Chapter 12 World Climate and Climate Change (विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन)
Chapter 12 World Climate and Climate Change
(विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन)
(भाग – 1 : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत)

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा साल विश्व का सबसे गर्म साल माना गया है।
(क) 1990
(ख) 1998
(ग) 1885
(घ) 1950
उत्तर- (ख) 1998
व्याख्या:
1998 में बहुत मजबूत एल नीनो घटना हुई थी, और उस समय इसे अब तक का सबसे गर्म वर्ष माना जाता था।
(ii) नीचे लिखे गए चार जलवायु के समूहों में से कौन-सा समूह आर्द्र दशाओं को प्रदर्शित करता है।
(क) A-B-C-D
(ख) A-C-D-E
(ग) B-C-D-E
(घ) A-C-D-F
उत्तर- (ख) A-C-D-E
व्याख्या:
कोपेन (Köppen) जलवायु वर्गीकरण में-
⇒ A = उष्ण आर्द्र जलवायु (Humid Tropical)
⇒ C = समशीतोष्ण आर्द्र जलवायु (Humid Temperate)
⇒ D = शीतोष्ण आर्द्र जलवायु (Humid Continental)
⇒ E = ध्रुवीय जलवायु (Polar) – यह शुष्क नहीं मानी जाती, बल्कि ठंडी एवं सामान्यतः आर्द्र श्रेणी में रखी जाती है।
इसलिए A, C, D, E जलवायु समूह आर्द्र दशाओं को प्रदर्शित करते हैं।
अतः सही विकल्प है (ख) A–C–D–E।
(iii) निम्नलिखित में किस प्रकार के क्षेत्र में कोपेन की H जलवायु पायी जाती है?
(क) उच्च अक्षांश
(ख) उच्च पर्वतीय क्षेत्र
(ग) उच्च तापमान
(घ) अधिक वर्षा
उत्तर- (ख) उच्च पर्वतीय क्षेत्र
व्याख्या:
कोपेन की H जलवायु Highland Climate (उच्च पर्वतीय जलवायु) को दर्शाती है। यह उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहाँ ऊँचाई अधिक होती है और तापमान ऊँचाई के साथ कम हो जाता है। इसलिए इसका संबंध अक्षांश या सामान्य तापमान से नहीं, बल्कि ऊँचाई (Altitude) से होता है।
इसलिए सही विकल्प है → (ख) उच्च पर्वतीय क्षेत्र
(iv) कोपेन द्वारा जलवायु वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
(क) तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान
(ख) वृष्टि एवं वाष्पीकरण के मासिक मान
(ग) निरपेक्ष एवं सापेक्ष आर्द्रता के मासिक मान
(घ) वाष्पोत्सर्जन के मासिक मान
उत्तर- (क) तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान
व्याख्या:
कोपेन (Köppen) का जलवायु वर्गीकरण मुख्यतः दो प्रमुख तत्वों पर आधारित है-
1. तापमान के मासिक औसत
2. वृष्टि (Rainfall) के मासिक औसत
इन्हीं दोनों के आधार पर विश्व की जलवायु को विभिन्न प्रमुख व उप-प्रकारों में बाँटा गया है। इसलिए विकल्प (क) सही है।
(v) कोपेन के A प्रकार की जलवायु के लिए निम्न में से कौन-सी दशा अर्हक हैं?
(क) सभी महीनों में उच्च वर्षा
(ख) सबसे ठंडे महीने का औसत मासिक तापमान हिमांक बिंदु से अधिक
(ग) सभी महीनों का औसत मासिक तापमान 18° सेल्सियस से अधिक
(घ) सभी महीनों का औसत तापमान 10° सेल्सियस से नीचे
उत्तर- (क) सभी महीनों में उच्च वर्षा
कारण (Köppen A-type Climate – Tropical Climate):
Köppen की जलवायु वर्गीकरण में A प्रकार (Tropical Climate) की मुख्य अर्हक (criterion) है- सबसे ठंडे महीने का औसत तापमान भी 18°C से अधिक होना चाहिए।
यही कथन विकल्प (ग) में दिया गया है (सभी महीनों का तापमान 18°C से अधिक)।
(vi) जलवायु के वर्गीकरण से संबंधित कोपेन की पद्धति को व्यक्त किया जा सकता है-
(क) अनुप्रयुक्त
(ख) व्यवस्थित
(ग) जननिक
(घ) आनुभविक
उत्तर- (घ) आनुभविक
व्याख्या:
कोपेन की जलवायु वर्गीकरण पद्धति आनुभविक (Empirical) है, क्योंकि यह तापमान और वर्षा के वास्तविक (observed) मासिक आँकड़ों पर आधारित होती है।
(vii) भारतीय प्रायद्वीप के अधिकतर भागों को कोपेन की पद्धति के अनुसार वर्गीकृत किया जायेगा-
(क) “Af”
(ख) “BSh”
(ग) “Cfb”
(घ) “Am”
उत्तर- (ख) “BSh”
व्याख्या:
भारतीय प्रायद्वीप का अधिकांश भाग (विशेषकर दक्कन पठार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि) अर्ध-शुष्क और उष्णकटिबंधीय स्टेपीय (Semi-arid) स्थितियों वाला है, जिसे कोपेन के “BSh” जलवायु प्रकार में रखा जाता है।
अन्य विकल्प क्यों नहीं:
- Af – भूमध्यरेखीय सदाबहार वर्षावन जलवायु → भारत में केवल अंडमान-निकोबार व पश्चिमी घाट के कुछ भाग।
- Cfb – सागरीय/नम-समशीतोष्ण जलवायु → भारत में शिलांग तथा ऊँचे पहाड़ी भागों में सीमित।
- Am – मानसूनी जलवायु → केवल पश्चिमी घाट और तटीय क्षेत्रों में प्रमुख, प्रायद्वीप के “अधिकांश” भाग में नहीं।
इसलिए सही विकल्प BSh है।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) जलवायु के वर्गीकरण के लिए कोपेन के द्वारा किन दो जलवायविक चरों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर- कोपेन ने जलवायु के वर्गीकरण के लिए मुख्यतः दो जलवायविक चरों का प्रयोग किया है-
1. तापमान (Temperature)
2. वर्षा/वृष्टि (Precipitation)
इन्हीं दोनों के मासिक मानों के आधार पर विश्व की विभिन्न जलवायु प्रकार निर्धारित किए गए हैं।
उत्तर- जननिक प्रणाली (Genetic classification) जलवायु को नियंत्रित करने वाले कारणों जैसे वायुमंडलीय परिसंचरण, दाब पद्धतियाँ और ऊष्मा कारक के आधार पर वर्गीकृत करती है। जबकि आनुभाविक (Empirical) प्रणाली वास्तविक अवलोकित आँकड़ों- तापमान, वर्षा, आर्द्रता आदि पर आधारित होती है। इसलिए एक कारण आधारित है, दूसरी आँकड़ा आधारित।
(iii) किस प्रकार की जलवायुओं में तापांतर बहुत कम होता है?
उत्तर- उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु में वार्षिक तापांतर बहुत कम तथा वर्षा अधिक होती है। इस प्रकार की जलवायु मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच पाई जाती है।
(iv) सौर कलंकों में वृद्धि होने पर किस प्रकार की जलवायविक दशाएँ प्रभावित होंगी?
उत्तर- सौर कलंकों में वृद्धि होने पर सूर्य से आने वाला विकिरण थोड़ा बढ़ जाता है, जिससे पृथ्वी पर तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। इससे मौसमी पैटर्न, मानसूनी वर्षा, समुद्री धाराएँ और वायुमंडलीय परिसंचरण जैसे जलवायविक तत्व प्रभावित होते हैं, जिससे जलवायु में अल्पकालिक परिवर्तन दिखाई देते हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
(i) A एवं B प्रकार की जलवायुओं की जलवायविक दशाओं की तुलना करें।
उत्तर- A तथा B प्रकार की जलवायुओं की तुलना
कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में A-प्रकार (उष्णकटिबंधीय जलवायु) तथा B-प्रकार (शुष्क जलवायु) दो अत्यंत भिन्न जलवायविक क्षेत्र हैं।
A-प्रकार जलवायु में पूरे वर्ष उच्च तापमान पाया जाता है तथा सभी महीनों में औसत तापमान 18°C से अधिक रहता है। यहाँ वर्षा प्रचुर मात्रा में होती है, विशेषकर भूमध्य रेखा के निकट इन क्षेत्रों में 150–300 सेमी तक वार्षिक वर्षा मिलती है। नमी अधिक होने के कारण वनस्पति सघन होती है और वर्षा व तापमान दोनों का मौसमी अंतर कम होता है।
इसके विपरीत B-प्रकार जलवायु को शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों की जलवायु कहा जाता है। यहाँ वर्षा बहुत कम (25–50 सेमी या उससे भी कम) होती है और वाष्पीकरण की दर वर्षा से बहुत अधिक रहती है। तापमान का दैनिक तथा वार्षिक अंतर काफी बड़ा पाया जाता है। वनस्पति विरल होती है और मरुस्थलीय परिस्थितियाँ प्रमुख रहती हैं।
इस प्रकार, A-प्रकार गर्म-नम और B-प्रकार गर्म-शुष्क जलवायु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
(ii) C एवं A प्रकार की जलवायु में आप किस प्रकार की वनस्पति पाएंगे?
उत्तर- कोपेन के A (उष्णकटिबंधीय) तथा C (समशीतोष्ण) प्रकार की जलवायु में पाई जाने वाली वनस्पति उनके तापमान और वर्षा के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है।
A प्रकार (उष्णकटिबंधीय जलवायु) में वर्ष भर उच्च तापमान (18°C से अधिक) तथा प्रचुर वर्षा होती है। यहाँ घने उष्णकटिबंधीय वर्षावन, सदाबहार वृक्ष, महोगनी, आबनूस, रबर, नारियल, बांस, पाम आदि प्रमुख हैं। कुछ क्षेत्रों में मानसूनी प्रभाव के कारण उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन भी मिलते हैं, जिनमें साल, सागौन, बबूल, जामुन आदि पाए जाते हैं।
C प्रकार (समशीतोष्ण मृदु जलवायु) में तापमान मध्यम होता है और वर्षा पूरे वर्ष या मुख्यतः सर्दियों में होती है। यहाँ समशीतोष्ण मिश्रित वन, पर्णपाती वृक्ष, ओक, बीच, मेपल, पॉपलर जैसे वृक्ष प्रमुख होते हैं। भूमध्यसागरीय क्षेत्रों (Csa/Csb) में कठोर पत्तों वाले सख्त-पर्णी झाड़ीदार वन (स्क्लेरोफिलस वन) और ऑलिव, पाइंस जैसी प्रजातियाँ मिलती हैं।
इस प्रकार, A जलवायु में घने उष्णकटिबंधीय वन जबकि C जलवायु में मिश्रित और पर्णपाती समशीतोष्ण वनस्पति पाई जाती है।
(iii) ग्रीन हाउस गैसों से आप क्या समझते हैं? ग्रीन हाउस गैसों की एक सूची तैयार करें।
उत्तर- ग्रीन हाउस गैसें (Greenhouse Gases) वे गैसें हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में उपस्थित होकर सूर्य से आने वाली ऊष्मा को अवशोषित करती हैं और पुनः विकिरित करती हैं। इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ा रहता है, जिसे ग्रीनहाउस प्रभाव कहा जाता है।
ये गैसें प्राकृतिक रूप से भी बनती हैं और मानव गतिविधियों जैसे जीवाश्म ईंधन का दहन, कृषि, उद्योग और वनों की कटाई से अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती हैं। ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि वैश्विक तापन (Global Warming) और जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण है, जिसके परिणामस्वरूप समुद्र स्तर में वृद्धि, सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम घटनाएँ बढ़ रही हैं।
ग्रीन हाउस गैसों की सूची:
1. कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
2. मीथेन (CH₄)
3. नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O)
4. ओजोन (O₃)
5. क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs)
6. जलवाष्प (H₂O)
