23. The Industrial Regions of Japan (जापान के औद्योगिक क्षेत्र)
23. The Industrial Regions of Japan
(जापान के औद्योगिक क्षेत्र)
प्रश्न प्रारूप
Q. जापान के औद्योगिक क्षेत्र पर प्रकाश डालें।
(Throw light on the Industrial regions of Japan.)
उत्तर-
जापान के औद्योगिक प्रदेश-
उद्योगों की स्थापना की दृष्टि से जापान प्राचीन काल से ही एक विकसित देश रहा है, जहाँ पहले परम्परागत हस्त उद्योगों में उत्पादन होता था लेकिन 1870 के बाद जापान के उद्योगों में स्वचालित मशीनों द्वारा उत्पादन कार्य होने लगा। प्राचीन उद्योग रेशमी वस्त्र, चीनी मिट्टी के बर्तन, पोशाक, खिलौने, हस्त कलाकारी की वस्तुओं आदि का उत्पादन हाथ के बजाय स्वचालित मशीनों द्वारा होने लगा।
निर्मित माल की विदेशों में बढ़ती हुई माँग को देखते हुए जापान सरकार ने 1930 के बाद भारी उद्योगों की स्थापना पर अधिक बल दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के समय में जापान में लोह इस्पात तथा विविध इंजीनियरिंग उद्योगों का विकास तीव्र गति से हुआ। सूती वस्त्र उद्योग जापान का प्राचीन उद्योग है जिसमें स्वचालित मशीनों द्वारा उत्पादन होने के कारण जापान का मुख्य उद्योग बन गया।
1945 में आणविक बम विस्फोटों से अधिकतर उद्योग नष्ट हो गए थे लेकिन 1950 के बाद जापान सरकार की औद्योगिक नीति के द्वारा उद्योगों का सर्वाधिक विकास हुआ। जापान विश्व में संयुक्त राज्य तथा रूस के बाद तीसरा और एशिया में औद्योगिक विकास की दृष्टि से प्रथम स्थान रखता है।
विविध खनिज पदार्थों की कमी होते हुए भी जापान विदेशों से आयातित कच्चे पदार्थों के आधार पर एक विकसित औद्योगिक देश बन गया है जिसके लिए द्विपीय स्थिति के कारण सस्ता जल परिवहन, कुशल श्रमिक, सघन जनंसख्या, तटीय स्थिति आदि सुविधाओं का प्रमुख योगदान है। जापान में उद्योगों के लिए कच्चा माल अन्य देशों से आयात करने के कारण उद्योगों की स्थापना महासागर के तटवर्ती क्षेत्र में अधिक हुई है। जापान के निम्नांकित पाँच औद्योगिक प्रदेश प्रमुख हैं-
1. क्वान्तो औद्योगिक प्रदेश
2. नगोया औद्योगिक प्रदेश
3. किंकी औद्योगिक प्रदेश
4. किता क्यूशू औद्योगिक प्रदेश
5. हिरोशिमा-कुरे-उत्तरी शिकोकु प्रदेश
1. क्वान्तो या टोकियो-याकोहामा औद्योगिक प्रदेश:-
क्वान्तो प्रदेश जापान के दक्षिण-पूर्व में स्थित जापान का सबसे बड़ा मैदान है जो प्रशान्त महासागर के तटवर्ती क्षेत्र में स्थित है। क्वान्तो जापान का सबसे बड़ा औद्योगिक प्रदेश है जहाँ टोकियो, याकोहामा, कावासाकी, चीबा, इथिकावा; काबागुची, हिताची, मितो, उरावा, कोगा, कोनोसू, ओमिया, ताबिकावा, तनावा इस क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।
क्वान्तो प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्र से बहकर आने वाली नदियों से जल की प्राप्ति, तटीय क्षेत्र में स्थिति के कारण जल परिवहन की सुविधा जिसके द्वारा कच्चे पदार्थों के आयात तथा निर्मित माल के निर्यात का प्रमुख यातायात साधन है। सस्ते तथा कुशल श्रमिकों की व्यवस्था, उच्च तकनीकि सुविधाएँ, श्रमिकों की अपने कार्य के प्रति वफादारी, सघन जनसंख्या जिसके कारण पर्याप्त श्रमिक तथा स्थानीय बाजार की व्यवस्था तथा टोकियो जापान की राजधानी होने के साथ-साथ सबसे बड़ा आर्थिक सांस्कृतिक नगर है तथा रेलमार्गों द्वारा जापान के प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है।
इन विभिन्न सुविधाओं के कारण यह क्षेत्र जापान का प्रमुख औद्योगिक प्रदेश बन गया है। इस क्षेत्र में लौह-इस्पात, वायुयानों का निर्माण, वस्त्र उद्योग, कृषि यन्त्र, रासायनिक पदार्थ, कागज आदि उद्योग इस क्षेत्र में सघन रूप से अवस्थित हैं।
टोकियो, कावासाकी, चीता तथा इथिकावा में लौह इस्पात, योकोहामा कावासाकी में भारी धातु निर्माण उद्योग, टोकियो-याकोहामा, कावासाकी उकागा में जलपोत निर्माण, ताविकावा-मिआमी तथा तनावा में वायुयान निर्माण उद्योगों की प्रधानता है।
2. नगोया औद्योगिक प्रदेश:-
क्वान्तो औद्योगिक प्रदेश के पश्चिम में जापान के दक्षिणी तटवर्ती क्षेत्र में नगोया औद्योगिक प्रदेश स्थित है जहाँ नगोया, गिफू, ओकाजाकी, आकोशी, अन्जो, इशीकी, तायोहाशी, हिकोने, कामेयामा, तजू, ओका, तोबा प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। जापान का यह औद्योगिक प्रदेश वस्त्र निर्माण उद्योगों की स्थापना के लिए प्रसिद्ध है जहाँ सूती, ऊनी, रेशमी तथा कृत्रिम रेयन वस्त्रों के निर्माण उद्योगों की प्रधानता है।
वस्त्र उद्योग के अतिरिक्त, मशीन निर्माण, भारी धातु निर्माण, वायुयान तथा जलयान निर्माण, रसायन उद्योग, बिजली के सामान तथा रेल के डिब्बे तथा रेल इंजन निर्माण उद्योग भी अवस्थित हैं। नगोया-वाकायामा जापान के वस्त्र निर्माण के प्रमुख केन्द्र हैं जहाँ वर्तमान में वस्त्र निर्माण के अतिरिक्त मशीन निर्माण उद्योगों की स्थापना भी की गयी है।
वायुयान निर्माण मिताका तथा इनाबागून में, जलपोत निर्माण उरागा में, मिट्टी के बर्तन गनोया में तथा यातायात के साधनों के निर्माण से सम्बन्धित उद्योग नगोया तथा शिगा में स्थित हैं। इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित होने का प्रमुख कारण समतल भूमि, तटीय स्थिति तथा सघन जनसंख्या है।
3. किंकी या कोबे-ओसाका क्योटो औद्योगिक प्रदेश:-
नगोया औद्योगिक प्रदेश के पश्चिमी भाग में तटीय क्षेत्र में स्थित कोबे-ओसाका तथा क्योटो नगरों में किंकी औद्योगिक प्रदेश का विस्तार पाया जाता है। अतः इसे कोबे-ओसाका क्योटो औद्योगिक प्रदेश भी कहते हैं। ओसाका, कोबे-क्योटो, हिमेजी, सकाई फ्यूजे, वाकायामा, नारा, किजू, यवाता, यासू, अवाजी, ओमिजो, अमागासाकी, निशिनोमिया इस क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।
इस क्षेत्र में लोह इस्पात उद्योगों की प्रधानता है। इसके अतिरिक्त ओसाका में सूती, ऊनी, रेशमी, वस्त्र निर्माण उद्योगों की प्रधानता है जिसके कारण इसे जापान का मेनचेस्टर कहा जाता है। जलयान, वायुयान, रासायनिक पदार्थ, मशीन निर्माण तथा खाद्य पदार्थों के निर्माण उद्योग भी इस क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में ओसाका खाड़ी पर स्थित होने के कारण स्वच्छ जल की प्राप्ति तथा सघन जनसंख्या के कारण पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध हैं।
4. किता क्यूशू या मौजी नागासाकी औद्योगिक प्रदेश:-
जापान के दक्षिण-पश्चिम में समुद्र तटीय क्षेत्र में इस औद्योगिक प्रदेश का विस्तार पाया जाता है। यह प्रदेश जापान में लौह-इस्पात उद्योगों की दृष्टि से अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है जहाँ जापान के कुल लौह-इस्पात में उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादित होता है। तटीय क्षेत्र में स्थिति के कारण तथा एशियाई देशों के समीप स्थित होने के कारण लौह अयस्क, कोयला आदि कच्चे पदार्थ जल परिवहन द्वारा आसानी से आयात कर लिया जाता है।
निर्मित पदार्थों को जलयानों द्वारा विदेशों में निर्यात कर दिया जाता है। अतः यह प्रदेश पूर्णतया आयातित कच्चे पदार्थों पर आधारित है। क्यूशू-केमोगी-यावाता-कोकुश-वाकामात्सु-शिमोनो-सेकी-मोजी-ऊबे-फुकुओका-सासेबे-नागासाकी इस क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश हैं जहाँ लौह इस्पात के अतिरिक्त धातु निर्माण उद्योग, इंजीनियरिंग पदार्थों का निर्माण, सीमेंट, मोटर गाड़ियाँ, जलयान निर्माण तथा रासायनिक पदार्थों से सम्बन्धित उद्योग भी पाए जाते हैं।
5. हिरोशिमा-कुरे-उत्तरी शिकोकु प्रदेश:-
जापान के दक्षिण-पश्चिम में किंकी तथा किता-क्यूशू औद्योगिक प्रदेशों के मध्यवर्ती भाग में इस प्रदेश का विस्तार पाया जाता है। हिरोशिमा-कुरे-नोमी ओकायामा-मत्सूयामा-ताकामात्सू-कूबा इस क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं जहाँ लौह इस्पात भारी धातु निर्माण-जलयान पेट्रो शोधन कारखाने-यंत्र निर्माण-बिजली के सामान तथा विविध रासायनिक पदार्थों के निर्माण से सम्बन्धित उद्योग पाए जाते हैं। जापान के ये सभी औद्योगिक प्रदेश दक्षिणी क्षेत्र में स्थित हैं।
इनके अतिरिक्त उत्तर में सेन्दाई क्षेत्र तथा होकैडो द्वीप के दक्षिणी भाग में भी लघु औद्योगिक क्षेत्र हैं जहाँ केवल सामान्यतः उपभोक्ता वस्तुओं का ही उत्पादन किया जाता है। इस क्षेत्र में जलवायु दशाएँ प्रतिकूल तथा कच्चे पदार्थों की कमी के कारण जनसंख्या भी न्यूनतम ही पायी जाती है। अतः औद्योगिक विकास वर्तमान में अपनी प्रारम्भिक अवस्था में ही है।
नोट:
जापान में औद्योगिक उन्नति के कारण
जापान एशिया महाद्वीप का अकेला ऐसा देश है जो औद्योगिक विकास की उस चरम सीमा तक पहुँच गया है, जहाँ तक पहुँचना साधन सम्पन्न विकसित देशों के लिए भी बहुत कठिन है। यह विश्व का प्रमुख औद्योगिक राष्ट्र है। 20वीं शताब्दी में जापान ने अद्वितीय औद्योगिक विकास किया है। जापान की औद्योगिक उन्नति के निम्नलिखित कारण हैं-
(1) भौगोलिक स्थिति- जापान की स्थिति द्वीपीय होने के कारण इसका जलमार्गों द्वारा विभिन्न देशों से सम्पर्क स्थापित हो सका है। जापान के लिए कच्चे माल के स्रोत एशियाई देश इसके बहुत समीप हैं।
(2) अनुकूल जलवायु- इस देश की जलवायु रेशम, कपास आदि के उत्पादन के लिए अनुकूल है। अक्षांशीय विस्तार अधिक होने के कारण इसके उत्तरी व दक्षिणी भागों में जलवायुवीय भिन्नता पायी जाती है।
(3) कच्चे माल की प्राप्ति- यद्यपि जापान में लोहा, कोयला, कपास आदि कच्चे मालों की कमी है फिर भी जापान अति तीव्र गति से औद्योगिक विकास हो रहा है। इसका प्रमुख कारण विदेशों से सस्ते कच्चे माल का प्राप्त होना है।
(4) जल-विद्युत- औद्योगिक शक्ति के साधन कोयले की कमी सस्ती जल-विद्युत द्वारा पूरी कर दी जाती है। यदि जापान में जल विद्युत उत्पादन की अनुकूल भौगोलिक दशाएँ न होर्ती तो जापान औद्योगिक दृष्टि से बहुत अधिक पिछड़ा हुआ होता।
(5) कुशल श्रमिक- देश की अधिकांश जनसंख्या के औद्योगिक क्षेत्रों में निवास करने से पर्याप्त मात्रा में सस्ते व कुशल श्रमिक उपलब्ध हो जाते हैं।
(6) बाजार की समीपता- जापान द्वारा निर्मित माल को इसके समीप दक्षिण व दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश आयात कर लेते हैं।
(7) सामुद्रिक स्थिति- जापान के चारों ओर से समुद्र से घिरा होने के कारण यहाँ जल यातायात द्वारा कच्चा माल आयात करने तथा तैयार माल निर्यात करने की बहुत सुविधा है।
(8) परिवहन की सुविधाएँ- जापान की अधिकांश जनसंख्या का जमाव तटीय भागों में है। अतः यहाँ उद्योगों का विकास भी तटीय केन्द्रों पर ही हुआ है।
(9) सरकारी सहयोग- जापान की सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए अनेक प्रकार सहयोग किया है। यहाँ सरकार द्वारा नवीन उद्योगों को संरक्षण दिया जाता है तथा वित्तीय सहायता दी जाती है। यहाँ सरकार औद्योगिक नीति को उदार और प्रगतिशील रखकर अनुकूल वातावरण प्रदान करती है।
(10) आधुनिक मशीनरी का प्रयोग- यहाँ कारखानों में आधुनिकतम मशीनरी का प्रयोग किया जाता है तथा ऐसी विधियों का प्रयोग किया जाता है जिनसे श्रम की बचत होती है। ये मशीनें सुविधाजनक भी होती हैं। आधुनिक मशीनरी के विकास की ओर जापान में विशेष ध्यान दिया जाता है।
(11) औद्योगिक सम्बन्ध- यहाँ उद्योगों का विकास निराले ढंग से किया गया है। बड़े उद्योगों की कुटीर उद्योगों से प्रतिस्पर्धा न करके बड़े उद्योगों और कुटीर उद्योगों में सम्पर्क रखा गया है।
(12) चीन-जापान संघर्ष- जब चीन तथा जापान का संघर्ष प्रारम्भ हुआ, जापान में वस्त्र व वस्त्र निर्माण उद्योगों का विकास प्रारम्भ हुआ।
(13) प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध- विश्व युद्ध में शामिल हो जाने के कारण जापान को सैनिक तथा आम जनता की माँग की पूर्ति के लिए सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, रेशमी वस्त्र, जलयान, वायुयान, मशीनरी आदि के निर्माण में वृद्धि करनी पड़ी।