Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

BSEB CLASS 9

खण्ड (ब)अध्याय 10 आपदा प्रबंधन : एक परिचय

 खण्ड (ब) अध्याय 10 आपदा प्रबंधन : एक परिचय

बिहार बोर्ड के 9वीं कक्षा का भूगोल विषय का सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर

सरल एवं आसान शब्दों में उत्त देना सीखें



 

अध्याय 10 आपदा
वस्तुननिष्ठ प्रश्नोत्तर
 
1. आपदा प्रबंधन के प्रमुख घटक है- 
(i) आपदा के पूर्व वैयक्तिक स्तर पर तैयारी करना।
(ii) आपदा के पूर्व सामुदायिक स्तर पर तैयारी करना।
(iii) रोकथाम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना।
(iv) आपदा के संबंध में जानकारी नहीं रखना।
उत्तर- (ii) आपदा के पूर्व सामुदायिक स्तर पर तैयारी करना।
 
2. मानव जनित आपदा के प्रभाव को कम करने के कौन-से उपाय हैं?
(i) भूमि उपयोग की जानकारी नहीं रखना।
(ii) आपदारोधी भवन का निर्माण करना।
(iii) सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना।
(iv)  जोखिम क्षेत्रों में बसाव को बढ़ाना।
उत्तर- (iii) सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना।
 
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
 
1. आपदा प्रबंधन क्या है?
उत्तर – आपदा मानव जनित अथवा प्राकृतिक घटना है जिसका प्रभाव मानव जीवन के लिए त्रासदी लाता है। आपदा मानव जनित हो अथवा प्राकृतिक उनका प्रबंधन आवश्यक है। आपदा को पूर्णत: समाप्त कर देना लगभग असंभव है, लेकिन इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके प्रभाव को कम करने से त्रासदी का प्रभाव कम होता है और मरने वालों की संख्या कम होती है।
 
2. आपदा को कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाने चाहिए?
उत्तर – आपदा को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिए –
(i) जोखिम क्षेत्रों में मानव  बसाव को रोकना।
(ii) भूमि उपयोग की योजना तैयार करना। 
(iii) आपदा-रोधी भवनों का निर्माण करना।
(iv) आपदा आने से पहले जोखिम को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करना।
 
3. तुम आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों की किस प्रकार मदद करोगे?
उत्तर – हम आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों को आनेवाले विभिन्न प्रकार के आपदा के विषय में समझा सकते है, आपदा से घबराने से मना करेंगें। सभी लोगों को मिलजुल कर उससे बचाव का प्रयास करना चाहेंगें। हम अपने मित्रों एवं शिक्षकों की सहायता से इस काम में लग जायेंगें। अगर भवन की आवश्यकता हो तो विद्यालय भवन को राहत कार्य हेतु अपने शिक्षकों से अनुमति लेकर वहाँ लोगों को रहने की  व्यवस्था करेंगें  और  गाँव से सहयोग लेकर भोजन एवं चिकित्सा की भी व्यवस्था करेंगें।
 
4. विद्यालय द्वारा किस प्रकार आपदा प्रभावित लोगों को मदद पहुँचाया जा सकता है?
उत्तर –  आपदा के समय अगर भवन की आवश्यकता हो तो विद्यालय भवन को राहत कार्य हेतु उपयोग में लाया जा सकता है ताकि लोगों को रहने की  व्यवस्था हो सके और आपदा में फसें लोगों को बचाव व राहत सामाग्रियों  के वितरण  लिए छात्र दलों का भी सहयोग लिया जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
 
1. आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर – आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका निम्नलिखित है-  
(i) पूर्वानुमान के आधार ग्राम पंचायत से प्राप्त सूचनाओं को तत्काल लोगों तक पहुँचना।  
(ii) राहत शिविर का चयन और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य करना 
(iii) जिलास्तार पर सूचना भेजना।
(iv) अगर आगजनी है तो दमकल आदि की मांग प्रशानिक/थाना स्तर से करबाना।
(v) राहत कार्य प्रभावित लोगों को शिविरों में रखना एवं उनके भोजन की व्यवस्था करना। 
(vi) पेयजल तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करना। 
(vii) प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना।
(viii) सभी को सुरक्षा प्रदान करना खासकर छोटे बच्चों बूढों पर विशेष ध्यान।  
(ix) स्वच्छता का ख्याल रखना ताकि  कोई महामारी पंचायत में न फैल जाए।
 
2. आपदा प्रबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें।
उत्तर- भारत के प्रायः सभी क्षेत्रों में लगभग सालों भर प्राकृतिक अथवा मानवजनित आपदाओं का सैलाब देखने को मिलता है। हलाकि राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की कई योजनाएँ बनाई गई है। आपदा प्रबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा निम्नलिखित है-
◆ आपदा प्रबंधन के लिए प्रति वर्ष बजट में आकस्मिक निधि का प्रबंधन किया गया है। जिससे संकट के समय धनराशि की समस्या नहीं होती है।
◆ आपदा प्रबंधन हेतु प्रधानमंत्री राहत कोष का भी गठन किया गया है।
◆ आपदाओं की बारंबारता के क्षेत्र का मानचित्रीकरण किया जा रहा है। जिससे उसके क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सके।
◆ आपदा प्रबंधन में लगे हुए लोगों के लिए प्रशिक्षण का कार्य भी आवश्यक है। अतः उसके लिए अनेक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में आपदा प्रबंधन की पढ़ाई भी प्रारंभ की गई है

◆ आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण है। यह परामर्श दात्री के रूप में महत्वपूर्ण कार्य करता है।


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I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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