7. Plate Tectonic Theory
(प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत)
➤ प्लेट विवर्तनिकी एक ऐसा सिद्धान्त है जो भू-भौतिकी से संबंधित अनेक घटनाओं जैसे-पर्वत निर्माण, ज्वालामुखी क्रिया इत्यादि के संबंध में व्यक्त किये गये सभी परम्परागत सिद्धान्तों का परित्याग कर नया विचार प्रस्तुत करता है।
➤ इस परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी का ऊपरी भाग दृढ़ भूखंडों से निर्मित है। ये भूखंड कई भागों में विभक्त है, इसके एक भाग को प्लेट से संबोधित करते है।
➤ सर्वप्रथम वर्ष 1955 में कनाडा के भू-वैज्ञानिक जे. टूजो विल्सन (J-Tuzo Wilson) ने ‘प्लेट’ शब्द का प्रयोग किया था।
प्लेटों की संख्या
➤ अमेरिकी अर्थ साइंस के अनुसार पृथ्वी 7 बड़े और 6 छोटे प्लेट निम्नलिखित है-
प्रमुख प्लेट- 7
1. प्रशांत महासागरीय प्लेट
2. उ० अमेरिकी प्लेट
3. द० अमेरिकी प्लेट
4. अफ्रीकन प्लेट
5. युरेशियन प्लेट
6. इण्डियन प्लेट
7. अंटार्कटिका प्लेट
गौण प्लेट- 6
(i) अरेबियन प्लेट
(ii) फिलीपींस /फिलीपाइन प्लेट
(iii) कोकस प्लेट
(iv) नास्का प्लेट
(v) स्कोशिया प्लेट
(vi) कैरेबियन प्लेट
➤ इस सिद्धांत के अनुसार प्लेटों को दो भागों में बांटा जाता है–
1. स्थिर प्लेट
2. गतिशील प्लेट
➤ स्थिर प्लेटों के नीचे संवहन तरंगे नहीं चल रही है जबकि गतिशील प्लेटों के नीचे संवहन तरंगे चल रही है।
➤ संरचना के दृष्टिकोण से प्लेट दो प्रकार के होते है-
1. महासागरीय प्लेट
2. महाद्वीपीय प्लेट
➤ महासागरीय प्लेट बैसाल्ट चट्टानों से निर्मित है तथा इसका घनत्व अधिक है जबकि महाद्वीपीय प्लेट ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित है तथा इसका घनत्व कम है।
सीमा या सीमांत
➤ इस सिद्धांत के अनुसार प्लेटों के मिलन स्थल को प्लेट के सीमा या सीमांत कहते है।
➤ इसके अनुसार प्लेटों में 3 प्रकार की सीमाएं पायी जाती है। इसे निम्न चित्रों में देखा जा सकता है-
प्लेटों के संचालन शक्तियाँ
➤ इस सिद्धांत के अनुसार सभी प्लेट पृथ्वी के अक्ष का अनुसरण करते हुए पूरब से पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित हो रही है।
➤ प्लेटों में गति हेतु कई कारक उत्तरदायी माना गया है। जैसे- पृथ्वी के घूर्णन गति, प्लवनशीलता बल, गुरुत्वाकर्षण बल और प्लेटों का 45° पर प्रत्यावर्तन, सूर्य एवं चन्द्रमा का ज्वारीय बल, संवहन तरंग आदि।
➤ इस सिद्धांत के अनुसार प्लेटों में 3 प्रकार के गतियाँ पायी जाती है। जैसे – निर्माणकारी गति की उत्पत्ति अपसरण सीमा के सहारे होती है, विनाशकारी गति की उत्पति अभिसारी सीमा के सहारे तथा संरक्षी गति संरक्षी सीमा के सहारे उत्पन्न होता है।
प्लेटों का क्रियाविधि
➤ उठती हुई संवहन तरंगे अपसरण सीमा को जन्म देती है। इसी सीमा के सहारे दरार का निर्माण होता है। इन दरारों से ही दुर्बलमंडल से लावा/मैग्मा निकलती है, जिससे ज्वालामुखी क्रिया होती है।
➤ गिरती हुई संवहन तरंगे अभिसारी सीमा का निर्माण करती है। इस सीमा के सहारे अधिक घनत्व वाले प्लेट कम घनत्व वाले प्लेट में घुसने की प्रवृति रखती है। प्लेट अत्यधिक अंदर जाकर पिघलती है और “बेनी ऑफ जोन” निर्माण करती है तथा चट्टानों के वलन के साथ-साथ ज्वालामुखी का उदगार भी होता है। इसे निम्न चित्र से समझा जा सकता है-
प्रमाण
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के समर्थन में निम्नलिखित प्रमाण प्रस्तुत किये गए है–
1. ज्वालामुखी-
विश्व के ज्वालामुखी वितरण के अध्ययन से स्पष्ट है कि विश्व के अधिकांश ज्वालामुखी क्रियाएं अभिसारी प्लेट सीमा के सहारे होती है।
2. भूकम्प-
भूकम्पीय वितरण के अध्ययन से स्पष्ट है कि विश्व में सर्वाधिक भूकम्प प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित क्षेत्रों में आती है। ये क्षेत्र संरक्षी प्लेट सीमा के सहारे स्थित है।
3. सागर नितल प्रसार और पुराचुमकत्व-
सागर नितल प्रसार सिद्धान्त से स्पष्ट है कि सागर नितल प्रसार अपसारी सीमा के सहारे हो रही है तथा नवीन चट्टानों में पुराचुमकत्व का गुण कम तथा पुराने चाट्टानों में चुमकत्व का गुण अधिक पाया जाता है।
4. भूगर्भिक समस्याओं का समाधान
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त के माध्यम से कई भूगर्भिक समस्याओं का समाधान होता है। जैसे- पर्वतों के उत्त्पति, भूकंप, भूसंचालन, महाद्वीपीय विखण्डन, समुद्री नितल प्रसार, पुराचुमकत्व, द्वीपीय चाप के निर्माण आदि।
आलोचना
उपरोक्त विशेषताओं के वाबजूद इस सिद्धांत की कई खामियां है। जैसे – प्लेटों की संख्या का स्पष्ट पता नहीं चल पाता है, प्लेटों में संवहन तरंगे क्यों उत्पन्न होती है?, हरसिनियन और कैलिडोनियन युग के पर्वतों की उत्पत्ति की व्याख्या नहीं करता है, बेनी ऑफ जोन से निकलने वाला मैग्मा पदार्थ के परिणाम का वैज्ञानिक व्याख्या नहीं करता।
इन सीमाओं के वाबजूद भूगर्भ विज्ञान का एक क्रांतिकारी विचार है क्योंकि भूपटल से संबंधित सभी भूगर्भिक घटनाओं का एक बार में ही व्याख्या प्रस्तुत करता है।
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत से सम्बंधित पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर
1. महाद्वीप और महासागर किस श्रेणी के उच्चावच हैं?
[A] प्रथम श्रेणी
[B] द्वितीय श्रेणी
[C] तृतीय श्रेणी
[D] चतुर्थ श्रेणी
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[A] प्रथम श्रेणी
2. पृथ्वी के धरातल के कितने प्रतिशत भाग पर महाद्वीपों का विस्तार पाया जाता है?
[A] 25.5
[B] 29.2
[C] 35.6
[D] 40.7
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[B] 29.2
3. महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धान्त के प्रणेता हैं-
[A] ग्रेगरी
[B] प्राट
[C] वेग्नर
[D] होम्स
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[C] वेग्नर
4. कार्बोनिफेरस युग में विश्व में सम्पूर्ण महाद्वीप आपस में मिले हुए थे, यह किसकी मान्यता है?
[A] वेग्नर
[B] डाना
[C] जेफ्रीज
[D] होम्स
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[A] वेग्नर
5. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त किस वर्ष प्रस्तुत किया?
[A] 1875
[B] 1965
[C] 1875
[D] 1960
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[D] 1960
6. प्लेट विवर्तनिक सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया था?
[A] हैरी हैस
[B] टेलर
[C] जेफ्रीज
[D] डाना
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[A] हैरी हैस
7. वेग्नर के अनुसार महाद्वीपीय विस्थापन जिस दिशा में हुआ, वह है-
[A] भूमध्य रेखा व उत्तरी ध्रुव
[B] भूमध्य रेखा व पश्चिमी
[C] भूमध्य रेखा व दक्षिणी ध्रुव
[D] भूमध्य रेखा व पूर्व
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[B] भूमध्य रेखा व पश्चिमी
8. वेग्नर के अनुसार पेंजिया का विखण्डन किस युग में प्रारम्भ हुआ?
[A] कैम्ब्रियन
[B] प्रीकैम्ब्रियन
[C] कार्बोनिफेरस
[D] पर्मियन
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[C] कार्बोनिफेरस
9. वेग्नर के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
[A] कार्बोनिफेरस युग में विश्व के सभी महाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे जिसे उन्होंने पेंजिया कहा।
[B] पेंजिया टेथिस सागर नामक महासागर से घिरा हुआ था।
[C] उत्तरी अमेरिका, यूरोप आदि अंगारालैंड के भाग थे।
[D] अंटार्कटिका गोण्डवानालैंड का अंग था।
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[B] पेंजिया टेथिस सागर नामक महासागर से घिरा हुआ था।
10. महाद्वीपीय विस्थापन को स्पष्ट करने वाला नवीनतम सिद्धान्त कौन है?
[A] टेलर की महाद्वीपीय विस्थापन परिकल्पना
[B] वेग्नर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त
[C] चतुष्फलक परिकल्पना
[D] प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त
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[D] प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त
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