परिवहन, संचार एवं व्यापार / BSEB CLASS -10 Geography Solutions
BSEB CLASS वर्ग-10वाँ Geography Solutions
खण्ड (क)
इकाई-4. परिवहन, संचार एवं व्यापार
परिवहन, संचार एवं व्यापार
उत्तर भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व पंजाब में 122 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल का स्थान आता है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में त्रिपुरा प्रथम एवं नागालैंड दूसरे स्थान पर है। पूरे देश में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व दिल्ली में है।
- दो बड़े शहरों एवं महानगरों के बीच तीव्र गति से चलने वाली राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
- माल ढुलाई के लिए प्राइवेट कंटेनर एवं वैगन, माल-गाड़ियों में लगाई जा रही है।
- ट्रेनों की दुर्घटना को रोकने के लिए इंजनों में ए. सी. डी. की व्यवस्था की गयी है।
- 1 अगस्त, 1947 से रेल मंत्रालय ने रेल यात्री बीमा योजना शुरू की है।
- कोलकाता एवं दिल्ली में मेट्रो रेल के तहत भूमिगत रेल सेवा दी जा रही है।
- राजस्थान में शाही रेल गाड़ी ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ तथा महाराष्ट्र में डेक्कन ऑडेसी’ रेलगाड़ियाँ चलाई जा रही हैं।
- पर्वतीय भागों में स्थित पर्यटक स्थलों तक पहुँचने के लिए तथा मनोरंजनपूर्ण यात्रा के लिए नैरो गेज एवं स्पेशल गेज वाली रेलें चलाई जा रही हैं। इनमें शिमला उटी, माउंट आबू, दार्जिलिंग इत्यादि की रेल सेवाएं शामिल हैं।
- एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की तीसरी बड़ी रेल प्रणाली है।
- विश्व की सबसे अधिक विद्युतीकृत रेलगाड़ियाँ रूस के बाद भारत में ही चलती हैं।
- बड़ी मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराना।
- आरामदायक एवं सस्ता परिवहन।
प्रश्न 3.भारत के विभिन्न डाक चैनल का संक्षेप में विवरण दीजिए।
उत्तर- (i) राजधानी चैनल- नई दिल्ली से 5 विशेष राज्यों की राजधानीयों के लिए यह डाक सेवा है जिसके लिए पीले रंग की पत्र-पेटियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं।
(ii) मेट्रो चैनल- बेंगलूरू, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, मुम्बई एवं हैदराबाद के लिए यह डाक सेवा है। इसके लिए नीले रंग वाली पत्र-पेटियों का उपयोग करना चाहिए।
(iii) ग्रीन चैनल- स्थानीय पिनकोड अंकित डाक पत्रों को हरे रंग वाली पत्र-पेटी में डाला जाता है।
(iv) दस्तावेज चैनल- समाचार पत्रों एवं विभिन्न पत्रिकाओं को भेजने के लिए यह डाक सेवा है।
(v) भारी चैनल- यह डाक सेवा बड़े व्यावसायिक संगठनों के डाक पत्रों के लिए है।
(vi) व्यापार चैनल -यह डाक सेवा छोटे व्यापारिक संगठनों के डाक पत्रों के लिए उपलब्ध है।
प्रश्न 4.भारत की निर्यात एवं आयात वाली वस्तुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- भारत के पाँच आंतरिक जलमागों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। ये जलमार्ग निम्नलिखित हैं-
(i)राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1- यह इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 किमी. की लंबाई में है।
(ii) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 2- यह सदिया से धुबरी तक 891 किमी. की लम्बाई में ब्रह्मपुत्र नदी में विकसित है। इसका उपयोग भारत और बंगलादेश साझेदारी में करते है।
(iii) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 3– कोलम से कोट्टापुरम 205 किमी. लंबा यह जलमार्ग चंपाकारा तथा उद्योगमंडल नहरों सहित पश्चिमी तट नहर में विकसित है।
(iv) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 4- यह गोदावरी कृष्णा नदियों के सहारे 1095 किमी. में फैला है। पुडुचेरी–काकीनाडा नहर के सहारे यह जलमार्ग आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में फैला है।
(v) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 5- यह जलमार्ग उड़ीसा राज्य में ईस्ट-कोस्ट कनाल, मताई नदी, ब्राह्मणी नदी एवं महानदी डेल्टा के सहारे 623 किमी. की लंबाई में विकसित की जा रही है।
- समुद्र द्वारा अधिक व्यापार होने के कारण इस देश में बन्दरगाहों का महत्व बढ़ता जा रहा है।
- निर्यात की वस्तुओं की संख्या तथा मात्रा में दिनानुदिन वृद्धि होती जा रही है।
- निर्यात के साथ-साथ आयात व्यापार भी बढ़ता जा रहा है।
- कृषि के सामान तथा औद्योगिक उत्पादनों में वृद्धि होने से अनुकूल व्यापार संतुलन की प्रवृत्ति स्पष्ट हो रही है।
- भारत सोने चांदी और रत्नों का आयातकर उनके आभूषण तैयार करके पुनः निर्यातकर आय प्राप्त करता है ।
- देश में इंजीनियरिंग वस्तुओं, साइकिल, सिलाई की मशीनें, बिजली के पंखे इत्यादि का उत्पादन बढ़ा है और इन वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि हुई है।
- भारत का विदेशी व्यापार से भारत में प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में बहुत कम होती है। भारत में विदेशी व्यापार से प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में बहुत कम होती है।
- भारत का 95% विदेशी व्यापार समुद्री मार्ग द्वारा होता है, केवल नेपाल, बांगलादेश और पाकिस्तान के साथ-स्थल और नदियों के द्वारा व्यापार होता है।
- भारत का विदेशी व्यापार, व्यापारिक समझौतों के अनुसार होता है।
- वर्तमान समय में भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। परिणामस्वरूप, सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापार से भी भारत अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
- भारत का विदेशी व्यापार प्रधानतः कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, कोचीन, पाराद्वीप, कांडला तथा विशाखापट्नम बन्दरगाहों से होता है।
- भारत का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न नए-नए देशों में बढ़ता जा रहा है और नए-नए बाजार बनते जा रहे हैं।
प्रश्न 2.भारत में पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की सड़कों का विस्तृत विवरण दीजिए।
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग/ महामार्ग
(ii) राज्य राजमार्ग/ प्रांतीय राजमार्ग
(iii) जिला सड़कें
(iv) ग्रामीण सड़कें
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग/ महामार्ग- ये सड़कें देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियां, औद्योगिक नगरों तथा पत्तनों को आपस में जोड़ने का काम करता है। इस दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। वाराणसी, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बेंगलुरू एवं मदुरई होते हुए कन्याकुमारी तक इस राजमार्ग की लंबाई 2369 किमी. है।
देश में कुल 228 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई 66590 किमी. है। सड़कों की कुल लंबाई का यह मात्र 2% है जो यातायात के 40% भाग को ढोता है।
(ii) राज्य राजमार्ग/ प्रांतीय राजमार्ग- ये राज्य की राजधानी को विभिन्न जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों से जोड़ता है। यह राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जुड़ी हुई है। देश में ऐसे सड़कों की लम्बाई कुल सड़कों का मात्र 4% है।
(iii) जिला सड़कें- ये जिला मुख्यालय का संपर्क जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों, कस्बों और प्रखंड मुख्यालयों से कराती है। देश के कुल सड़कों में इनका हिस्सा 14% है।
(iv) ग्रामीण सड़कें- ग्रामीण क्षेत्रों को परस्पर जोड़ने के कारण ये सड़के काफी महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत देश की कुल सड़कों का 80% भाग शामिल है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत इनका विकास किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त शहरी सड़के एवं विभिन्न योजनाओं के तहत बनी सड़के भी है।
सीमांत सड़कें- राजनीतिक एवं सामरिक दृष्टि से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण आवश्यक है। भारत में इन सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव सीमा सड़क संगठन करता है। जिसका गठन 1960 में किया गया था। इन्हीं सड़कों के माध्यम से सीमा पर सैनिकों के लिए आवश्यक सामानों को भेजा जाता है। युद्ध के समय इन सड़कों का महत्व काफी अधिक हो जाती है।
- बड़ी मात्रा में खाद्यान्नों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों को आवश्यक स्थानों पर पहुँचाता है।
- व्यापारिक गतिविधियों की सूचनाओं का आदान प्रदान होता है जिससे व्यापार में सहायता मिलती है।
- बाढ़, तूफान, आतंकी गतिविधियों से संबंधित जानकारियां लोगों तक पहुँचाने एवं उन्हें इसके प्रति जागरूक अथवा सचेत करने में संचार के साधनों का उल्लेखनीय योगदान है।
- ये कच्चे माल को निर्माण स्थल पर एकत्र करते हैं।
- परिष्कृत उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाते हैं।
- यह देश की रक्षा में लगी हुई सेनाओं के लिए आहार, गोलाबारूद और अन्य आवश्यक सामानों की आपूर्ति करता है।
ठोस पदार्थों के परिवहन की दृष्टि से कुद्रेमुख-मंगलौर पाइपलाइन लौह अयस्क के लिये उदयपुर जिला स्थित महन की खानों से देबारी प्रगलक कारखाना तक रॉक फास्फेट सांद्र के परिवहन के लिए पाइपलाइन प्रसिद्ध है।
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