खण्ड (अ) अध्याय 6 जनसंख्या
बिहार बोर्ड के 9वीं कक्षा का भूगोल विषय का सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर
सरल एवं आसान शब्दों में उत्तर देना सीखें
वस्तुननिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. भारत में सर्वाधिक साक्षरता दर किस राज्य की है?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) महाराष्ट्र
(ग) बिहार
(घ) केरल
उत्तर- (घ) केरल
2. भारत की औसत आयु संरचना क्या है?
(क) 64.6 वर्ष
(ख) 64.9 वर्ष
(ग) 81.6 वर्ष
(घ) 70.2 वर्ष
उत्तर- (क) 64.6 वर्ष (2001)
3. 2001 ई० की जनगणना में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं के अनुपात की क्या स्थिति है?
(क) 927 महिलाएँ
(ख) 990 महिलाएँ
(ग) 933 महिलाएँ
(घ) 1010 महिलाएँ
उत्तर- (ग) 933 महिलायें
4. भारत का औसत जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग कि०मी० क्या है?
(क) 318 व्यक्ति
(ख) 325 व्यक्ति
(ग) 302 व्यक्ति
(घ) 288 व्यक्ति
उत्तर – (ख) 325 व्यक्ति
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. 1951 ई० में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर – 1951 ई० में भारत की जनसंख्या 361 लाख थी।
2. भारत में 2001 ई० में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत क्या था?
उत्तर – भारत में 2001 ई० में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 27.78 था।
3. केरल में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या क्या है?
उत्तर – केरल में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1058 है । (जनगणना 2001 के अनुसार)
4. भारत की साक्षरता दर का वर्णन करें।
उत्तर – साक्षरता जनसंख्या का बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधनात्मक गुण होता है। स्पष्टत: केवल एक शिक्षित और जागरूक नागरिक ही बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय ले सकता है तथा शोध एवं विकास के कार्यों को कर सकता है। साक्षरता स्तर में कमी आर्थिक प्रगति में गंभीर बाधक होता है।
भारत की साक्षरता के स्तर में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है 2001 ई० की जनगणना के अनुसार देश की साक्षरता दर 64.84% पुरुषों का 73% एवं महिलाओं की 53.67% है। परंपरागत मान्यताओं के कारण महिलाओं की साक्षरता दर कम है। लेकिन इसमें तेजी से सुधार हो रहा है।
5. भारत के लिंग अनुपात की विशेषताओं को बताएँ।
उत्तर – प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को लिंग अनुपात कहा जाता है। यह जानकारी किसी दिए गए समय में, समाज में पुरुषों एवं महिलाओं के बीच समानता की सीमा मापने के लिए एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक सम्यक है। देश में लिंग अनुपात महिलाओं के पक्ष में नहीं है। सन 1951 से 2001 के बीच के लिंग अनुपात की सारणी इस प्रकार है-
जनगणना वर्ष लिंग अनुपात
1951 – 946
1961 – 941
1971 – 930
1981 – 934
1991 – 929
2001 – 933
भारत में लिंग अनुपात 1951-2001
6. जनगणना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – एक निश्चित समय अंतराल की आधिकारिक गणना को जनगणना कहते हैं। भारत में सबसे पहले 1872 ई० में जनगणना की गई थी। सन 1881 में पहली बार संपूर्ण जनगणना की गई थी। उसी समय से प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना होती है। भारतीय जनगणना जनसांख्यिकी, समसामयिक तथ्यों तथा आर्थिक आँकड़ों का सबसे बड़ा स्रोत है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. भारत की जनसंख्या वृद्धि की विशेषताओं को बताएँ।
उत्तर – भारत की जनसंख्या वृद्धि की विशेषताएँ मुख्यतः चार हैं-
(i) जन्मदर
(ii) मृत्युदर
(iii) प्रवास तथा
(iv) व्यावसायिक संरचना।
(i) जन्मदर- एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जितने बच्चों का जन्म होता है, उसे जन्मदर कहते हैं। यह जनसँख्या वृद्धि का एक प्रमुख घटक है क्योंकि भारत में हमेशा जन्मदर मृत्युदर से अधिक रहा है। भारत की आबादी 1951 में 36 करोड़ 10 लाख से बढ़कर 2011 में 1 अरब 21 करोड़ हो गई।
(ii) मृत्युदर- एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों के मरने की संख्या को मृत्युदर कहा जाता है। मृत्युदर में तेजी से गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का प्रमुख कारण है। 1980 तक उच्च जन्मदर में धीमी गति से एवं मृत्युदर में तीव्र गति से गिरावट के कारण जन्मदर और मृत्युदर में काफी बड़ा अन्तर आ गया है । इसके कारण जनसंख्या में विस्फोट हो गया।
(iii) प्रवास- लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। प्रवास केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि उम्र एवं लिंग के वृद्धि में ग्रामीण-नगरीय प्रवास के कारण शहरों तथा नगरों की जनसंख्या में नियमित वृद्धि हुई है। 1951 में कुल जनसंख्या की 17.29% नगरीय जनसंख्या थी, जो 2011 में बढ़ कर 37.8% हो गई।
(iv) व्यावसायिक संरचना- आर्थिक रूप से क्रियाशील जनसंख्या का प्रतिशत विकास का एक महत्त्वपूर्ण सूचक है। विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के आर्थिक वितरण को व्यावसायिक संरचना कहते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है अत: 64% जनसंख्या गाँवों में कृषि कार्य पर आधारित है। शहरों में जीविका-निर्वाह के साधनों के बढ़ने से सुरक्षा के ख्याल से भी नगरों की संख्या बढ़ रही है।
2. भारत के विषम जनसंख्या घनत्व वर्णन कीजिए।
उत्तर – जनसंख्या घनत्व का तात्पर्य भूमि के प्रति इकाई पर आधिवासिस होने वाली जनसंख्या है। भारतीय जनगणना विभाग द्वारा स्तरीय मापक के रूप में प्रति वर्ग किलोमीटर को एक इकाई माना गया है। इस दृष्टि से भारत की जनगणना 2001 के अनुसार भारत का औसत जनसंख्या घनत्व 325 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। लेकिन इसमें भारी विषमता है। मैदानी राज्यों में सर्वाधिक घनत्व है। तटीय राज्यों में भी काफी घनत्व है। लेकिन इसमें भारी वविषमता है। मैदानी राज्यों में आदिवासी आर्थिक संरचनात्मक सुविधा की कमी के कारण, कम घनत्व पाए जाते हैं। पठारी राज्यों में सामान्य घनत्व की स्थिति है।
भारतीय राज्यों में सर्वाधिक घनत्व पश्चिम बंगाल का है। यहाँ औसतन प्रति वर्ग किलोमीटर 904 व्यक्ति रहते हैं। इसके बाद क्रमशः बिहार(881), केरल(819), का स्थान आता है। सबसे कम घनत्व अरुणाचल प्रदेश अर्थात पर्वतीय राज्य का है जहां औसत घनत्व मात्र 13 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेशों को सम्मिलित कर देखा जाए तो सर्वाधिक दिल्ली में है। यह 9340 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। लेकिन सबसे कम घनत्व अरुणाचल प्रदेश में ही है। केंद्र शासित प्रदेशों में निकोबार द्वीप समूह का घनत्व 34 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।