9. Earthquake and Tsunami (भूकंप व सुनामी)
9. Earthquake and Tsunami
(भूकंप व सुनामी)
➤ भूकम्प दो शब्दों के मिलने से बना है- भू + कम्प
भू= भूपटल
कम्प= कम्पन
➤ इस प्रकार भूपटल में उत्पन्न होने वाला किसी भी प्रकार के कम्पन को भूकम्प कहते है।
➤ समुद्र के अंदर उत्पन्न होने वाले भूकंप को सूनामी (Tsunami) कहते है।
➤ सूनामी जापानी शब्द है जिसका अर्थ बंदरगाह लहर होता है।
➤ विज्ञान की वह शाखा जिसमें भूकम्प का अध्ययन किया जाता है उसे सिस्मोलोजी (Seismology) कहते है।
➤ भूपटल के जिस बिंदु से भूकम्प प्रारंभ होती है। उसे भूकम्प केंद्र (Focus) कहते है।
➤ प्रघात (Shocks)- अधिकेंद्र पर भूकम्पीय तरंग के द्वारा अनुभव किया गया पहला भूकम्पीय झटका को प्रघात कहते है।
➤ जब भूकंप समाप्त हो जाता है तो भी कई दिनों तक हल्के भूकम्प के झटके महसूस किए जाते है उसे After Shock कहा जाता है।
➤ बिहार में औसतन प्रत्येक 17 वर्ष पर भूकम्प आता है।
➤ सिस्मोग्राफ: सिस्मोग्राफ भूकम्पीय तरंगों के प्रवृति को रेखांकन करने वाला यंत्र है।
➤ समभूकम्प रेखा: समान भूकम्पीय तीव्रता वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समभूकम्पीय रेखा कहते है।
➤ सहभूकम्प रेखा: एक ही समय पर पहुँचने वाले भूकम्पीय तरंगों को मिलने वाली सरल रेखा को सह-भूकम्प रेखा कहते है।
भूकम्प के प्रकार
भूकम्प का वर्गीकरण दो आधार पर किया जाता है:-
(A) गहराई के आधार पर
(B) समय के आधार पर
गहराई के आधार पर भूकम्प तीन प्रकार के होते है-
(i) छिछला भूकम्प– फोकस 50 KM की गहराई तक होता है।
(ii) मध्यम भूकम्प– फोकस 50-250 KM के बीच
(iii) गहरा भूकम्प– फोकस 250-700 KM के बीच
(B) समय के आधार पर
समय के आधार पर भूकम्प तीन प्रकार के होते है:-
(i) धीमा भूकम्प
(ii) अचानक भूकम्प
➤ धीमा भूकम्प की तीव्रता कम होती है लेकिन इसके झटके लम्बे समय तक अनुभव किये जाते है। ऐसे भूकम्प से ही वलित पर्वत तथा पठारों का निर्माण होता है।
➤ अचानक भूकम्प की तीव्रता अधिक होती है। इसके झटके अति उच्च समय तक अनुभव किये जाते है। इसके चलते इससे ज्वालामुखी पर्वत तथा ब्लॉक पर्वत का निर्माण होता है।
➤ विश्व में सर्वाधिक छिछले उदगम वाले भूकम्प होते हैं जिसका प्रभाव लम्बे समय तक होता है।
भूकम्प के कारण
भूकम्प क्यों आते है उन कारणों को दो भागों में बाँटकर अध्ययन किया जा सकता है:-
(A) मानवीय कारण
(B) प्राकृतिक कारण
(A) मानवीय कारण :-
(i) परमाणु विस्फोट
(ii) मानव के द्वारा किया जा रहा खनन कार्य
(iii) बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण
(iv) पर्वतीय क्षेत्रों में किया जा रहा विकास कार्यक्रम जैसे- सड़क निर्माण, वन ह्रास इत्यादि।
(B) प्राकृतिक कारक:-
➤ ज्वालामुखी उदगार, मोड़दार एवं ब्लॉक पर्वत का निर्माण जब कभी होता है। भूकम्प आने से संबंधित प्राकृतिक कारणों की व्याख्या होती है।
भूकम्प आने से संबंधित प्राकृतिक कारणों की व्याख्या करने हेतु दो सिद्धान्त दिए गए है:-
1) प्रत्यास्य पुनश्चलन का सिद्धान्त (Elastic Rebond Theory)
➤ इस सिद्धांत को अमेरिकी वैज्ञानिक H.F. रीड ने दिया था।
➤ इनके अनुसार भुपटल प्रत्यास्य चट्टानों से निर्मित है।
➤ जब इन चट्टानों पर बाहरी दबाव बल कार्य करता है तो चट्टानें फैलती है और जब दबाव हटता है तो चट्टानें सिकुड़ने के क्रम में ही भूकम्प उत्पन्न होता है।
2) प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त (Plate Tectonic Theory)
➤ इस सिद्धान्त के प्रतिपादक हैरीहेस महोदय है।
➤ इन्होंने बताया कि पृथ्वी का भूपटल कई प्लेटों से निर्मित है।
➤ यही प्लेट जब क्षैतिज या उदग्र रूप से गति करते है तो भूकम्प उत्पन्न होते है।
➤ प्लेटों में सर्वाधिक भूकम्प प्लेट के किनारे अनुभव किये जाते है।
➤ भूकम्प के आधार पर प्लेट के किनारों को तीन भागों में बांटा गया है-
I. अपसरण सीमा
II. अभिसरण सीमा
III. संरक्षी सीमा
जैसे:-
(i) चन्द्रमा एवं ब्रहाण्डीय पिण्डों का आकर्षण बल
(ii) एक प्लेट के सापेक्ष में दूसरे प्लेट का 45° कोण पर झुका हुआ होना
(iii) पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल
(iv) दुर्बलमण्डल में उत्पन्न होने वाला संवहन तरंग
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त में उपरोक्त सभी कारणों को भूकम्प के लिए जिम्मेवार बताये गये है लेकिन इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण संवहन तरंग है।
➤ जिन किनारों पर संवहन तरंग ऊपर की ओर उठकर फैलने की प्रवृति रखती है वहाँ पर अपसरण सीमा का निर्माण होता है और प्लेटों में उत्पन्न होने वाले गति को अपसरण गति कहते है।
जैसे- अटलांटिक कटक के सहारे
भूकम्प का वितरण
विश्व में मुख्यतः भूकम्प के तीन क्षेत्र है:-
(i) प्रशांत महासागर के चारों ओर-
विश्व में सर्वाधिक भूकम्प प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में ही आती है। यहाँ अधिकांश गहरे केंद्र वाले भूकम्प आते है।
(ii) मध्य महाद्वीपीय क्षेत्र-
यह क्षेत्र यूरेशियन प्लेट और इसके दक्षिण में स्थित भारतीय प्लेट तथा अफ्रीकन प्लेट के मध्य स्थित है। यहाँ मध्यम एवं छिछले किस्म के भूकम्प आते है।
(iii) मध्य अटलांटिक कटक एवं पूर्वी अफ्रीका के भ्रंश घाटी क्षेत्र-
अटलांटिक महासागर में अपसरण सीमा के सहारे भूकम्प आती है जिसका विस्तार उत्तर में आइसलैंड के थोड़ा ऊपर से दक्षिण में बोवेट द्वीप तक हुआ है।
भूकम्पीय तीव्रता एवं इसका मापन
➤ भूकम्प के आगमन के दौरान बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। इसी ऊर्जा का मापन भूकम्पीय तीव्रता कहलाता है।
➤ वैज्ञानिकों ने भूकम्पीय तीव्रता की मापन हेतु दो प्रकार के पैमाने का विकास किया है-
1. मार्सेली पैमाना
2. रिक्टर (Richter) पैमाना
मार्सेली पैमाना
➤ मार्सेली पैमाना का विकास फ्रांस के मार्सेली महोदय द्वारा किया गया था।
➤ इन्होंने इसे ज्ञानेन्द्रियों के अनुभव एवं विनाशकारी प्रभाव पर विकसित किया।
➤ इस पैमाने से न्यूनतम 1 और अधिकतम 12 इकाई तक भूकम्पीय तीव्रता का मापन किया जाता है।
रिचर पैमाना
➤ रिचर पैमाना का विकास 1835 ई० में सी.एफ. रिचर महोदय ने किया था।
➤ इसके अंतर्गत भूकम्पीय तीव्रता का मापन 1 से 9 इकाई तक किया जाता है। रिचर पैमाना में भूकम्पीय तीव्रता का मापन 10 के घात के रूप में होता है।
रिचर पैमाना पर तीव्रता | प्रभाव |
1 | केवल यंत्रों द्वारा अनुभव किया जाता है। |
2 | केवल अधिकेन्द्र के पास हल्का कम्पन होता है। |
3 | चट्टानों में सामान्य कम्पन होती है। |
4 | केन्द्र से 32 किमी० की त्रिज्या में भूकम्प अनुभव की जाती है। |
5 | अधिकेन्द्र से 5 हजार किमी० की दूरी तक भूकम्प अनुभव किया जाता है और पेड़-पौधे हिलने लगते हैं। |
6 | विनाश प्रारंभ हो जाता है और दीवारों में दरारें पड़ने लगती हैं। |
7 | दीवारें ध्वस्त हो जाती है, वृहत भूकम्प की स्थिति उत्पन्न होती है। |
8 | इसका प्रभाव विश्वव्यापी होती है, नदियाँ अपना मार्ग बदल लेती है। |
9 | सम्पूर्ण सर्वनाश (नदी, नाला, मकान) की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। |
भूकम्पीय तरंग एवं इसकी विशेषता
भूकम्प के दौरान कई प्रकार के प्रमुख एवं गौण तरंगों की उत्पति होती है:-
(A) प्रमुख तरंग
I. P तरंग
II. S तरंग
III. L तरंग
(B) गौण तरंग
I. P* & S*
II. Pg & Sg
(A) प्रमुख तरंग
P तरंग
➤ P तरंग को कई नामों से जानते है। जैसे: प्राथमिक तरंग, Pull & Push तरंग या अनुधैर्य तरंग।
➤ इसे ध्वनि तरंग से तुलना की जा सकती है क्योंकि यह ठोस, द्रव्य और गैस तीनों प्रकार के माध्यम से संचारित हो सकती है।
➤ इसकी गति 7.8 Km/Sec होती है।
➤ P तरंग भूकम्प रिकॉर्डिंग स्टेशन पर सबसे पहले पहुँचती है या अनुभव किया जाता है।
➤ इसकी उत्पत्ति भूकम्पीय केंद्र/फोकस से होती है।
S तरंग
➤ S तरंग को द्वितीयक तरंग या अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
➤ इसकी तुलना प्रकाश तरंग से की जा सकती है।
➤ यह तरंग तरल भाग में विलुप्त हो जाती है।
➤ भूकम्प रिकॉर्डिंग स्टेशन पर P तरंग की तुलना में S तरंग देरी से पहुंचती है।
➤ S तरंग की भी उत्पति भूकम्पीय केंद्र/फोकस से होती है।
➤ P तरंग अपने संचरण अक्ष के क्षैतिज जबकि S तरंग अपने संचरण मार्ग के लम्बवत गमन करती है।
➤ S तरंग की औसत गति 4.5 Km/Sec होता है।
L तरंग
➤ L तरंग को सतही तरंग (Surface Wave or Long Wave) भी कहा जाता है।
➤ L तरंगों की खोज H. D. Love ने की थी, इसलिए इन्हें Love Waves के नाम से भी जाना जाता है।
➤ L तरंग की उत्पति अधिकेंद्र (Epicentre) से होती है।
➤ L तरंग रिकॉर्डिंग स्टेशन पर सबसे देर से पहुँचती है।
➤ L तरंग के कारण ही सर्वाधिक क्षति होती है।
➤ L तरंग की गति काफी अनियमित होती है।
भूकंपीय छाया क्षेत्र (Shadow Zone)
भूकंप लेखी यंत्र (सिस्मोग्राफ) पर दूर के क्षेत्रों से आने वाली भूकंपीय तरंग अंकित होती हैं, परन्तु कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहाँ कोई भी भूकंपीय तरंग अंकित नहीं होती है, ऐसे क्षेत्र को भूकंपीय छाया क्षेत्र कहते है।
➤ भूकंप अधिकेंद्र से 105° और 145° के बीच का क्षेत्र जहाँ कोई भी भूकंपीय तरंग अंकित नहीं होती है। यह क्षेत्र दोनों प्रकार की तरगों के लिए छाया क्षेत्र (Shadow zone) हैं।
➤ 105° के परे पूरे क्षेत्र में ‘S’ तरंगें नहीं पहुँचतीं।
➤ ‘S’ तरंगों का छाया क्षेत्र ‘P’ तरंगों के छाया क्षेत्र से अधिक विस्तृत है।
➤ भूकंप अधिकेंद्र के 105° से 145° तक ‘P’ तरंगों का छाया क्षेत्र एक पट्टी (Band) के रूप में पृथ्वी के चारों तरफ प्रतीत होता है।
➤ ‘S’ तरंगों का छाया क्षेत्र न केवल विस्तार में बड़ा है, वरन् यह पृथ्वी के 40 प्रतिशत भाग से भी अधिक है।
➤ पृथ्वी का भुपटल मुख्यत: दो प्रकार के चट्टानों से निर्मित है:-
(1) ग्रेनाइट तथा
(2) बैसाल्ट चट्टान
➤ P* & S* ऐसा तरंग है जो केवल बैसाल्टिक चट्टानों से होकर गुजरती है।
➤ P* की गति=6-7 Km/Sec
➤ S* की गति=3-4 Km/Sec
➤ ये तरंग समुद्री भूपटल और महाद्वीपों के आंतरिक भागों में चलती है।
➤ इस तरंगों की खोज 1923 ई० में कोनार्ड महोदय के द्वारा किया गया था।
➤ इस तरंगों की खोज कोनार्ड ने टायर्न में आये भूकम्प के दौरान किया गया था।
Pg & Sg तरंग
➤ ये दोनों तरंगे ग्रेनाइट चट्टानों से होकर गुजरती है।
➤ इसका खोज जेफरीज महोदय ने 1909 ई० में क्रोएशिया (Croatia) के कुपा घाटी में आये भूकम्प के दौरान किया था।
➤ Pg तरंग की औसत गति =5.4 Km/Sec
➤ Sg तरंग की औसत गति =3.3 Km/Sec
➤ Pg & Sg एक ऐसी तरंग है जो केवल महाद्वीपीय भागों से होकर गुजरती है।
निष्कर्ष:-
इस तरह उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि भूकम्प के दौरान अलग-अलग प्रकार के तरंगों की उत्पत्ति होती है जिनकी अपनी विषिष्टता होती है। इन्हीं विशिष्टताओं के आधार पर पृथ्वी के आंतरिक भागों के अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है।
सूनामी (Tsunami)
➤ सुनामी समुद्र के नीचे भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उत्पन्न होने वाली विनाशकारी लहरें हैं।
➤ “सुनामी” एक जापानी शब्द से लिया गया है , जिसका अर्थ है “बंदरगाह लहर”।
➤ ‘सुनामी’ शब्द वास्तव में दो शब्दों ‘सू’ अर्थात ‘बंदरगाह’ और ‘नामी’ अर्थात ‘विनाशकारी लहरें’ से मिलकर बना है।
➤ सुनामी एक दीर्घ तरंग (Long wave) है जो समुद्र तल के समानांतर विशाल तरंगें (Giant waves) के रूप में संचरित होती है
➤ सुनामी की तरंग आवृत्ति (Wave Frequency) एवं तरंग आयाम (Wave Amplitude) में तट (Coast) की ओर निरंतर वृद्धि होती है।
➤ सुनामी लहरों के साथ जल की गति संपूर्ण गहराई तक होती है, इसलिए ये अधिक प्रलयकारी होती हैं।
➤ सुनामी का तरंग दैर्ध्य 160 किमी. तक देखा गया है, साथ ही इनकी गति अत्यधिक होती है जो कभी-कभी 650 किमी० प्रति घंटा भी देखी गई है।
➤ खुले सागरों में इन तरंगों की ऊँचाई अधिकतम 1 मी. की होती है, परंतु जब ये तटवर्ती उथले जल क्षेत्र में प्रवेश करती है तो इनकी ऊँचाई में अचानक असामान्य वृद्धि हो जाती है जिससे बहुत कम समय में ही भीषण विनाश की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
➤ सुनामी लहरों की दृष्टि से प्रशांत महासागर सबसे संवेदनशील स्थिति में है। महासागरीय प्लेटों के अभिसरण क्षेत्र में ये सर्वाधिक शक्तिशाली होती हैं।
➤ इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 26 दिसंबर, 2004 को हिंद महासागर के तल के नीचे उत्पन्न सुनामी लहरें भारतीय प्लेट के बर्मी प्लेट के नीचे क्षेपण (Subduction) का परिणाम था।
टेलीसुनामी (Teletsunami)
➤ जब सुनामी लहरों का प्रसार तथा प्रभाव इतना अधिक व्यापक हो कि वे अपनी उत्पत्ति वाले समुद्री क्षेत्र को भी पार करते हुए हज़ारों मील दूर स्थित क्षेत्र तक को भी अपनी चपेट में ले लेता हो, तो इस सुनामी को टेलीसुनामी या मेगासुनामी या समुद्रपारीय सुनामी (Trans-oceanic tsunami) कहा जाता हैं।
➤ 1883 की क्राकाटोआ सुनामी और इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 26 दिसंबर, 2004 की हिंद महासागर की सुनामी, 2021 की दक्षिणी अटलांटिक महासागर की सुनामी इत्यादि इसी प्रकार की सुनामी थी जिसका प्रभाव हजारों मील दूर के क्षेत्रों पर भी देखा गया था।
➤ इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 26 दिसंबर, 2004 की हिंद महासागर सुनामी का प्रभाव पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तटीय भाग, मेडागास्कर और अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी व सुदूर दक्षिणी भाग तक देखा गया था।
भूकंप व सुनामी से सम्बंधित पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर
1. प्रत्यास्थ पुनश्चलन सिद्धान्त निम्नलिखित में से किसकी उत्पत्ति की व्याख्या करता है?
(a) ज्वालामुखी
(b) भूकम्प
(c) चक्रवात
(d) भूकम्प एवं ज्वालामुखी
2. भूकम्प की उत्त्पत्ति से सम्बन्धित प्रत्यास्थ पुनश्चलन सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया है?
(a) होम्स
(b) रीड
(c) जॉली
(d) डेली
3. पृथ्वी की आन्तरिक संरचना की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने का सबसे प्रमुख स्रोत है-
(a) भूकम्प विज्ञान
(c) ज्वालामुखी
(b) तापमान
(d) दबाव एवं घनत्व
4. भू-गर्भ में जिस स्थान पर भूकम्पीय तरंगों की उत्पत्ति होती है, उस स्थान को क्या कहा जाता है?
(a) अधिकेन्द्र
(b) भूकम्प अधिकेन्द्र
(c) भूकम्प केन्द्र
(d) इक्लोजाइट
5. भूकम्प-मूल (Focus) वह स्थान होता है जहाँ-
(a) धरातल पर भूकम्पीय लहरों का सर्वप्रथम ज्ञान होता है।
(b) जहाँ से भूकम्प की उत्पत्ति होती है।
(c) जहाँ से भूकम्प की उत्पत्ति के पश्चात् उसकी लहरें ठीक नीचे स्थित स्थान तक यात्रा करके पुनः वापस लौट आती है।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
6. अधिकेन्द्र (Epicentre) भूकम्प का एक बिन्दु है, जो सम्बन्धित है-
(a) पृथ्वी के अंदर भूकम्प के उद्गम स्थान से
(b) भूकम्प उद्गम केन्द्र के ऊपर भूपृष्ठीय बिन्दु से
(c) वह स्थान जहाँ भूकम्प का अनुभव किया जाता है।
(d) भू-पृष्ठ का वह बिन्दु जहाँ पहला झटका अनुभव किया जाता है।
7. धरातल के जिस स्थान पर सर्वप्रथम भूकम्प का अनुभव किया जाता है, कहलाता है-
(a) भूकम्प मूल
(b) भूकम्प अधिकेन्द्र
(c) भूकम्प केन्द्र
(d) इनमें से कोई नहीं
8. भूकम्प में धरातलीय तरंगें होती है-
(a) गौण तरंगें
(b) L तरंगे
(c) प्राथमिक तरंगें
(d) प्राथमिक एवं गौण तरंगें
9. निम्नलिखित में से कौन-सी भूकम्पीय तरंगें सर्वाधिक क्षति पहुँचाती है?
(a) प्राथमिक
(b) द्वितीयक
(c) दीर्घ पृष्ठीय
(d) क्षितिजीय
10. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) भूकम्प के कारण समान बर्बादी वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समभूकम्प रेखा कहा जाता है।
(b) समभूकम्प रेखा का आकार नियमित (Regular) होता है।
(c) उन स्थानों को मिलाने वाली रेखा जहाँ भूकम्प एक साथ आते हैं, सहभूकम्प रेखा कहलाती है।
(d) भूकम्पीय तरंगों को अंकित करने वाला यंत्र सिस्मोग्राफ कहलाता है।
11 . निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) रिक्टर स्केल भूकम्प की तीव्रता मापने का एक यंत्र है।
(b) रिक्टर स्केल एक लोगारिथमिक स्केल होता है।
(c) यह स्केल भूकम्प की ऊर्जा को मापता है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
12. अन्तः सागरीय भूकम्पों द्वारा उत्पन्न समुद्री लहरों को क्या कहा जाता है?
(a) सर्क
(b) सुनामी
(c) स्केल
(d) केम
13. सुनामी का मुख्य कारण निम्नलिखित में से कौन है?
(a) ज्वालामुखी
(b) भूकम्प
(c) चक्रवात
(d) प्रतिचक्रवात
14. विश्व के सर्वाधिक (63% के लगभग) भूकम्प निम्न में से किस पेटी में आते हैं?
(a) परिप्रशान्त महासागरीय पेटी
(b) मध्य महाद्वीपीय पेटी
(c) मध्य अटलांटिक पेटी
(d) हिन्द महासागरीय पेटी
15. भूकम्पों का प्रभाव महाद्वीपीय भागों के अतिरिक्त महासागरीय भागों पर भी पड़ता है और इससे महासागरों में भयंकर लहरें उत्पन्न होती है। इन लहरों को किस नाम से जाना जाता है?
(a) ज्वार भित्ति
(b) सीचेस लहरें
(c) सदाशिव
(d) सुनामी
16. सुनामी किस भाषा का शब्द है?
(a) जर्मन
(b) पुर्तगाली
(c) जापानी
(d) चीनी
17. किस देश में भूकम्प से उत्पन्न विनाशकारी समुद्री तरंगों को सुनामी कहते हैं?
(a) मैक्सिको
(b) जापान
(c) ब्रिटेन
(d) न्यूजीलैंड
18. तरल पदार्थों से होकर न गुजर सकने वाली भूकम्पीय लहर कौन-सी है?
(a) P-तरंगें
(b) L-तरंगें
(c) S-तरंगें
(d) इनमें से कोई नहीं
19. रिक्टर स्केल मापता है-
(a) भूकम्प की तीव्रता
(b) सापेक्षिक आर्द्रता
(c) वर्षा की मात्रा
(d) ताप
20. सिस्मोग्राफ किसे मापने के लिए काम में लाया जाता है?
(a) सागरीय तरंगों को
(b) ज्वार-भाटे को
(c) भूकम्पीय तरंगों को
(d) इनमें से कोई नहीं
21. भूकम्प का अध्ययन कहलाता है-
(a) सिस्मोलॉजी
(b) टेराटोलॉजी
(c) पीडोलॉजी
(d) आइकोनोलॉजी
22. समान भूकम्पीय तीव्रता अर्थात् समान बर्बादी वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को क्या कहा जाता है?
(a) समभूकम्प रेखा
(b) सहभूकम्प रेखा
(c) समताप रेखा
(d) समदाब रेखा
23. किसी क्षेत्र के उन स्थानों को मिलाने वाली रेखा जहाँ भूकम्प एक साथ अनुभव किया जाता है, कहलाती है-
(a) समभूकम्प रेखा
(b) सहभूकम्प रेखा
(c) आइसोपाइक्निक रेखा
(d) आइसोगोनल रेखा
24. समभूकम्प रेखा (Iso Seismal Line) का आकार प्रायः होता है-
(a) नियमित
(b) अनियमित
(c) वृत्ताकार
(d) एकरेखीय
25. भूकम्प मापी यंत्र के अनुसार एक वर्ष की अवधि में सामान्यतः कितने बार भूकम्प आते हैं?
(a) 5000 से 7000
(b) 8000 से 10000
(c) 10000 से 12000
(d) 1200 से 15000
26. अग्नि वलय (Circle of Fire) प्रशान्त महासागर के उस विशाल क्षेत्र को कहते हैं जहाँ कुल भूकम्प का… .आता है।
(a) 68%
(b) 40%
(c) 30%
(d) 25%
27. भूकम्पीय तरंगों का मापन निम्नलिखित में से किस यंत्र द्वारा किया जाता है?
(a) बैरोग्राफ
(b) क्लाइमोग्राफ
(c) सीस्मोग्राफ
(d) इर्गोग्राफ
28. निम्नलिखित में से कौन-सी घटना धरातल पर नहीं घटित होती है?
(a) ज्वालामुखी
(b) अपक्षय
(c) अपरदन
(d) सुनामी