Unique Geography Notes हिंदी में

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Chapter 13 Oceanic Water (महासागरीय जल)

Chapter 13 Oceanic Water

(महासागरीय जल)

(भाग – 1 : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत)



Chapter 13 Oceanic Water

 

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर

(i) उस तत्त्व की पहचान करें जो जलीय चक्र का भाग नहीं है

(क) वाष्पीकरण

(ख) वर्षण

(ग) जलयोजन

(घ) संघनन

उत्तर- (ग) जलयोजन

व्याख्या-

जलीय चक्र (Water Cycle) के मुख्य तत्व हैं-

⇒ वाष्पीकरण (Evaporation)

⇒ संघनन (Condensation)

⇒ वर्षन (Precipitation)

  लेकिन जलयोजन (Hydration) जल चक्र की प्रक्रिया का भाग नहीं है। यह एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ पानी के साथ मिलकर हाइड्रेट बनाता है। इसलिए (ग) सही विकल्प है।

(ii) महाद्वीपीय ढाल की औसत गहराई निम्नलिखित के बीच होती है-

(क) 2-20 मीटर

(ख) 20-200 मीटर

(ग) 200-2,000 मीटर

(घ) 2,000-20,000 मीटर

उत्तर- (ख) 20-200 मीटर

व्याख्या:

   महाद्वीपीय ढाल (Continental Shelf) समुद्री तल का वह भाग है जो महाद्वीप के किनारे से धीरे-धीरे ढलान बनाते हुए समुद्र की ओर बढ़ता है। इसकी औसत गहराई सामान्यतः 20 से 200 मीटर के बीच होती है। इसके बाद ढाल अचानक अधिक ढलान वाली बनकर महाद्वीपीय ढालान (Continental Slope) में परिवर्तित हो जाती है।

(iii) निम्नलिखित में से कौन की लघु उच्चावच आकृति महासागरों में नहीं पाई जाती है?

(क) समुद्री टीला

(ख) महासागरीय गंभीर

(ग) प्रवाल द्वीप

(घ) निमग्न द्वीप

उत्तर- (ग) प्रवाल द्वीप

व्याख्या:

   प्रश्न में पूछा गया है कि कौन-सी “लघु उच्चावच आकृति” महासागरों में नहीं पाई जाती है?

⇒ महासागरीय गंभीर (Ocean Trench) बहुत बड़ी एवं विशाल आकृति होती है, न कि लघु उच्चावच।

⇒ शेष तीन (समुद्री टीला, प्रवाल द्वीप, निमग्न द्वीप) अपेक्षाकृत छोटे समुद्री भू-आकृतियों में गिने जाते हैं।

    इसलिए महासागरीय गंभीर यहाँ उपयुक्त उत्तर है।

(iv) निम्न में से कौन-सा सबसे छोटा महासागर है?

(क) हिंद महासागर

(ख) अटलांटिक महासागर

(ग) आर्कटिक महासागर

(घ) प्रशांत महासागर

उत्तर- (ग) आर्कटिक महासागर

व्याख्या:

    आर्कटिक महासागर पृथ्वी का सबसे छोटा और सबसे उथला महासागर है। यह उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित है और अन्य सभी महासागरों की तुलना में आकार में सबसे छोटा होता है।

(v) लवणता को प्रति समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम) की मात्रा से व्यक्त किया जाता है-

(क) 10 ग्राम

(ख) 100 ग्राम

(ग) 1,000 ग्राम

(घ) 10,000 ग्राम

उत्तर- (ग) 1,000 ग्राम

व्याख्या:

    लवणता (Salinity) को प्रति 1,000 ग्राम (अर्थात् 1 किलोग्राम) समुद्री जल में घुले हुए कुल नमक की मात्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है।

   इसे “Parts per thousand (‰)” में भी मापा जाता है। सामान्य समुद्री जल की लवणता लगभग 35‰ होती है, जिसका अर्थ है — 1,000 ग्राम समुद्री जल में लगभग 35 ग्राम नमक।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

(i) हम पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?

उत्तर- पृथ्वी को नीला ग्रह इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी सतह का लगभग 71% भाग जल से ढका है। अंतरिक्ष से देखने पर महासागरों का नीला रंग स्पष्ट दिखाई देता है, जिससे पृथ्वी अन्य ग्रहों की तुलना में नीली चमकती हुई दिखती है।

(ii) महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है?

उत्तर- महाद्वीपीय सीमांत वह भाग है जहाँ महाद्वीप समुद्र में धीरे-धीरे ढलान के रूप में समाप्त होता है। इसमें महाद्वीपीय शेल्फ, महाद्वीपीय ढाल और महाद्वीपीय उठान शामिल होते हैं। यह क्षेत्र जैव विविधता, खनिज संसाधनों और समुद्री जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

(iii) विभिन्न महासागरों के सबसे गहरे गर्तों की सूची बनाइए।

उत्तर- ये महासागरों के सबसे गहरे भाग होते हैं। अभी तक लगभग 57 गर्तों को खोजा गया है, जिसमें से 32 प्रशांत महासागर में, 19 अटलांटिक महासागर में एवं 6 हिंद महासागर में हैं।

     विभिन्न महासागरों के सबसे गहरे गर्त इस प्रकार हैं-

⇒ प्रशांत महासागर: मैरियाना गर्त (चैलेंजर डीप) – लगभग 11,000 मीटर

⇒ अटलांटिक महासागर: प्यूर्टो रिको गर्त – लगभग 8,376 मीटर

⇒ हिंद महासागर: जावा या सुंडा गर्त  – लगभग 7,725 मीटर

⇒ आर्कटिक महासागर: मोलॉय डीप – लगभग 5,550 मीटर

(iv) ताप प्रवणता क्या है?

उत्तर- समुद्र में ताप प्रवणता (Thermocline) वह परत होती है जिसमें गहराई बढ़ने के साथ तापमान तेजी से घटता है। यह सतह के गर्म जल और नीचे के ठंडे जल के बीच स्थित संक्रमण क्षेत्र है। यहाँ तापमान में तेज गिरावट समुद्री जल के घनत्व और धाराओं को प्रभावित करती है।

(v) समुद्र में नीचे जाने पर आप ताप की किन परतों का सामना करेंगे? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है?

उत्तर- समुद्र में नीचे जाने पर तीन ताप-परतें मिलती हैं- ऊपरी ऊष्मीय परत, थर्मोक्लाइन, और गहरी शीतल परत। गहराई बढ़ने पर सूर्य का प्रकाश कम पहुँचता है, ऊष्मा अवशोषण घटता है तथा दाब बढ़ता है, इसलिए तापमान क्रमशः घटता जाता है और गहरे जल में स्थायी ठंडक रहती है।

(vi) समुद्री जल की लवणता क्या है?

उत्तर- समुद्री जल की लवणता से तात्पर्य प्रति किलोग्राम समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा से है। सामान्यतः समुद्री जल की औसत लवणता लगभग 35‰ (35 ग्राम प्रति किलोग्राम) होती है। यह वाष्पीकरण, वर्षा, नदी-जल प्रवाह तथा तापमान के अनुसार स्थान-स्थान पर बदलती रहती है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

(i) जलीय चक्र के विभिन्न तत्त्व किस प्रकार अंतर-संबंधित हैं?

उत्तर- जलीय चक्र, जिसे जल चक्र भी कहा जाता है, पृथ्वी पर जल के निरंतर संचरण की प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसके विभिन्न तत्त्व- वाष्पीकरण, संघनन, वर्षण, अवक्षण, प्रवाह, भू-जल पुनर्भरण तथा वाष्पोत्सर्जन आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं।

    सबसे पहले सूर्य की ऊर्जा महासागरों, नदियों और झीलों के जल को गरम करती है, जिससे वाष्पीकरण होता है। पौधों द्वारा पत्तियों से जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। वायुमंडल में उठी जल-वाष्प ठंडी होकर संघनन के रूप में बादलों का निर्माण करती है। बादलों में नमी की अधिकता होने पर वर्षण (बारिश, हिमपात या ओलावृष्टि) पृथ्वी की सतह पर गिरता है।

     वर्षा का जल दो मार्गों से आगे बढ़ता है-  कुछ भाग सतह से बहते हुए नदियों, झीलों और समुद्रों में पहुँच जाता है, जिसे सतही प्रवाह कहा जाता है। शेष जल भूमि में समा कर भू-जल पुनर्भरण करता है, जो बाद में सोतों, कुओं और नदियों के माध्यम से सतह पर वापस आता है।

      ये सभी तत्त्व एक निरंतर चक्र बनाते हैं जिसमें किसी एक प्रक्रिया में परिवर्तन अन्य प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। इस प्रकार जलीय चक्र पृथ्वी के जल-संतुलन, जल उपलब्धता, जलवायु नियंत्रण और जीवन के संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

(ii) महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का निरीक्षण कीजिए।

उत्तर- महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक

1. अक्षांश (Latitude):-

    भूमध्य रेखा के निकट सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान अधिक होता है, जबकि ध्रुवों की ओर तापमान घटता जाता है। इसलिए तापमान का सबसे प्रमुख नियंत्रक अक्षांश है।

2. समुद्री धाराएँ (Ocean Currents):-

    गर्म धाराएँ (जैसे गल्फ स्ट्रीम) तटीय क्षेत्रों का तापमान बढ़ाती हैं, जबकि ठंडी धाराएँ (जैसे लैब्रेडोर करंट) तापमान कम कर देती हैं। इससे महासागर का क्षैतिज तापमान वितरण बदल जाता है।

3. वायु की दिशा एवं पवन प्रणाली (Wind System):-

    पवनें गर्म या ठंडी सतही जलराशि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं, जिससे सतही तापमान में परिवर्तन होता है।

4. गहराई (Depth):-

    गहराई बढ़ने पर सूर्य का प्रकाश कम मिलता है, इसलिए तापमान तेजी से घटता है। सतह पर तापमान सर्वाधिक तथा 1,000 मीटर से नीचे लगभग स्थिर रहता है।

5. भूमि-महासागर वितरण (Distribution of Land & Water):-

    भूमि के असमान वितरण के कारण उत्तरी गोलार्ध में तापमान असंतुलन अधिक पाया जाता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में महासागरीय विस्तार अधिक होने से तापमान अपेक्षाकृत संतुलित रहता है।

6. लवणता (Salinity):-

     अधिक लवणता वाली जलराशि घनी होती है और ताप को तेजी से अवशोषित करती है, जिससे तापमान में अंतर देखा जाता है।

7. सौर ऊष्मा का मौसमी परिवर्तन (Seasonal Changes):-

    ग्रीष्म में तापमान बढ़ता है और शीत ऋतु में घटता है, जिससे सतही तापमान में क्षेत्रीय भिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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