Unique Geography Notes हिंदी में

Unique Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स) वेबसाइट के माध्यम से दुनिया भर के उन छात्रों और अध्ययन प्रेमियों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें भूगोल के बारे में जानकारी और ज्ञान इकट्ठा करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस वेबसाइट पर नियमित रूप से सभी प्रकार के नोट्स लगातार विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित करने का काम जारी है।

प्रेरक ज्ञान, विचार तथा कहानियाँ

12. अजब-गजब


 अजब-गजब⇒

            इस देश में सब कुछ अजब-गजब हो रहा है। हमको तो लगता है कि यह देसे है अजब और गजब लोगों का।

         तो, हम कह रहे थे… कह कहाँ रहे थे। कहेंगे तो अब। देखिये जी, यहाँ नेता और जनता का संबंध वैसा है, जैसा दूध के साथ पानी का पगार के साथ घूस का। बाजार के साथ महँगाई का। आलू के साथ झुलसा रोग का…। अब ये एक-दूसरे से पूछकर तो अपना काम नहीं करेगा न।

          झुलसा रोग आलू से पूछकर आयेगा क्या? न महँगाई बाजार से पूछकर आया करेगी और न ही घूस पगार के बारे में पूछताछ करेगी। और पानी तो दूध का लंगोटिया यार है, फिर पूछने की क्या जरूरत है?

अजब-गजब

         लेकिन नहीं…नेतागिरी में ऐसा नहीं होता। आप वाले जनता से पूछकर ही हर्र-हुर्र कर रहे हैं। कहाँ झाडू मारना है कहाँ नहीं, जनता से ही पूछेंगे। जनता ने सरकार बनाने के लिए थोड़े न वोट दिया, वो तो सिर्फ राइट टू पूछने के वास्ते दिया था। सरकार बनाएँ कि नहीं, बड़ी कोठी तथा सुरक्षा लें कि नहीं, लाल बत्ती जलाएँ कि नहीं-सब काम केजरीवाल ने जनता से पूछकर ही किया न। जनता भी ‘पुछवाकर तृप्त। उधर, राहुल गांधी की सारी उमर मम्मी से पूछने में ही घिस रही है।

          गरीब के घर का खाना पचा लेंगे, लेकिन जब गरीब को अपने घर खाने पर बुलाना हो तो मम्मी से ही पूछेंगे। तो, प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी लेनी है कि नहीं, यह भी तो मम्मीजी से पूछकर ही तय करेंगे न। लेकिन सबका गुरु निकले नरेन्द्र भाई। गुरुई में तो उन्होंने अपने ‘गुरुओं’ का गुड़ गोबर का दिया। और पूछने के मामले में सबको पछाड़ डाला। इसलिए कि खुद ही जनता से पूछते हैं और खुदहि जवाब देते परन्तु मंच पर से पूछते जरूर हैं, ताकि जनता ये न बूझे कि पूछा नहीं…।

       तो, है न यह अजब-गजब? अब तो घोड़ा भी घास से पूछकर ही चरा करेगा। चोर कोतवाल से पूछेगा कि चोरी कर लें? और तो औ, राजा प्रजा से पूछेगा कि हम भी थोड़ा-बहुत ‘अराजक’ हो लें-तुम्हारी तरह?

स्रोत: दे दे राम, दिला दे राम !, (विरेन्द्र नारायण झा)

I ‘Dr. Amar Kumar’ am working as an Assistant Professor in The Department Of Geography in PPU, Patna (Bihar) India. I want to help the students and study lovers across the world who face difficulties to gather the information and knowledge about Geography. I think my latest UNIQUE GEOGRAPHY NOTES are more useful for them and I publish all types of notes regularly.

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

error:
Home