Chapter 2 Structure and Physiography (संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान)
Chapter 2 Structure and Physiography
(संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान)
(भाग – 2 : भारत- भौतिक पर्यावरण)
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर
(i) हिमालय के किस भाग में करेवा मिलते हैं
(क) उत्तर-पूर्वी हिमालय
(ख) पूर्वी हिमालय
(ग) हिमाचल-उत्तरांचल हिमालय
(घ) कश्मीर हिमालय
उत्तर- (घ) कश्मीर हिमालय
व्याख्या:
करेवा (Karewas) कश्मीर घाटी में पाए जाने वाले मोटे झील- अवसाद (lake deposits) हैं। ये उपजाऊ मिट्टी से बने होते हैं और इनमें केसर की खेती प्रसिद्ध है। करेवा हिमालय के कश्मीर भाग की एक विशिष्ट भौगोलिक विशेषता है।
(ii) लोटक झील किस राज्य में स्थित है
(क) केरल
(ख) मनीपुर
(ग) उत्तरांचल
(घ) राजस्थान
उत्तर- (ख) मनीपुर
व्याख्या:
लोटक झील (Loktak Lake) मणिपुर राज्य में स्थित है। यह उत्तर-पूर्व भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है, जो अपने तैरते द्वीपों (फुमदी) के लिए प्रसिद्ध है।
(iii) अंडमान द्वीप तथा निकोबार द्वीप को कौन-सी रेखा पृथक् करती है
(क) 11° चैनल
(ख) 10° चैनल
(ग) मन्नार की खाड़ी
(घ) अंडमान सागर
उत्तर- (ख) 10° चैनल
व्याख्या:
10° चैनल अंडमान द्वीप समूह और निकोबार द्वीप समूह को एक-दूसरे से पृथक् करता है। यह रेखा लगभग 10 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर स्थित है।
(iv) डोडावेटा चोटी निम्नलिखित में से कौन-सी पहाड़ी शृखंला में स्थित है?
(क) नीलगिरी
(ख) कार्डामम
(ग) अनामलाई
(घ) नल्लामाला
उत्तर- (क) नीलगिरी
व्याख्या:
डोडाबेट्टा (Doddabetta) चोटी नीलगिरी पर्वत शृंखला में स्थित है। यह तमिलनाडु राज्य में ऊटी (उधगमंडलम) के पास स्थित है और नीलगिरी की सबसे ऊँची चोटी है, जिसकी ऊँचाई लगभग 2637 मीटर है।
(v) हिमालय किस प्रकार का पर्वत है?
(क) ज्वालामुखी
(ख) मोड़दार
(ग) अविशष्ट
(घ) भ्रन्शोथ
उत्तर- (ख) मोड़दार
व्याख्या:
हिमालय पर्वत का निर्माण भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के आपस में टकराने से हुआ है। इस टकराव से टेथिस सागर की मलवा मुड़कर ऊपर उठीं, जिससे हिमालय जैसे मोड़दार पर्वत (Fold Mountains) बने।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए
(i) यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह कौन-से तटीय मैदान होकर जायेगा और क्यों?
उत्तर- लक्षद्वीप जाने वाला व्यक्ति केरल के मालाबार तटीय मैदान होकर जाएगा, क्योंकि यह तट अरब सागर के किनारे स्थित है और यहीं से लक्षद्वीप द्वीपसमूह (280 किलोमीटर से 480 किलोमीटर) के लिए मार्ग मिलता है।
(ii) भारत में ठण्डा मरुस्थल कहाँ स्थित है ? इस क्षेत्र की मख्य श्रेणियों के नाम बताएँ।
उत्तर- भारत में ठण्डा मरुस्थल लद्दाख क्षेत्र में स्थित है, जो केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख (पूर्व में जम्मू-कश्मीर का भाग) का हिस्सा है।
इस क्षेत्र की मुख्य पर्वत श्रेणियाँ हैं –
⇒ कराकोरम पर्वत श्रेणी
⇒ लद्दाख पर्वत श्रेणी
⇒ जास्कर पर्वत श्रेणी
यह क्षेत्र ऊँचाई, अत्यधिक ठंड और कम वर्षा के कारण “ठण्डा मरुस्थल” कहलाता है।
(iii) पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है?
उत्तर- पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा नहीं है क्योंकि यहाँ नदियाँ छोटी, तीव्र ढाल वाली हैं और सीधे अरब सागर में गिरती हैं, जिससे गाद जमने का अवसर नहीं मिलता।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए
(i) अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तर- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह भौगोलिक, संरचनात्मक तथा उत्पत्ति की दृष्टि से भिन्न हैं।
अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप द्वीप समूह प्रवाल (Coral) उत्पत्ति के हैं। ये छोटे, समतल एवं लैगूनयुक्त द्वीप हैं, जो मुख्यतः प्रवाल भित्तियों से बने हैं। इनकी संख्या लगभग 36 है और ये केरल तट के समीप स्थित हैं। यहाँ जलवायु उष्णकटिबंधीय तथा आर्द्र है।
बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह ज्वालामुखीय और पर्वतीय उत्पत्ति के हैं। ये द्वीप ऊँचे, वनाच्छादित तथा श्रृंखलाबद्ध हैं। इनकी संख्या 572 के लगभग है। यहाँ सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप भी स्थित है।
इस प्रकार, लक्षद्वीप प्रवाल उत्पत्ति के निम्न द्वीप हैं, जबकि अंडमान-निकोबार ज्वालामुखीय उत्पत्ति के ऊँचे द्वीप हैं।
(ii) नदी घाटी मैदान में पाए जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थालाकृतियाँ कौन-सी हैं? इनका विवरण दें।
उत्तर- नदी घाटी मैदानों में कई प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं, जो नदी के अपरदन, परिवहन और निक्षेपण क्रियाओं से निर्मित होती हैं। प्रमुख स्थलाकृतियों में बालू के टीले (Natural levees), बाढ़ का मैदान (Flood plains), गोखुर झीलें (Oxbow lakes), मोड़दार धाराएँ (Meanders) और डेल्टा प्रमुख हैं।
नदी अपने प्रवाह के दौरान किनारों को काटती और तलछट जमा करती है, जिससे मोड़दार धाराएँ बनती हैं। जब नदी का मोड़ टूट जाता है तो वहाँ अर्द्धचंद्राकार झीलें बनती हैं जिन्हें गोखुर झीलें कहते हैं।
बाढ़ के समय जमा तलछट से बाढ़ का मैदान बनते हैं जो अत्यंत उपजाऊ होते हैं। नदी के मुहाने पर निक्षेपण से डेल्टा बनता है। इन स्थलाकृतियों के कारण नदी घाटी मैदान कृषि, बसावट और मानव विकास के लिए अत्यंत उपयुक्त बनते हैं।
उत्तर- यदि हम बद्रीनाथ से सुंदरवन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ यात्रा करें, तो हमारे मार्ग में विभिन्न प्रकार की स्थलाकृतियाँ दिखाई देंगी। बद्रीनाथ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है, जहाँ से गंगा की सहायक धाराएँ जैसे अलकनंदा उत्पन्न होती हैं। अलकनंदा और भागीरथी देवप्रयाग में मिलकर गंगा नदी के नाम से जानी जाती है।
यहाँ स्थलाकृति पर्वतीय और दुर्गम होती है, जहाँ गहरी घाटियाँ और जलप्रपात मिलते हैं। आगे बढ़ने पर नदी तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है, जहाँ भूमि अपेक्षाकृत समतल होती है और जलोढ़ मिट्टी से भरपूर होती है। इसके बाद गंगा गंगा मैदान में प्रवेश करती है। यह उपजाऊ जलोढ़ मैदान भारत का सबसे बड़ा समतल क्षेत्र है।
यहाँ अनेक सहायक नदियाँ जैसे घाघरा, गंडक, यमुना इत्यादि मिलती हैं। अंततः गंगा दक्षिण-पूर्व दिशा में बहते हुए पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्र में पहुँचती है, जहाँ यह अनेक शाखाओं में बँटकर विस्तृत सुंदरवन डेल्टा का निर्माण करती है। यह विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है।

