मौसम में एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जाना, नगर के भीतर निवास परिवर्तन, आदि को स्थानान्तरण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। यह सभी अस्थाई प्रवास संचरण (Circulation) की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं।

     जनसंख्या स्थानान्तरण की विशेषताओं को इस प्रकार रखा जा सकता है:

(1) निवास स्थान व नवीन स्थान के बीच समुचित दूरी होना।

(2) नवीन स्थान पर रुकने की अवधि दीर्घकालिक होना।

(3) नवीन स्थान पर किसी विशेष उद्देश्य से जाकर बसना।

(4) नवीन बसे स्थान के कार्यकलापों का निवास-स्थान के कार्यकलापों से भिन्न होना।

(5) नवीन स्थान पर बसने वाले लोगों का अपने आपको बेहतर स्थिति में अनुभव करना।

प्रवास के प्रकार (TYPES OF MIGRATION)

     प्रवास को वर्गीकृत करने के अनेक आधार हैं। इन आधारों में समय, दूरी, स्थान, उद्देश्य उल्लेखनीय हैं।

(1) दूरी के आधार पर

⇒ जब स्थानान्तरण थोड़ी-सी दूरी के लिए होता है, तो उसे छोटी दूरी (short distance) स्थानान्तरण कहते हैं।

⇒ जब स्थानान्तरण लम्बी दूरी के प्रवास से जुड़ता है तो उसे लम्बी दूरी (long distance) स्थानान्तरण कहते है।

(2) क्षेत्र के आधार पर

1. राष्ट्रीय प्रवास:-

       इसे आन्तरिक प्रवास भी कहते हैं। यह प्रवास एक राष्ट्र के भीतर किसी भी स्थान के लिए बिना किसी रोकटोक के होता है। यह आन्तरिक प्रवास चार वर्गों में बांटा जा सकता है-

(i) गांवों से नगरों की ओर प्रवास,

(ii) नगरों से गांवों की ओर प्रवास,

(iii) गांवों से गांवों की ओर प्रवास,

(iv) नगरों से नगरों की ओर प्रवास।

        इनमें गांवों से नगरों की ओर तथा छोटे नगरों से महानगरों की ओर लोगों का प्रवास अधिक संख्या में होता है।

2. अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास:-

      इसे बाह्य प्रवास भी कहते हैं। इसमें प्रवास एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र के लिए होता है। यह प्रवास स्थानान्तरण किए जाने वाले राष्ट्र की प्रवास नीतियों पर निर्भर करता है।

(3) समय या काल के आधार पर

       प्रवास अध्ययन के काल पक्ष के अन्तर्गत प्रवासन या आवासन समय को महत्वपूर्ण माना गया है। इस दृष्टि से इसका अध्ययन निम्नांकित रूप में किया जा सकता है।

(i) दीर्घकालीन प्रवास:-

      इसमें प्रव्रजन की कालिक प्रवृत्ति दीर्घकालीन होती है। ऐसे प्रव्रजन प्रायः अन्तर्महाद्वीपीय व अन्तर्राष्ट्रीय हुआ करते हैं। 18-19वीं शताब्दी में यूरोप महाद्वीप से उत्तरी अमेरिका व दक्षिणी अमेरिका, आदि महाद्वीपों में जाकर बसे एवं विकास कार्य किए। कुछ देशों में भी लोग राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक, सामाजिक, आदि कारणों से दीर्घकालीन प्रवास व आवासन करते रहते हैं।

(ii) अस्थायी या मौसमी प्रवास:-

      अस्थायी प्रव्रजन अल्पकालिक होता है इसके अन्तर्गत जनसंख्या किसी देश अथवा स्थान में स्थायी रूप से बसती नहीं है। बल्कि अपने उद्देश्यों की पूर्ति के पश्चात् पुनः अपने मूल स्थान को प्रत्यावर्तित हो जाती है। इसी के अन्तर्गत एक अन्य तरह का प्रवास होता है जिसे मौसमी प्रवास (Transhumance) की संज्ञा दी जाती है। ऐसे प्रवास क्षेत्रीय उच्चावच व जलवायु से प्रभावित होते हैं।

       इस प्रकार के प्रवास का सुन्दर उदाहरण भारत के पर्वतीय क्षेत्रों के बकरवाल, भोटिया, बछी आदि पशुचारकों से लिया जा सकता है जो ग्रीष्म ऋतु में पर्वतों पर जाकर पशुचारण करते हैं तथा शीत ऋतु में मैदानी भागों की ओर वापस आ जाते हैं। ऐसे उदाहरण विश्व के अनेक क्षेत्रीय पशुचारक जन-जातियों से ग्रहण किए जा सकते हैं।

(iii) दैनिक प्रवास:-

      इस प्रकार का प्रव्रजन पूर्णरूपेण अस्थायी होता है। ऐसे प्रव्रजन के अन्तर्गत बड़े-बड़े नगरों, कस्बों, आदि में ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरी करने, दूध, शाक-सब्जी बेचने एवं अध्ययन अध्यापन व अन्य कार्यों से आना जाना होता है जिसकी अवधि मात्र दिनभर की होती है।

(4) उद्देश्य के आधार पर

       स्थानान्तरण जिस उद्देश्य से किया जाता है, वह निम्न चार प्रकार का होता है-

(i) आर्थिक प्रवास,

(ii) सामाजिक प्रवास,

(iii) धार्मिक प्रवास,

(iv) राजनीतिक प्रवास।

       एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में जाने वाले व्यक्ति को आप्रवासी या आगन्तुक (Immigrants) कहते हैं। जिस राष्ट्र से वह व्यक्ति दूसरे राष्ट्र को जाता है, उस राष्ट्र की दृष्टि से यह बहिर्गन्तुक (Emmigrants) या प्रवासी कहलाता है।

       ब्राइडे ने अपनी पुस्तक ‘Human Geography : Principles, Processes and Pattern’ में प्रवास को दो प्रमुख वर्गों में रखा है:

1. अन्तर्महाद्वीपीय प्रवास (Inter-continental migra tion)-

      विश्व में एक देश से दूसरे देश अथवा एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के देशों की प्रवास अन्तर्महाद्वीपीय प्रवास कहलाता है।

2. आन्तरिक प्रवास (Internal migration)-

      यह चार प्रकार के होते हैं:

(a) अन्तप्रदेशीय प्रवास (Inter-regional migration)-

      जब किसी देश के एक भाग से दूसरे भाग में लोग काम की तलाश में जाकर बस जाते हैं, तो ऐसे प्रवास को अन्तप्रदेशीय प्रवास कहते हैं। सामान्यतया कम विकसित क्षेत्रों से लोग विकसित क्षेत्रों की ओर प्रवास कर जाते हैं।

(b) सामयिक या मौसमी प्रवास (Periodic or seasonal migration)-

     जब प्रवास किसी समय विशेष पर आधारित हो। जैसे शीतकाल में चरवाहे लोग ऊंचे पहाड़ी भागों से निम्न भू-भागों में चले जाते हैं और ग्रीष्मकाल में पुनः वापस पहाड़ी भागों में आ जाते हैं।
(c) ग्रामीण-नगरीय प्रवास (Rural-urbanmigration)-

      वह प्रवास जिसमें लोग रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र से नगरों में जाकर बस जाते हैं।

(d) कार्य-यात्रा प्रवास (Work-travel migration)-

       जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान को काम कने के लिए रोजाना इधर से उधर आते जाते हैं, तो इसे कार्य यात्रा प्रवास कहते हैं। सैकड़ों कार्यकर्ता रोजाना सुबह बड़े महानगरों में विभिन्न साधनों से जाते हैं औ शाम वापिस अपने घरों को लौट जाते हैं।

प्रश्न प्रारूप

1. प्रवास अथवा प्रव्रजन (Migration) किसे कहते है? प्रवास के प्रमुख प्रकारों की विवेचना कीजिये।



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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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