Unique Geography Notes हिंदी में

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Environmental Geography (पर्यावरण भूगोल)

21. Heat Island (उष्मा द्वीप)

Heat Island

(उष्मा द्वीप)



परिभाषा :-

          नगरीय क्षेत्र ऐसे स्थान होते हैं जिसका तापमान ग्रामीण क्षेत्रों के तापमान से प्राय: अधिक देखने को मिलता है। इस घटना को “नगरीय उष्मा द्वीप” कहा जाता है। यह मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों और नगरीय वातावरण में बड़े-बड़े बहुमंजिले इमारतों, सड़कों और अन्य सतहों द्वारा गर्मी को अवशोषित और धारण करने के कारण होता है

नगरीय ऊष्मा द्वीप के मुख्य कारण:

          नगरीय ऊष्मा द्वीप के मुख्य कारण निम्नलिखित है-

(i) नगरीकरण:-

      नगरीकरण से पेड़-पौधे और हरियाली घटती है, जिससे प्राकृतिक शीतलन (छायांकन व वाष्पोत्सर्जन) कम हो जाता है नगरों में बड़ी-बड़ी और ऊँचे इमारतों, सड़कों और अन्य पक्के सतहों की अधिकता होती है, जो सूर्य की गर्मी को अवशोषित करती हैं और इसे धीरे-धीरे छोड़ती हैं जिससे शहरी वातावरण ग्रामीण वातावरण के अपेक्षा अधिक गर्म हो जाते है

(ii) मानवीय गतिविधियाँ:-

      वाहन, एयर कंडीशनर और औद्योगिक गतिविधियाँ गर्मी उत्पन्न करती हैं, जो ग्रीनहाउस गैसों के कारण फंस जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा नगरों में यातायात, एयर कंडीशनर, औद्योगिक गतिविधियाँ और ऊर्जा का अधिक उपयोग होता हैं

(iii) हरियाली की कमी:

     नगरीय क्षेत्रों में पेड़ों और अन्य पौधों की कमी होती है, जो गर्मी को अवशोषित करने में मदद करते हैं

(iv) ऊंची इमारतें:

       ये हवा की गति को कम करती हैं, जिससे गर्म हवा फंसी रहती है और उष्मा को रोक देती हैं जिससे तापमान और बढ़ जाता है

(v) सतह का रंग:

         अंधेरी सतहें, जैसे कि कंक्रीट और एस्फाल्ट, सूर्य की गर्मी को अधिक अवशोषित करती हैं

नगरीय ऊष्मा द्वीप के प्रभाव

        नगरीय ऊष्मा द्वीप का प्रभाव नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के तापमान के बीच अंतर में वृद्धि है। इसका मतलब है कि शहर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं। यह प्रभाव मुख्य रूप से नगरीकरण के कारण होता है, जिसमें बहुमंजीले इमारतों, सड़कों और अन्य कठोर सतहों की वृद्धि होती है जो सूर्य की गर्मी को अवशोषित करती हैं और फिर उसे उत्सर्जित करती हैं, जिससे शहर के तापमान में वृद्धि होती है।

     नगरीय ऊष्मा द्वीप के प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित है-

(i) स्वास्थ्य पर प्रभाव:-

    उच्च तापमान लोगों को बीमार कर सकता है, खासकर गर्मी के दिनों में लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है

⇒ उच्च तापमान के कारण लू लगना, निर्जलीकरण, थकावट और गर्मी से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

⇒ श्वसन संबंधी समस्याओं में वृद्धि हो सकती है।

⇒ तापघात के कारण मृत्यु दर बढ़ सकती है।

(ii) पर्यावरण पर प्रभाव:-

वायु प्रदूषण: नगरीय ऊष्मा द्वीप ओजोन और अन्य प्रदूषकों के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे वायु की गुणवत्ता कम हो जाती है।

जल प्रदूषण: शहरी जलमार्गों में तापमान में वृद्धि से पानी में जैव विविधता कम हो सकती है।

ऊर्जा की मांग में वृद्धि: एयर कंडीशनिंग और अन्य कूलिंग उपकरणों की मांग में वृद्धि के कारण ऊर्जा की खपत बढ़ती है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि होती है।

⇒ जलवायु परिवर्तन: नगरीय ऊष्मा द्वीप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन को तेज कर सकता है।

(iii) आर्थिक प्रभाव:-

⇒ ऊर्जा की खपत में वृद्धि से बिजली की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

⇒ गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज पर खर्च बढ़ सकता है।

⇒ शहरीकरण के कारण बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च हो सकता है।

(iv) उच्च तापमान:-

   नगरीय क्षेत्रों में तापमान ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक हो सकता है, खासकर रात में क्योंकि पार्थिव विकिरण काफी अधिक उत्सर्जित होती है

(v) ऊर्जा की अधिक खपत:-

    उच्च तापमान के कारण एयर कंडीशनिंग और अन्य ऊर्जा-संवर्धक उपकरणों की आवश्यकता अधिक हो जाती है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा नगरों में उर्जा की खपत अधिक होती है

(vi) वायु प्रदूषण:-

   नगरीय क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर भी अधिक हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

अन्य प्रभाव:-

⇒ नगरीय क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ सकती है, जिससे जल की उपलब्धता कम हो सकती है।

⇒ नगरीय क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के कारण गर्मी से संबंधित बीमारियों की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

⇒ नगरीय ऊष्मा द्वीप के कारण इमारतों और अन्य संरचनाओं पर तापीय तनाव बढ़ सकता है।

नगरीय ऊष्मा द्वीप को कम करने के उपाय:-

(i) हरियाली बढ़ाना:-

    पेड़ों और अन्य पौधों को लगाकर शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ावा देना। पार्क, उद्यान और हरे रंग की छतें (ग्रीन रूफ) शहरों में तापमान कम करने में मदद करते हैं। पेड़ छाया प्रदान करते हैं, हवा का तापमान कम करते हैं और शहरी तापमान को कम करने में मदद करते हैं।

(ii) ऊष्मा-प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग:-

     इमारतों और सड़कों के निर्माण में ऊष्मा-प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग करना। हल्के रंग के फुटपाथ और सड़कें सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके और गर्मी को अवशोषित करके तापमान को कम करने में मदद करते हैं

(iii) ऊर्जा दक्षता बढ़ाना:-

     ऊर्जा का उपयोग कम करना और ऊर्जा-संवर्धक उपकरणों का उपयोग करना। ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देकर शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा की खपत कम हो सकती है, जिससे गर्मी का उत्सर्जन कम होगा. 

(iv) वाहन प्रदूषण कम करना:-

      लोगों को जागरूक करके वाहनों का उपयोग कम किया जा सकता है साथ ही कम प्रदूषण वाले वाहनों का उपयोग किया जा सकता है। सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करके निजी वाहनों की संख्या को कम किया जा सकता है, जिससे गर्मी का उत्सर्जन कम होगा।

(v) शैक्षिक कार्यक्रम:-

     शिक्षा के माध्यम से लोगों को नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा सकता है, जिससे वे अपनी ऊर्जा की खपत को कम कर सकते हैं और अधिक टिकाऊ जीवन शैली अपना सकते हैं

(vi) डिजिटल ट्विन:-

    नगरीय ऊष्मा द्वीप के प्रभाव को मापने और भविष्यवाणी करने के लिए डिजिटल ट्विन का उपयोग किया जा सकता है, जिससे शहर के योजनाकारों को उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है 

भारत के नगरीय ऊष्मा द्वीप के संदर्भ में नासा का विश्लेषण:

(i) नासा के अनुसार, दिल्ली के शहरी भागों में नगरीय ऊष्मा द्वीप की घटनाएंँ अधिक हो रही हैं।

(ii) दिल्ली के आसपास के कृषि क्षेत्रों की तुलना में शहरी भागों का तापमान काफी अधिक है।

(iii) नासा के इकोसिस्टम स्पेसबोर्न थर्मल रेडियोमीटर एक्सपेरिमेंट (इकोस्ट्रेस) द्वारा ली गई तस्वीर ने दिल्ली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लाल धब्बे, साथ ही पड़ोसी शहरों जैसे- सोनीपत, पानीपत, जींद और भिवानी के आसपास छोटे लाल धब्बों का खुलासा किया है।

(iii) इकोस्ट्रेस रेडियोमीटर से युक्त उपकरण है जिसे नासा द्वारा 2018 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया था।

(iv) इकोस्ट्रेस मुख्य रूप से पौधों के तापमान का आकलन करने के साथ-साथ उनकी जल की आवश्यकताओं और उन पर जलवायु के प्रभाव को जानने का कार्य करता है।

(v) इकोस्ट्रेस के आंँकड़ों में ये लाल धब्बे नगरीय ऊष्मा द्वीप के अधिक तापमान, जबकि शहरों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कम तापमान की घटनाओं का संकेत देते हैं।

नीतिगत उपाय:

     नगरीय उष्मा द्वीप (Urban Heat Island) प्रभाव को कम करने के लिए, नीतिगत उपाय के रूप में हरित क्षेत्र, ठंडी छतें और हल्के रंग के फुटपाथों को बढ़ावा देना, पेड़ लगाना, सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और शहर की योजना में जलवायु को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

   इस प्रकार, उपर्युक्त प्रभावों को देखते हुए, उचित रणनीतियों के साथ उनका मुकाबला करना वर्तमान समय की मांग बन गया है। नीति निर्माताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में अवसरों को बढ़ाने के लिए कदम उठाकर अनियोजित विस्तार को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आगे के विस्तार की योजना बनानी चाहिए। 

नोट:

डिजिटल ट्विन:- डिजिटल ट्विन जिसे डिजिटल डुप्लिकेट भी कहा जाता है, किसी भौतिक वस्तु, प्रक्रिया अथवा प्रणाली का एक आभासी, डिजिटल प्रतिनिधित्व है

     यह भौतिक दुनिया की वस्तु की नकल करता है और वास्तविक समय के डेटा के साथ अपडेट होता है तथा विभिन्न वातावरणों में इसके प्रदर्शन एवं व्यवहार का अनुकरण करने के लिए उपयोग किया जाता है

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

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