Unique Geography Notes हिंदी में

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BSEB CLASS 6

अध्याय-4 पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप

बिहार बोर्ड वर्ग-6 Geography Solution

अध्याय-4 पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप


अध्याय-4 पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप

अध्याय-4 पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप

अभ्यास

1. सही विकल्प को चुनें।

1. बिहार में सोन नदी किस तरह के क्षेत्र से होकर गुजरती है?

(क) पहाड़ी क्षेत्र

(ग) मैदानी क्षेत्र

(ख) पठारी क्षेत्र

(घ) रेगिस्तानी क्षेत्र

उत्तर- (ग) मैदानी क्षेत्र

ii. बाल्मीकीनगर बिहार के किस क्षेत्र में अवस्थित है?

(क) पश्चिमी क्षेत्र

(ख) पूर्वी क्षेत्र

(ग) दक्षिणी क्षेत्र

(घ) उत्तरी क्षेत्र

उत्तर- (घ) उत्तरी क्षेत्र

iii. धान की फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी है-

(क) बलुआही मिट्टी

(ख) चिकनी मिट्टी

(ग) पर्वतीय मिट्टी

(घ) दोमट मिटटी

उत्तर- (ख) चिकनी मिट्टी

iv. पठार के ऊपर की सतह होती है-

(क) नुकीला

(ग) संर्कीण

(ख) सपाट

(घ) ढालदार

उत्तर- (ख) सपाट

2. खाली स्थानों को भरें

i. बिहार का अधिकतर भाग गंगा नदी के दोनों ओर मैदानी भाग के रूप में फैला है।

ii. पामीर पठार को संसार का छत कहा जाता है।

iii. पहाड़ों की लम्बी श्रृंखला को पर्वत श्रेणी कहते हैं।

iv. शिमला और कश्मीर देश के प्रमुख केंद्र पर्यटन स्थल के उदाहरण हैं।

v. प्राकृतिक वातावरण के बदलते स्वरूप के मुख्य कारण बढ़ती आबादी है।

3. बताइए-

(i) मैदानी क्षेत्र की क्या-क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर- प्रायः समतल भूमि का प्रदेश मैदान कहलाता है। मैदानों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे समुद्र से ऊँचे या नीचे हो सकते हैं परंतु अपने समीपवर्ती पठार तथा पर्वत से ऊँचे नहीं हो सकते हैं। मैदान प्रायः एक ही मिट्टी के बने होते हैं।

⇒ वे मैदान जिनकी रचना में अपरदन की क्रिया का प्रमुख स्थान होता है, अपरदन मूलक मैदान कहलाते हैं।

⇒ निक्षेपण के क्रिया द्वारा नदियों, हिमानी, वायु तथा सागरीय तरंगों से जो मैदान बनते हैं उन्हें निक्षेपण के मैदान कहते हैं।

(ii) सड़क-निर्माण का कार्य किस क्षेत्र में आसान होगा और क्यों?
उत्तर- सडक-निर्माण का कार्य मैदानी क्षेत्र में आसानी से होगा क्योंकि मैदानी क्षेत्र प्रायः समतल भूमि का प्रदेश होता है। मैदानों की वजह से प्रायः एक ही प्रकार की मिट्टी पायी जाती है। इन क्षेत्रों को आसानी से उपयोग करके सड़क का निर्माण किया जा सकता है, जिससे यहाँ परिवहन की सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध होंगी और सड़क का निर्माण करने में भी बहुत कम खर्च लगेगा और सड़क का कार्य जल्दी ही पूरा हो जाता है।

(iii) पर्वत, पठार और मैदान के दोहन से इस पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर- बढ़ती जनसंख्या के कारण ही पर्वत, पठार और मैदानी क्षेत्रों का दोहन हो रहा है। वनों को काटा जा रहा है, इससे प्रदूषण की समस्या भी बढ़ी है। सड़क निर्माण में इन्हीं पठारों, पहाड़ों को काटा जा रहा है, जिससे यह विलुप्त होते जा रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों में परिवहन, जल, समतल भूमि होने के कारण कल-कारखाने बन रहे हैं जिससे आबादी काफी घनी हो गई है। कारखानों के लिए खनिजों की उपलब्धता पठारों से है। इसलिए पठारों का दोहन हो रहा है, जिससे प्राकृतिक सुंदरता घटी हैं और प्रदूषण बढ़ा है।

        रचनात्मक मैदान का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक हलचलों के द्वारा होता है। मैदानी क्षेत्रों में जीवन-यापन के लिए भोजन, जल, आवास परिवहन की सुविधाएँ आसानी से हो सकती है। यहाँ सड़क मार्ग, रेलमार्ग एवं अन्य सुविधाएँ आसानी से प्रदन की जा सकती हैं। बिहार का अधिकतर भाग गंगा नदी के दोनों तरफ मैदानी भाग के रूप में फैला हुआ है। इसमें कृषि कार्य होता है। ऐसे मैदानी क्षेत्र अन्न उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। मैदानी क्षेत्र पश्चिम में पंजाब से लेकर पूरब में आसम तक ये इलाके सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र का मैदान कहलाते हैं। ये सभी क्षेत्र कृषि के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।

(iv) मैदान में ही अधिक लोग क्यों बसते हैं?
उत्तर- मैदान में ही अधिक लोग बसते हैं क्योंकि मैदान की भूमि समतल होती है। जिससे लोग यहाँ कृषि-कार्य आसानी से करते हैं। इसमें लोग धान, गेहूँ, चना इत्यादि उपजाकर अपना जीवन-यापन कर सकते हैं। मैदानी क्षेत्रों में जीवन के लिए सभी सुख-सुविधा उपलब्ध हैं। भोजन, जल, आवास, परिवहन की सुवधिा आसानी से उपलब्ध होती है। ऐसे क्षेत्रों में संडक मार्ग आसानी से प्रदान हो जाती हैं। मैदानी क्षेत्र अन्न उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। 

(v) पर्वत कितने प्रकार के होते हैं? सभी के नाम लिखें।
उत्तर- पर्वत निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं:-

(क) वलित पर्वत- इनकी सतह ऊबड़-खाबड़ एवं शिखर शंक्वाकार होती है। जैसे-भारत का हिमालय पर्वत एवं दक्षिण अमेरिका का एन्डीज पर्वत।

(ख) भ्रंशोत्थ पर्वत- पृथ्वी के आंतरिक हलचलों के कारण पृथ्वी पर दरारें पड़ जाती हैं और उन दो दरारों के बीच का भाग ऊपर उठ जाता है, इस ऊँचे उठे भाग को ही भ्रंशोत्थ पर्वत कहा जाता है। भारत का सतपुड़ा पर्वत इसका उदाहरण है।

(ग) ज्वालामुखी पर्वत- ज्वालामुखी से निकले लावा एवं अन्य पदार्थों के ठंडा होकर जम जाने से जिन पर्वतों का निर्माण होता है उसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं। इटली का विसुवियस पर्वत इसका उदाहरण है। भारत के अण्डमान निकोबार के बैन द्वीप में सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत पाए जाते हैं। कम ऊँचाई के पर्वतों को पहाड़ी कहा जाता है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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