Chapter 16 Biodiversity and Conversation (जैव विविधता एवं संरक्षण)
Chapter 16 Biodiversity and Conversation
(जैव विविधता एवं संरक्षण)
(भाग – 1 : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत)
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर
(i) जैव-विविधता का संरक्षण निम्न में किसके लिए महत्वपूर्ण है
(क) जन्तु
(ख) पौधे
(ग) पौधे और प्राणी
(घ) सभी जीवधारी
उत्तर- (घ) सभी जीवधारी
व्याख्या:
जैव-विविधता (Biodiversity) का संरक्षण सभी जीवधारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पृथ्वी पर जीवन के संतुलन, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता, भोजन, औषधि, जलवायु नियंत्रण और प्राकृतिक संसाधनों की निरंतरता को बनाए रखता है।
(ii) असुरक्षित प्रजातियाँ कौन-सी हैं
(क) जो दूसरों को असुरक्षा दें
(ख) बाघ व शेर
(ग) जिनकी संख्या अत्याधिक हों
(घ) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है
उत्तर- (घ) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है
(iii) राष्ट्रीय पार्क (National Parks) और अभ्यारण (Sanctuaries) किस उद्देश्य के लिए बनाये गए हैं
(क) मनोरंजन के लिए
(ख) पालतू जीवों के लिए
(ग) शिकार के लिए
(घ) संरक्षण के लिए
उत्तर- (घ) संरक्षण के लिए
व्याख्या:
राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) और अभ्यारण्य (Sanctuaries) वन्य जीवों, वनस्पतियों तथा उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से बनाए जाते हैं, ताकि जैव विविधता बनी रहे और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा की जा सके।
(iv) जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र हैं
(क) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
(ख) शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र
(ग) ध्रुवीय क्षेत्र
(घ) महासागरीय क्षेत्र
उत्तर- (क) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र
व्याख्या:
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र (Tropical regions) में तापमान अधिक, वर्षा प्रचुर मात्रा में तथा अनुकूल जलवायु पाई जाती है, जिसके कारण यहाँ पौधों और जीवों की विविधता सबसे अधिक होती है। इसलिए ये क्षेत्र जैव-विविधता के समृद्ध क्षेत्र कहलाते हैं।
(v) निम्न में से किस देश में अर्थ सम्मेलन (Earth summit) हुआ था
(क) यू. के. (U.K.)
(ख) ब्राजील
(ग) मैक्सिको
(घ) चीन
उत्तर- (ख) ब्राजील
व्याख्या:
अर्थ सम्मलेन (Earth Summit) 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो (Rio de Janeiro) में आयोजित किया गया था। इसे “रियो सम्मेलन” या “United Nations Conference on Environment and Development (UNCED)” भी कहा जाता है।
(vi) प्रोजेक्ट टाईगर निम्नलिखित में से किस उद्देश्य से शुरू किया गया है।
(क) बाघ मारने के लिये
(ख) बाघ को शिकार से बचाने हेतु
(ग) बाघ को चिड़ियाघर में डालने हेतु
(घ) बाघ पर फिल्म बनाने हेतु
उत्तर- (घ) बाघ पर फिल्म बनाने हेतु
व्याख्या:
“प्रोजेक्ट टाइगर” (Project Tiger) भारत सरकार द्वारा 1973 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में तेजी से घटती हुई बाघों की संख्या की रक्षा करना और उनके प्राकृतिक आवास का संरक्षण करना है।
(vii) प्रोजेक्ट एलिफेन्ट (Project Elephent) किस वर्ष लागू किया गया?
(क) 1992
(ख) 1993
(ग) 1994
(घ) 1995
उत्तर:- (क) 1992
व्याख्या:
प्रोजेक्ट एलिफेंट (Project Elephant) भारत सरकार द्वारा 1992 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य जंगली हाथियों का संरक्षण, उनके आवास (habitat) की रक्षा, और मानव-हाथी संघर्ष को कम करना है।
(viii) होमो-सेपियंश (Homo-Speiens) प्रजाति किस से संबंधित है?
(क) पौधे
(ख) शाकाहारी जीव
(ग) मांशहारी जीव
(घ) मानव
उत्तर- (घ) मानव
व्याख्या:
होमो-सेपियन्स (Homo sapiens) आधुनिक मनुष्य की वैज्ञानिक प्रजाति का नाम है। यह होमो वंश (Genus) की एकमात्र जीवित प्रजाति है, जो लगभग 3 लाख वर्ष पहले अफ्रीका में उत्पन्न हुई थी।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) जैव-विविधता क्या है?
उत्तर- किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाये जाने वाले जीवों की संख्या और उनकी विविधता को जैव-विविधता कहते हैं। इसका संबंध पौधों के प्रकार, प्राणियों तथा सूक्ष्म जीवाणुओं से है, उनकी आनुवंशिकी और उनके द्वारा निर्मित पारितंत्र से है। जैव-विविधता सजीव सम्पदा है।
अर्थात इसमें सूक्ष्मजीवों से लेकर बड़े जीवों तक सभी शामिल होते हैं। यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और जीवन को स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
(ii) जैव-विविधता के विभिन्न स्तर क्या हैं?
उत्तर- जैव-विविधता को तीन मुख्य स्तरों पर समझा जा सकता है-
(1) आनुवंशिक विविधता (Genetic diversity): एक ही प्रजाति के जीवों में जीन का अंतर।
(2) प्रजातीय विविधता (Species diversity): किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों की संख्या।
(3) पारिस्थितिकी तंत्र विविधता (Ecosystem diversity): यह विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तंत्रों की विविधता को दर्शाती है, जैसे – वन, मरुस्थल, पर्वतीय क्षेत्र, नदी, झील, समुद्र आदि।
(iii) हॉट-स्पॉट (Hot spots) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- हॉट-स्पॉट (Hot Spots) वे क्षेत्र होते हैं जहाँ जैव विविधता अत्यधिक होती है, परंतु यह क्षेत्र मनुष्य की गतिविधियों से गंभीर खतरे में हैं। इन क्षेत्रों में बहुत-सी दुर्लभ एवं स्थानिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। उनमें संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण संघ (IUCN) ने जैव-विविधता हॉट-स्पॉट (Hot spots) क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया गया है।
हॉट-स्पॉट उनकी वनस्पति के आधार पर परिभाषित किये गए हैं। भारत में पश्चिमी घाट, पूर्वी हिमालय आदि प्रमुख जैव विविधता हॉट-स्पॉट हैं।
(iv) मानव जाति के लिए जंतुओं के महत्त्व का वर्णन संक्षेप में करें।
उत्तर- जंतुओं का मानव जाति के जीवन में अत्यंत महत्त्व है। वे भोजन (दूध, मांस, अंडे), वस्त्र (ऊन, रेशम, चमड़ा) और श्रम (बैल, घोड़े) प्रदान करते हैं। अनेक जंतु औषधियों के निर्माण में उपयोगी होते हैं तथा पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(v) विदेशज प्रजातियों (Exotic species) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- वे प्रजातियाँ जो स्थानीय आवास की मूल जैव प्रजाति नहीं हैं, लेकिन उस तंत्र में स्थापित की गई हैं, उन्हें ‘विदेशज प्रजातियाँ’ कहा जाता है।
अर्थात विदेशज प्रजातियाँ (Exotic species) वे जीव हैं जिन्हें किसी अन्य देश या क्षेत्र से लाकर नए स्थान पर बसाया जाता है। ये वहाँ की प्राकृतिक प्रजातियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पारिस्थितिक संतुलन बिगाड़ सकती हैं। उदाहरण- भारत में जलकुंभी (Water Hyacinth) और नीलगिरी (Eucalyptus) पेड़।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
(i) प्रकृति को बनाए रखने में जैव-विविधता की भूमिका का वर्णन करें
उत्तर- प्रकृति के संतुलन और स्थायित्व को बनाए रखने में जैव-विविधता (Biodiversity) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जैव-विविधता का अर्थ है- पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीवों की विविधता, जिसमें पौधे, जन्तु, सूक्ष्मजीव तथा उनके पारस्परिक संबंध शामिल हैं। यह प्रकृति की स्थिरता, पारिस्थितिक संतुलन तथा मानव जीवन के अस्तित्व की आधारशिला है।
प्रकृति में प्रत्येक जीव का अपना विशिष्ट स्थान और कार्य होता है। उदाहरण के लिए, पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध रहता है। शाकाहारी और मांसाहारी जीव एक-दूसरे पर निर्भर रहते हुए भोजन श्रृंखला और जाल (food chain and web) का निर्माण करते हैं। यदि किसी एक प्रजाति का विनाश हो जाए, तो पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है।
जैव-विविधता मिट्टी की उर्वरता, परागण, जल चक्र और अपघटन जैसी प्रक्रियाओं को भी बनाए रखती है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करती है और प्राकृतिक आपदाओं से पारिस्थितिक तंत्र की पुनर्बहाली में सहायक होती है। इसके अतिरिक्त, जैव-विविधता मानव को औषधि, भोजन, ईंधन और वस्त्र जैसे अनेक संसाधन उपलब्ध कराती है।
इस प्रकार, जैव-विविधता न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक है, बल्कि यह पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता और मानव सभ्यता के विकास की आधारशिला भी है। इसलिए, जैव-विविधता का संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ भी स्वस्थ और संतुलित प्रकृति का आनंद ले सकें।
(ii) जैव-विविधता के विनाश के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारकों का वर्णन करें। इसे रोकने के उपाय भी बताएँ।
उत्तर- जैव-विविधता (Biodiversity) का अर्थ है- पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पौधों, प्राणियों और सूक्ष्मजीवों की विविधता। वर्तमान समय में मानव गतिविधियों के कारण जैव-विविधता में तीव्र गति से कमी आ रही है।
जैव-विविधता के विनाश के प्रमुख कारक:
1. वनों की कटाई:-
कृषि विस्तार, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण वनों का नाश हो रहा है।
2. प्रदूषण:-
जल, वायु और भूमि प्रदूषण से अनेक जीव प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।
3. जनसंख्या वृद्धि:-
बढ़ती जनसंख्या संसाधनों पर अत्यधिक दबाव डाल रही है।
4. अवैध शिकार और व्यापार:-
बाघ, हाथी, गैंडा जैसी प्रजातियाँ शिकार और अवैध व्यापार से प्रभावित हैं।
5. विदेशी (Exotic) प्रजातियाँ:-
बाहरी प्रजातियों के आगमन से स्थानीय प्रजातियाँ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही हैं।
6. जलवायु परिवर्तन:-
तापमान वृद्धि और वर्षा पैटर्न में बदलाव से प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं।
रोकथाम के उपाय:
⇒ वनों की सुरक्षा और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना।
⇒ प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ तकनीकों का उपयोग।
⇒ वन्यजीव संरक्षण कानूनों का कठोर पालन।
⇒ राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारणों का विस्तार।
⇒ जनजागरूकता और पर्यावरण शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
⇒ जैव-विविधता संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष:
जैव-विविधता का संरक्षण पृथ्वी पर जीवन के संतुलन और मानव अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है।
