21. Cleaning of rivers (नदियों की सफाई)
Cleaning of rivers
(नदियों की सफाई)
नदियों की सफाई (Cleaning of rivers) एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे भारत में विशेष रूप से गंगा नदी की सफाई के संदर्भ में देखा जाता है।
नदियों की सफाई के लिए अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें मोटे तौर पर सरकारी, सामुदायिक और व्यक्तिगत प्रयास शामिल हैं। नमामि गंगे कार्यक्रम जैसी राष्ट्रीय योजनाएँ, नदियों को प्रदूषण से बचाने और उनके पुनर्जीवन पर केंद्रित हैं।
व्यक्तिगत स्तर पर, लोग नदियों में कचरा न डालकर, जल संरक्षण करके और पेड़-पौधे लगाकर नदियों को साफ रखने में योगदान कर सकते हैं।
नदियों की सफाई हेतु प्रमुख प्रयास
1. सरकारी प्रयास
भारत में नदियों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
(i) नमामि गंगे कार्यक्रम:-
यह प्रदूषण को कम करने, जल की गुणवत्ता में सुधार करने और नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को पुन: बहाल कर गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिये एक प्रमुख कार्यक्रम है।
⇒ इसे वर्ष 2014 में 20,000 करोड़ रुपए के बजट के साथ वर्ष 2021 तक की अवधि के लिये लॉन्च किया गया था।
⇒ वर्तमान में यह कार्यक्रम 22,500 करोड़ रुपए (कुल: 42,500 करोड़ रुपए) के साथ मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
(ii) गंगा कार्य योजना:-
गंगा कार्य योजना (Ganga Action Plan) वर्ष 1985 में शुरू की गई एक परियोजना थी जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार करना था।
⇒ इस योजना का प्रमुख पहल प्रदूषण को कम करना और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना था।
(iii) राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना:-
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में नदियों के प्रदूषण को कम करना और पानी की गुणवत्ता में सुधार करना है।
⇒ यह योजना गंगा नदी बेसिन को छोड़कर, देश की अन्य प्रमुख नदियों के प्रदूषणग्रस्त हिस्सों पर केंद्रित है।
⇒ NRCP के तहत, राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
(iv) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP):-
नदियों में प्रदूषण को कम करने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया है, जो सीवेज को साफ करके नदियों में छोड़ने से पहले उपचारित करते हैं।
(v) औद्योगिक अपशिष्ट उपचार:-
उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट को नदियों में छोड़ने से पहले उपचारित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। अर्थात औद्योगिक अपशिष्ट उपचार, औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलने वाले दूषित पानी को साफ करने की प्रक्रिया है ताकि इसे पर्यावरण में सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सके या पुन: उपयोग किया जा सके।
⇒ इसमें विभिन्न प्रकार की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है।
2. समुदायिक प्रयास
नदियों की सफाई एक महत्वपूर्ण सामुदायिक प्रयास है जिसमें स्थानीय लोगों, गैर सरकारी संगठनों और विभिन्न सरकारी एजेंसियों को मिलकर काम करना होता है। यह प्रयास नदियों के प्रदूषण को कम करने, जल की गुणवत्ता में सुधार करने और समुदायों के लिए स्वच्छ जल सुनिश्चित करने में काफी मदद करता है।
(i) स्वयंसेवी सफाई अभियान:-
इसके तहत लोग नदियों से कचरा उठाते हैं और जागरूकता फैलाते हैं।
(ii) जल संरक्षण अभियान:-
इसके तहत नदियों को साफ रखने के लिए जल संरक्षण का कार्य किया जाता है।
3. व्यक्तिगत प्रयास
नदियों की साफ-सफाई के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी कई प्रयास किए जा सकते हैं। जिसमें मुख्य रूप से इधर-उधर कचरा न फैलाना, पेड़-पौधे लगाना, जल संरक्षण का पालन करना, जागरूकता फैलाना और सफाई अभियानों में बढ़-चढ़कर भाग लेना शामिल है।
(i) कचरा न फैलाना:-
नदियों में कचरा न डालकर हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं।
(ii) पेड़ लगाना:-
पेड़-पौधे लगाने से मिट्टी का कटाव कम होता है और नदियों में गाद जमा होने से रोका जा सकता है।
(iii) जल संरक्षण का पालन करना:-
पानी का सीमित उपयोग करके हम नदियों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं।
(iv) जागरूकता फैलाना:-
नदियों के महत्व के बारे में दूसरों को जागरूक करना अर्थात् नदियों को साफ रखने के लिए हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करना होगा।
(v) सफाई अभियान:-
नदी के किनारे या आस-पास के क्षेत्रों में सफाई अभियान में हमेशा बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए। सभी छात्रों को अपने स्कूल, कॉलेज या समुदाय को भी किसी जल निकाय को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता हैं।
निष्कर्ष:
इस प्रकार निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि नदियों की सफाई करना एक जटिल समस्या है, इसके लिए सभी जनता के सहयोग और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। सरकार, औद्योगिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और आम जनता को मिलकर काम करना होगा ताकि हमारी नदियाँ साफ और स्वस्थ हो सकें।